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विश्वप्रसिद्ध लेखक रस्किन बॉण्ड का भारत के बारे में कहना है कि मेरे मन में बसनेवाला भारत वह नहीं है, जो हमेशा चर्चा में रहता है। मेरे मन में बसनेवाला भारत वह है, जिसमें आम जनों का सद्भाव और हास्य वृत्ति है, सभी के रीति-रिवाजों के प्रति सहिष्णुता की भावना है, दूसरों के व्यक्तिगत जीवन में हस्तक्षेप न करने का स्वभाव है, आपसी भाईचारे की भावना है, मुश्किलों को स्वीकार करने की एक दार्शनिक प्रवृत्ति है, प्रेम और स्नेह है—खासकर बच्चों में।
लेखों और कविताओं के इस संग्रह से पाठकों को पता चलेगा कि यहाँ के लोगों, यहाँ के स्थानों और यहाँ की विभिन्न वस्तुओं के लिए मेरे मन में क्या भावना है। इन भावनाओं में से कुछ तो मेरे बचपन से जुड़ी हैं और कुछ वर्तमान से।
बालपन की मस्ती, उल्लास और उल्हड़ता से भरपूर ये रचनाएँ आपको भी अपना बचपन याद दिला देंगी, हमारा अटल विश्वास है।