₹300
"भारतवर्ष का समृद्ध और विविधता भरा इतिहास है, जो कई सहस्राब्दियों फैला हुआ है। सदियों से इसमें कई साम्राज्यों, राज्यों और राजवंशों का उदय और पतन होता रहा है। प्रत्येक युग ने एक स्थायी विरासत छोड़ी है, जो भारत की संस्कृति, परंपराओं और पहचान को आकार देती रही है।
प्रस्तुत पुस्तक में भारत के पराक्रमी राजाओं की गौरवगाथा है। इसमें चोल राजवंश का शासनकाल वर्णित है, जिसने 9वीं से 13वीं शताब्दी तक दक्षिणी भारत पर शासन किया था। चोल राजा अपने सैन्य कौशल, कला और साहित्य के संरक्षण के लिए जाने जाते थे। मराठा साम्राज्य 1674 से 1818 ई. तक चला। मराठा राजाओं ने भारत के राजनीतिक इतिहास में एक महत्त्वपूर्ण भूमिका निभाई और छत्रपति शिवाजी महाराज जैसे कुछ सबसे प्रमुख राजाओं के शासनकाल को भी संकलित किया गया है, जिन्होंने हिंदवी साम्राज्य की स्थापना की। पेशवा बाजी राव का वर्णन है, जिन्होंने मराठा साम्राज्य का विस्तार किया और एक मजबूत केंद्रीकृत शासन की स्थापना की।
प्रस्तुत पुस्तक पाठकों को भारतवर्ष के समृद्ध और गौरवशाली इतिहास में गहराई तक जाने और इसके कई महान् राजाओं के शौर्य, पराक्रम, प्रजावत्सलता और लोकहितकारी छवि का दिग्दर्शन करवाती है।"
हिंदी के प्रतिष्ठित लेखक महेश दत्त शर्मा का लेखन कार्य सन् 1983 में आरंभ हुआ, जब वे हाईस्कूल में अध्ययनरत थे। बुंदेलखंड विश्वविद्यालय, झाँसी से 1989 में हिंदी में स्नातकोत्तर। उसके बाद कुछ वर्षों तक विभिन्न पत्र-पत्रिकाओं के लिए संवाददाता, संपादक और प्रतिनिधि के रूप में कार्य। लिखी व संपादित दो सौ से अधिक पुस्तकें प्रकाश्य। भारत की अनेक प्रमुख हिंदी पत्र-पत्रिकाओं में तीन हजार से अधिक विविध रचनाएँ प्रकाश्य।
हिंदी लेखन के क्षेत्र में उल्लेखनीय योगदान के लिए अनेक पुरस्कार प्राप्त, प्रमुख हैं—मध्य प्रदेश विधानसभा का गांधी दर्शन पुरस्कार (द्वितीय), पूर्वोत्तर हिंदी अकादमी, शिलाँग (मेघालय) द्वारा डॉ. महाराज कृष्ण जैन स्मृति पुरस्कार, समग्र लेखन एवं साहित्यधर्मिता हेतु डॉ. महाराज कृष्ण जैन स्मृति सम्मान, नटराज कला संस्थान, झाँसी द्वारा लेखन के क्षेत्र में ‘बुंदेलखंड युवा पुरस्कार’, समाचार व फीचर सेवा, अंतर्धारा, दिल्ली द्वारा लेखक रत्न पुरस्कार इत्यादि।
संप्रति : स्वतंत्र लेखक-पत्रकार।