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'लोक प्रबन्धन' लोक प्रशासन के भीतर से विकसित एक नवीन और विशिष्ट अवधारणा,है। 'लोक प्रबन्धन' प्रशासन का एक महत्वपूर्ण और अभिन्न अंग है।, संघ लोक सेवा आयोग और राज्य लोक सेवा आयोगों द्वारा प्रतिवर्ष सिविल सेवा,परीक्षाएँ आयोजित की जाती हैं, जिनके माध्यम से प्रशासनिक, पुलिस, राजस्व, कर, लेखा आदि सेवाओं के लिए सिविल सेवकों की भर्ती की जाती है।
अन्य विशिष्ट,सेवाएँ जहाँ अपने-अपने कार्यक्षेत्र में कार्य करती हैं, वहीं प्रशासनिक सेवा (आई.ए.एस.,पी.सी.एस.) आदि लोक प्रशासन व लोक प्रबन्धन को व्यावहारिक रूप में परिणत कर सभी क्षेत्रों के मध्य समन्वय स्थापित कर प्रशासन व प्रबन्धन का कार्य करती है।
प्रशासन की यही विशेषता, प्रशासनिक सेवा को अन्य सेवाओं से विशिष्ट बनाती,है, क्योंकि प्रशासन में वस्तुतः 'लोक प्रबन्धन के सिद्धांतों का व्यावहारिक कार्यान्वयन किया जाता है, जिसमें विधि, अर्थशास्त्र, लोक प्रशासन, राजनीति, प्रबन्धन इन सभी के,सिद्धांतों का समन्वय कर यथास्थिति क्रियान्वयन किया जाता है।
'भारत में लोक प्रबन्धन' नामक यह पुस्तक लोक प्रबन्धन के प्राय सभी पहलुओं को,समावेशित करती है। पुस्तक में शासन एवं सुशासन, संगठनात्मक प्रबन्धन, लोक प्रशासन,,नव लोक प्रबन्धन आदि अवधारणाओं पर चर्चा की गई है। साथ ही, लोक प्रबन्धन की विधि, राजनीति, प्रशासन और अर्थशास्त्र के अंतरसंबंध को भी व्याख्यायित किया गया है।
इस तरह यह पुस्तक अपने विषय की एक सम्पूर्ण और समग्र पुस्तक बन गई है। पुस्तक के 12 अध्यायों में, विभिन्न महत्तपूर्ण विषयों और मुद्दों को शामिल करने का प्रयास किया गया है।
UPSC की वर्ष 2014 की सिविल सेवा परीक्षा में 13वीं रैंक। हिंदी/भारतीय भाषा मीडियम के टॉपर सिविल सेवा मुख्य परीक्षा में तीसरे सर्वाधिक अंक। निबंध और वैकल्पिक विषय (हिंदी साहित्य) के प्रश्नपत्र में सर्वाधिक अंक उत्तर प्रदेश के मेरठ में साधारण पृष्ठभूमि में पले-बढ़े निशान्त ने UPSC में दूसरे प्रयास में सफलता पाई।
इतिहास, राजनीति विज्ञान व अंग्रेजी में ग्रेजुएशन और हिंदी साहित्य में पोस्ट ग्रेजुएशन । यूजीसी की NET-JRF परीक्षा उत्तीर्ण कॉलिज के दिनों में डिबेट, काव्यपाठ, निबंध प्रतियोगिताओं में उत्कृष्ट प्रदर्शन। दिल्ली यूनिवर्सिटी (D.U.) से M.Phil. की उपाधि । सिविल सेवा में चयनित होने से पहले लोक सभा सचिवालय के राजभाषा प्रभाग में दो साल सेवा की। LBSNAA में IAS की दो वर्ष की ट्रेनिंग के उपरांत JNU से पब्लिक मैनेजमेंट में मास्टर्स डिग्री प्राप्त हुई।
सिविल सेवा परीक्षा की तैयारी के लिए यह बेस्टसेलर किताब 'मुझे बनना है UPSC टॉपर' बेहद लोकप्रिय। इंग्लिश में 'All About UPSC CSE' और मराठी में मला व्हायचंय UPSC टॉपर!' अनुवाद भी लोकप्रिय हैं।
