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गणित एक ऐसा विषय है, जिससे कम लोगों को ही लगाव होता है, लेकिन कम-से-कम अपनी स्कूली शिक्षा के दौरान इस विषय को पूरी तन्मयता के साथ सभी को पढ़ना और समझना होता है, क्योंकि इस विषय की शिक्षा प्राप्त किए बिना किसी भी क्षेत्र में सफलता प्राप्त नहीं की जा सकती।
इस पुस्तक में विश्व के कुछ महान् गणितज्ञों के जीवन पर प्रकाश डाला गया है। विश्व भर में ख्याति प्राप्त गणितज्ञों के आविष्कारों का विस्तृत वर्णन न करते हुए, उनका परिचय मात्र देकर उनके जीवन से संबंधित तमाम जानकारियों को प्रस्तुत करने का प्रयास किया गया है, जैसे उनका जन्म, माता-पिता, परिवार, शिक्षा-दीक्षा, कॉरियर, जीवन में आने वाली कठिनाइयाँ व उनका संघर्ष, आविष्कार, सम्मान/पुरस्कार आदि। ये कुछ ऐसी जानकारियाँ हैं, जो पाठक को इन महान् गणितज्ञों के और निकट ला देंगी, और वे इनसे प्रेरणा लेकर गणित के विषय में अपनी अभिरुचि और अध्ययन को विकसित कर पाएँगे।
जन्म : 21 अप्रैल, 1970 को खंडवा (म.प्र.) में।
शिक्षा : एम.एस-सी., जेनेटिक्स (भोपाल विश्वविद्यालय), बरकतउल्लाह विश्वविद्यालय, भोपाल से आनुवंशिकी में डॉक्टरेट की उपाधि।
कृतित्व : राष्ट्रीय एवं अंतरराष्ट्रीय कॉन्फ्रेंसों में शोधपत्र प्रस्तुत। दो पुस्तकें, पाँच शोधपत्र तथा विभिन्न पत्र-पत्रिकाओं में वैज्ञानिक विषयों पर आलेख प्रकाशित। आकाशवाणी एवं दूरदर्शन (भोपाल) पर वैज्ञानिक विषयों का प्रसारण। बायोटेक्नोलॉजी की प्रवक्ता रहीं।
पुरस्कार-सम्मान : वैज्ञानिक क्षेत्र में उल्लेखनीय कार्यों के लिए सन् 1997 में ज्ञान-विज्ञान समिति, सतना (म.प्र.) द्वारा ‘समता महिला सम्मान’ से सम्मानित।
संप्रति : स्वतंत्र-लेखन; समसामयिक वैज्ञानिक विषयों पर पुस्तकों एवं आलेखों द्वारा जनमानस में विज्ञान के प्रचार में संलग्न।
हिंदी के प्रतिष्ठित लेखक महेश शर्मा का लेखन कार्य सन् 1983 में आरंभ हुआ, जब वे हाईस्कूल में अध्ययनरत थे। बुंदेलखंड विश्वविद्यालय, झाँसी से 1989 में हिंदी में स्नातकोत्तर। उसके बाद कुछ वर्षों तक विभिन्न पत्र-पत्रिकाओं के लिए संवाददाता, संपादक और प्रतिनिधि के रूप में कार्य। लिखी व संपादित दो सौ से अधिक पुस्तकें प्रकाश्य। भारत की अनेक प्रमुख हिंदी पत्र-पत्रिकाओं में तीन हजार से अधिक विविध रचनाएँ प्रकाश्य। हिंदी लेखन के क्षेत्र में उल्लेखनीय योगदान के लिए अनेक पुरस्कार प्राप्त, प्रमुख हैंमध्य प्रदेश विधानसभा का गांधी दर्शन पुरस्कार (द्वितीय), पूर्वोत्तर हिंदी अकादमी, शिलाँग (मेघालय) द्वारा डॉ. महाराज कृष्ण जैन स्मृति पुरस्कार, समग्र लेखन एवं साहित्यधर्मिता हेतु डॉ. महाराज कृष्ण जैन स्मृति सम्मान, नटराज कला संस्थान, झाँसी द्वारा लेखन के क्षेत्र में ‘बुंदेलखंड युवा पुरस्कार’, समाचार व फीचर सेवा, अंतर्धारा, दिल्ली द्वारा लेखक रत्न पुरस्कार इत्यादि।
संप्रति : स्वतंत्र लेखक-पत्रकार।