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परिवर्तन का समय अभी है। विकल्प स्पष्ट और भयानक है। अगर हम वर्तमान ढर्रे पर ही चलते रहे तो विश्व के अन्य लोग हमसे आगे निकल जाएँगे। गरीबी व बेरोजगारी और ज्यादा बढ़ जाएगी, जो हमारे समाज को अंतर्विस्फोट की ओर ले जाएगी। और अगर हम बदलाव लाएँगे तो हम वास्तविक प्रगति कर पाएँगे—गरीबी से समृद्धि की ओर, गतिरोध से तीव्र विकास की ओर।’
भारत अभी भी एक दशक के भीतर ही विकसित देशों की सूची में शामिल हो सकता है। ‘भारत 2020 और उसके बाद’ नामक यह पुस्तक इस रूपांतरण के लिए एक पूरी कार्ययोजना प्रदान करती है।
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अनुक्रम
प्रस्तावना : ए.पी.जे. अदुल कलाम — ix
1. 2014 में भारत — 1
2. खोए हुए अवसरों से सीखना — 14
3. कृषि की मुति — 27
4. निर्माण: विशाल संभावनाएं — 41
5. खनन: हमारे प्राकृतिक संसाधनों का मूल्य संवर्धन — 51
6. बुनियादी सुविधाएं: अर्थव्यवस्था की अस्थि-मज्जा — 61
7. जैव विविधता: वाणिज्य और संरक्षण में संतुलन — 71
8. जीवन की कैमिस्ट्री — 76
9. ज्ञान अर्थव्यवस्था का तंत्रिका नेटवर्क — 91
10. अपशिष्ट से समृद्धि तक — 99
11. सबके लिए स्वास्थ्य — 109
12. राष्ट्रीय सुरक्षा: ता़कत, ख़ुफ़िया तंत्र एवं सतत सतर्कता — 120
13. शिक्षा का रूपांतरण — 129
14. उभरती प्रौद्योगिकियां बराबरी करना और आगे निकलना — 137
15. या भारत यह कर सकता है? — 155
मिशन — 168
आभार — 169
टिप्पणियां — 171
भारतीय उद्योग परिसंघ (C.I.I.) के प्रमुख सलाहकार और ‘टाइफैक’ (TIFAC) के कार्यकारी निदेशक हैं। वे ‘इसरो’ (ISRO) एवं डिपार्टमेंट ऑफ स्पेस से सन् 1966-88 तक संबद्ध रहे और उपग्रह कार्यक्रम में सक्रिय रूप से भाग लिया। भारतीय अंतरिक्ष कार्यक्रम के अपने लंबे कैरियर में उन्हें विक्रम साराभाई, ब्रह्म प्रकाश, सतीश धवन, ए.पी.जे. अब्दुल कलाम, यू.आर. राव जैसे सुविख्यात भारतीय वैज्ञानिकों के साथ काम करने का अवसर मिला। वे संयुक्त राष्ट्र सहित विभिन्न अंतरराष्ट्रीय संस्थाओं में भारतीय प्रतिनिधिमंडल के सदस्य के रूप में काम कर चुके हैं। उन्होंने पूर्व राष्ट्रपति डॉ. ए.पी.जे. अब्दुल कलाम के साथ मिलकर ‘भारत 2020 : नवनिर्माण की रूपरेखा’ एवं ‘महाशक्ति भारत’ जैसी प्रसिद्ध पुस्तकों के अतिरिक्त ‘चूजिंग कैरियर पाथ्स’ तथा ‘रिमोट सेंसिंग’ पर पुस्तक की रचना की है। अब तक उनके तमिल में चार और अंग्रेजी में दो काव्य-संग्रह प्रकाशित हो चुके हैं। संपर्क सूत्र : y.s.rajan@ciionline.org/www.ysrajan.com
डॉ. ए.पी.जे. अब्दुल कलाम भारत के यशस्वी वैज्ञानिकों में से एक तथा उपग्रह प्रक्षेपण यान और रणनीतिक मिसाइलों के स्वदेशी विकास के वास्तुकार हैं। एस.एल.वी.-3, ‘अग्नि’ और ‘पृथ्वी’ उनकी नेतृत्व क्षमता के प्रमाण हैं। उनके अथक प्रयासों से भारत रक्षा तथा वायु आकाश प्रणालियों में आत्मनिर्भर बना।
अन्ना विश्वविद्यालय में प्रौद्योगिकी तथा सामाजिक रूपांतरण के प्रोफेसर के रूप में उन्होंने विद्यार्थियों से विचारों का आदान-प्रदान किया और उन्हें एक विकसित भारत का स्वप्न दिया। अनेक पुरस्कार-सम्मानों के साथ उन्हें देश के सबसे बड़े नागरिक सम्मान ‘भारत रत्न’ से भी सम्मानित किया गया।
संप्रति : भारत के राष्ट्रपति।