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छह विभिन्न शीर्षकों में विभक्त प्रस्तुत पुस्तक ‘भारत का नव निर्माण’ सुरेश रूँगटा द्वारा समयसमय पर विभिन्न पत्रों में लिखे गए सारगर्भित लेखों का संकलन है। इन आलेखों में पिछले तीनचार वर्षों के दौरान राज्य के अलावा राष्ट्रीय एवं अंतरराष्ट्रीय स्तर पर हुए बुनियादी एवं सुधारवादी परिवर्तनों का विस्तार से विवरण है। ज्वलंत विषयों तथा घटनाओं, खासकर आर्थिक, सामाजिक एवं राजनैतिक समस्याओं पर आधिकारिक ढंग से गहन एवं निष्पक्ष चिंतन और विवेचन के साथ उसके उचित समाधान के तर्कसम्मत सुझाव प्रस्तुत किए गए हैं।
मूल रूप से पुस्तक का आलोच्य विषय है—भारत का पुनरुत्थान—भौतिक एवं बौद्धिक स्तरों पर। भारत एवं हिंदुत्व के विरुद्ध फैलाई जा रही भ्रांति एवं अनर्गल प्रवादों का परदाफाश करके रूँगटाजी ने लोकोपयोगी काम किया है। कृषिसमस्या, भूमिअधिग्रहण, पर्यावरण की रक्षा, खाद्यसुरक्षा, गरीबों की बैंक तक पहुँच एवं कालेधन और भ्रष्टाचार की विदाई के अलावा विकास के पैमाने की विकृति और नैतिकता से बढ़ती हुई दूरी आदि से संबंधित लेख भी पुस्तक में संकलित हैं। निस्संशय सामयिक विषयों पर तटस्थ भाव से विवेचन पुस्तक की सार्थकता है।
भारत के नवनिर्माण तथा स्वर्णिमउज्ज्वल भविष्य के लिए जिस मनःस्थिति और कार्यकलापों की आज आवश्यकता
है, उनपर केंद्रित हैं इस पुस्तक के
पठनीय लेख।
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अनुक्रम
शुभाशंसा — Pgs. 7
प्रस्तावना — Pgs. 9
भारतीय अर्थव्यवस्था
1. ‘आधार’ नकद ससिडी का आधार होगा — Pgs. 19
2. जन-धन योजना पूर्णरूपेण सफल — Pgs. 23
3. भूमि अधिग्रहण अध्यादेश किसान-विरोधी नहीं — Pgs. 26
4. सरकारी बीमा योजनाएँ : एक अच्छी पहल — Pgs. 30
5. खेती लाभकारी होगी, तभी कृषि का विकास होगा — Pgs. 33
6. मोदी सरकार के बढ़ते कदम — Pgs. 36
7. रिटेल में एफ.डी.आई. : सुधार या बंटाधार — Pgs. 40
8. प्रथम वर्ष से ही सर्वांगीण विकास का जतन — Pgs. 44
9. मुद्रा बैंक से छोटे कारोबारियों को पूँजी — Pgs. 47
10. सरकारी नीतियों से कृषि बदहाल — Pgs. 50
11. कृषि-समस्या और निदान के प्रयास — Pgs. 54
बजट एवं विय नीति
1. सुपर रिच : सुपर टैस की तैयारी — Pgs. 61
2. यू.पी.ए. के शासन में या हालात सुधरेंगे — Pgs. 65
3. सरकारी नाकामी का नतीजा : रुपए में निरंतर गिरावट — Pgs. 69
4. वाकई यह बजट सर्वग्राही, सर्वव्यापी एवं सर्वस्पर्शी है — Pgs. 73
5. बजट-आवंटन में कई क्षेत्रों की अनदेखी — Pgs. 77
6. विकास को बढ़ानेवाला बजट — Pgs. 81
