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"भारत के प्राचीन एवं मध्यकालीन इतिहास को लेकर आधुनिक इतिहासकारों ने कई भ्रांत धारणाएँ हमारे बीच फैला दीं, जिनसे भारतीयों में निराशा का संचार हुआ। प्रस्तुत पुस्तक गहन अनुसंधान व प्रमाण सहित इन भ्रांत धारणाओं का एक सटीक उत्तर है। देश की स्वाधीनता के आंदोलन का प्रारंभ केवल अंग्रेजों से ही आरंभ नहीं होता, वह विगत ढाई हजार वर्ष पुराना संघर्ष है, जिसमें भारत की जनता ने अपना सर्वस्व न्योछावर किया है।
अखंड भारत में ऐसी अनेक महान् विभूतियाँ हुईं, जिन्होंने अपने पराक्रम के बल पर विदेशी आततायियों का डटकर मुकाबला किया और भारत को एक सनातन राष्ट्र बने रहने में अपना योगदान दिया। धर्म और संस्कृति के रक्षार्थ किए गए जौहर और साके विश्व-इतिहास में दुर्लभ हैं।
विदेशी आक्रांताओं को खदेड़कर देश में शांति स्थापित करने वाले ऐसे महानायकों के प्रामाणिक व प्रेरक जीवन-चरित से परिपूर्ण यह पुस्तक भारतीय नायक-नायिकाओं पर गर्व करने वालों के लिए पठनीय है। भारतीय अस्मिता, साहस, पराक्रम और संघर्ष की जिजीविषा व संकल्प-शक्ति का दिग्दर्शन करवाती प्रेरक पुस्तक ।"