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Bharat Evam Vishva Ke Mahan Divas   

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Author Pushpa Sinha
Features
  • ISBN : 9788193295618
  • Language : Hindi
  • Publisher : Prabhat Prakashan
  • Edition : 1st
  • ...more
  • Kindle Store

More Information

  • Pushpa Sinha
  • 9788193295618
  • Hindi
  • Prabhat Prakashan
  • 1st
  • 2022
  • 192
  • Hard Cover
  • 200 Grams

Description

सदियों से दुनिया भर में दिवसों का महत्त्व है। दिवस ही आदमी को कर्म में संलग्न करते हैं, जबकि रातें विश्राम और नींद के लिए होती हैं। इस तरह दिवस हमारे लिए पवित्र और पूजनीय बन जाते हैं।
प्रस्तुत पुस्तक के दिवस किसी-न-किसी उद्देश्य के लिए लोगों के महान् त्याग, बलिदान और तपस्या की याद दिलाते हैं तो किन्हीं क्षेत्रों में उनके अद्भुत, चमत्कारी कार्यों की बानगी को रेखांकित करते हैं। कहीं शौर्य, खेल, स्वास्थ्य, संस्कृति, करुणा, प्रेम, भाईचारा के लिए समर्पित योगदान को याद किया जाता है, तो कहीं गुलामी की जंजीरें तोड़कर आजादी के खुले आकाश में साँस लेनेवाले देश को स्मृति के पटल पर अंकित कर उसकी याद का हर साल जश्न मनाते हैं। यहाँ तक कि देश और दुनिया को नई दिशा देने के लिए, नए समाज की रचना के लिए, नई रीतियों और परिपाटियों की शुरुआत के लिए भी इन्हें याद किया जाता है। चहुँ ओर फैली विकृतियों, विसंगतियों, अपराधों, अंधविश्वासों और कुरीतियों को दूर करने के लिए जो महान् कार्य किए गए उनकी महानता को भी हम याद करते हैं।
‘भारत एवं विश्व के महान् दिवस’ ऐसी ही एक महत्त्वपूर्ण पुस्तक है, जो देश और दुनिया के 191 महान् दिवसों की याद दिलाएगी, जिन्हें प्रत्येक वर्ष एक खास तिथि को समारोहपूर्वक मनाया जाता है।
यह पुस्तक सुधी पाठकों को हर महान् दिवस की रोमांचक जानकारी देगी। साथ ही छात्रों, शोधार्थियों, प्रतियोगी परीक्षाओं में भाग लेनेवालों, प्रवक्ताओं एवं शिक्षकों के लिए भी उपयोगी सिद्ध होगी।

The Author

Pushpa Sinha

30 मार्च, 1953 को बिहार के पटना शहर में जन्म। बचपन कोलकाता में बीता, अध्ययन भी वहीं हुआ। विज्ञान, शिक्षा, कानून तथा मानवाधिकार की उपाधियाँ प्राप्‍त कीं। दिल्ली में अध्यापन के दौरान बच्चों के प्रति गहरी रुचि जागी, परिणामस्वरूप बच्चों के अधिकारों पर ‘ह्यूमन राइट्स फॉर चिल्ड्रेन’ नामक पुस्तक लिखी, जो अत्यधिक चर्चित हुई। अब तक विभिन्न विषयों पर पंद्रह पुस्तकें प्रकाशित।
‘इंडिया सोसाइटी ऑफ ऑथर्स’ की सदस्या हैं। राष्‍ट्रीय मानवाधिकार आयोग द्वारा मौलिक कृति ‘मानव अधिकार एवं महिलाएँ (महिलानामा)’ वर्ष 2006 में प्रथम पुरस्कार से सम्मानित।
संप्रति : स्वतंत्र लेखन एवं अपनी आत्मकथा ‘पुष्पांजलि’ लिखने में संलग्न।

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