7. ससिडी से ज्यादा निवेश की जरूरत — Pgs. 85
8. नए दिवालिया कानून का औचित्य — Pgs. 89
9. ग्राम-निर्माण की छवि निखारेगा बजट — Pgs. 92
समाज एवं राजनीति
1. कोयले की काली कमाई की कहानी — Pgs. 97
2. आम आदमी के लिए आजादी का मतलब — Pgs. 101
3. आखिर कोर्ट को आगे आना पड़ा — Pgs. 105
4. असम समस्या देश को चेतावनी — Pgs. 108
5. सोशल मीडिया का सामाजिक चेहरा — Pgs. 113
6. संसद् बाधित करना लोकतांत्रिक व्यवस्था पर प्रहार — Pgs. 117
7. चुनाव-सुधार : एक विचारणीय मुद्दा — Pgs. 120
8. जातीय आरक्षण, वोट की राजनीति का स्थायी भाव — Pgs. 123
9. भारतीय लोकतंत्र, दलितों के लिए कितना सार्थक — Pgs. 126
10. हंगामे से सच्चाई नहीं छिपती है — Pgs. 130
11. एक नई दिशा दे गया लोकसभा चुनाव — Pgs. 133
12. विकास को बाधित न करे विपक्ष — Pgs. 137
13. शैक्षणिक परिसर को जातीय अखाड़ा न बनाएँ — Pgs. 140
न्याय और सामर्थ्य
1. असहिष्णुता का हौवा अशांति फैलाने का प्रयास — Pgs. 145
2. सरदार पटेल : एकता की प्रतिमूर्ति — Pgs. 148
3. यों महफूज नहीं महिलाएँ — Pgs. 153
4. जन-आकांक्षाओं के नायक बने मोदी — Pgs. 157
5. खाद्य सुरक्षा : चुनौतियाँ एवं संभावनाएँ — Pgs. 161
6. घर-वापसी धर्मांतरण नहीं है — Pgs. 166
7. स्टार्टअप इंडिया : विकास का ऐप — Pgs. 169
8. अभिव्यति की आजादी की एक सीमा है — Pgs. 172
पृथ्वी और पर्यावरण
1. कमजोर मानसून : परेशानी का सबब — Pgs. 177
2. देवभूमि पर आपदा : प्राकृतिक या मानवीय — Pgs. 181
3. पानी नहीं तो प्राणी नहीं — Pgs. 185
4. पर्यावरण प्रदूषण को नियंत्रित करना आवश्यक — Pgs. 189
5. स्वच्छ भारत अभियान में सबकी सहभागिता जरूरी — Pgs. 192
संस्कृति एवं दर्शन
1. योग : नीरोग रहने का एक रास्ता — Pgs. 199
2. देश को एकता के सूत्र में बाँधनेवाले राम — Pgs. 202
3. गुरु, पूर्णिमा के चाँद हैं — Pgs. 206
4. बुद्धं शरणं गच्छामि — Pgs. 209
5. भारतीय संस्कृति के पुनरुद्धारक : स्वामी विवेकानंद — Pgs. 214
जन्म : 1955, पटना सिटी।
शिक्षा : स्नातकोत्तर, (वाणिज्य) पटना विश्वविद्यालय प्रथम श्रेणी।
कृतित्व : बाल्यकाल से संघ के स्वयंसेवक। 1974 के छात्र आंदोलन में सक्रिय भागीदारी, जेलयात्रा। सन् 2012 में ‘बीते दशक की देशदशा एवं वर्तमान चुनौतियाँ’ पुस्तक प्रकाशित।
मगध स्टॉक एक्सचेंज के पूर्व अध्यक्ष। कई सामाजिक, सांस्कृतिक एवं साहित्यिक संस्थाओं से संबद्ध।
मोहन वीणा (हवाई गिटार), अध्यात्म एवं दर्शनशास्त्र की पुस्तकें पढ़ना, डाक टिकट संग्रह एवं पेंटिंग में विशेष अभिरुचि।
संप्रति : भारतीय जनता पार्टी, बिहार के प्रवक्ता।