सिविल सेवा अभ्यर्थियों की सहायता के लिए मुख्य परीक्षा में निबंध के पेपर पर गंगा सिंह IAS के साथ मिलकर 'अक्षर' (राजकमल प्रकाशन) से सिविल सेवा परीक्षा के लिए निबंध' नामक पुस्तक सम्पादित । 'एथिक्स' पर भी बालाजी डीके IAS की मूल अंग्रेजी पुस्तक के हिंदी अनुवाद' नीतिशास्त्र, सत्यनिष्ठा और अभिरुचि' (JICE पब्लिकेशन, बेंगलुरु) का सम्पादन।
उनकी शोधपरक किताब ' राजभाषा के रूप में हिंदी' नेशनल बुक ट्रस्ट, भारत सरकार से और बाल कविता संकलन ' शादी बंदर मामा की' प्रभात प्रकाशन से प्रकाशित । मोटिवेशनल किताब ' रुक जाना नहीं हिंद युग्म से प्रकाशनाधीन। कविताएँ व ब्लॉग लिखने और युवाओं से संवाद स्थापित करने में रुचि । यूट्यूब व सोशल मीडिया पर लेक्चर/वीडियो काफी लोकप्रिय। भारतीय प्रशासनिक सेवा (IAS) के 2015 बैच के अधिकारी।
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डॉ. जी. एल. शर्मा समाजशास्त्री, कानूनविद्, लेखक, काउंसलर, मोटिवेशनल गुरु एवं प्रशासक के रूप में बहुमुखी प्रतिभा के धनी हैं। आपने समाजशास्त्र, मनोविज्ञान, राजनीतिशास्त्र, मानवाधिकार एवं विधि में स्नातकोत्तर की उपाधि प्राप्त की है। समाजशास्त्र में आप नेट, स्लेट एवं पी-एच.डी. हैं। आपकी दो दर्जन से अधिक पुस्तकें नामचीन प्रकाशकों (रावत, उपकार, प्रभात, राजस्थान हिंदी ग्रंथ अकादमी, यूनिवर्सिटी बुक हाउस इत्यादि) से प्रकाशित हो चुकी हैं। आपके 50 से अधिक लेख एवं शोध-पत्र विभिन्न राष्ट्रीय एवं अन्तर्राष्ट्रीय जर्नल तथा पत्र-पत्रिकाओं में प्रकाशित हो चुके हैं। सामाजिक मुद्दों एवं अन्य विभिन्न विषयों पर आयोजित दो दर्जन से अधिक राष्ट्रीय एवं अन्तर्राष्ट्रीय सेमिनारों में आप शोध-पत्र वाचन कर चुके हैं। इस हेतु आप स्वीडन, डेनमार्क, नार्वे, फिनलैण्ड एवं नेपाल की यात्राएं कर चुके हैं। नर्सिंग प्रोफेशन से अपने कैरियर की शुरुआत करने वाले डॉ. शर्मा निरन्तर अध्ययन-अध्यापन के दौरान सिविल सेवा प्रतियोगी परीक्षाओं के निःशुल्क मार्गदर्शन से जुडे़ रहे हैं। आप आर.ए.एस. अलाइड सर्विस (राजस्थान एक्साइज) में सेवारत रहते हुए राजस्थान आबकारी सेवा संघ (राजस्थान एक्साइज सर्विस ऑफिसर्स एसोसिएशन) के प्रदेश अध्यक्ष रहे। आपने राजस्थान वाणिज्यिक कर विभाग में भी कनिष्ठ वाणिज्यिक कर अधिकारी के रूप में अपनी सेवाएं दी हैं। डॉ. शर्मा अन्तर्राष्ट्रीय शोध पत्रिका पैनासीआ इन्टरनेशनल रिसर्च जर्नल के संस्थापक तथा अवैतनिक मार्गदर्शक हैं। सम्प्रति आप राजस्थान प्रशासनिक सेवा (RAS) के अधिकारी के रूप में उप जिला कलेक्टर एवं मजिस्ट्रेट के पद पर कार्यरत हैं।