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क्रिकेट की दुनिया में ‘भारत की दीवार’ एवं ‘मि. भरोसेमंद’ जैसे उपनामों से प्रसिद्ध भारत के स्टार क्रिकेटर राहुल द्रविड़ अपनी भरोसेमंद बल्लेबाजी के लिए जाने जाते हैं। बंगलौर की विकेटों पर खेलते हुए अपने विकास-क्रम में द्रविड़ ने तेज गेंदबाजी का सामने करने की अद्भुत दक्षता अर्जित की है और अपने बल्ले को धुरंधर गेंदबाजों के विरुद्ध घातक हथियार की तरह इस्तेमाल किया है। साथ-ही-साथ विकेट कीपिंग में भी अद्भुत कौशल दिखाकर उन्होंने टीम में एक अतिरिक्त खिलाड़ी को खिला पाने की स्थिति बना दी है। उन्होंने अत्यंत साहस एवं प्रतिबद्धता के साथ क्रिकेट खेला है और युवा क्रिकेटरों के लिए आदर्श के रूप में उभरे हैं। उन्होंने कई अंतरराष्ट्रीय मैचों में भारतीय टीम की कप्तानी भी की है।
प्रस्तुत पुस्तक द्रविड़ के बचपन के दिनों से उनकी प्रगति तथा क्रिकेट की दुनिया में उनके उतार-चढ़ावपूर्ण कैरियर एवं खेल-कौशल के विषय में लेखक द्वारा किए गए विस्तृत शोध का परिणाम है। उनकी यह जीवनी लेखक द्वारा स्वयं उनसे, उनके परिवारजनों, अंतरंग मित्रों एवं निकटस्थ लोगों से साक्षात्कार कर तैयार की गई है।
प्रत्येक क्रिकेट-प्रेमी के लिए पठनीय एवं संग्रहणीय पुस्तक।
वेदम जयशंकर एक अनुभवी क्रिकेट संवाददाता हैं। अपने लगभग दो दशक के कैरियर के दौरान उन्होंने खूब यात्राएँ कीं और दुनिया भर के छह महाद्वीपों में क्रिकेट की रिपोर्टिंग की। क्रिकेट उनके लिए एक दीवानगी है। ‘द डेकन हेराल्ड’ में कुछ समय काम करने के बाद वह कई वर्षों तक ‘दि इंडियन एक्सप्रेस’ में मुख्य क्रिकेट संवाददाता रहे। क्रिकेट के लिए उन्होंने टी.वी. तथा रेडियो कमेंटरी भी की है। खेल पत्रकारिता में श्रेष्ठता के लिए उन्हें कर्नाटक राज्य सरकार की ओर से ‘दसारा पुरस्कार’ और पत्रकारिता में उल्लेखनीय योगदान के लिए ‘रोटरी क्लब पुरस्कार’ मिला। उन्होंने दो विश्व कप टूर्नामेंटों के लिए बी.सी.सी.आई. की एक्रिडिशन कमेटी में भी अपनी सेवाएँ प्रदान की हैं।