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आर्थिक उदारीकरण के युग के प्रारंभ होने के साथ-साथ भारत में ही नहीं, अपितु पूरे विश्व में उद्यमिता के क्षेत्र में बहुत विस्तार हुआ है। सभी विकसित व विकासशील देशों की अर्थव्यवस्था में उद्यमिता, विशेष रूप से एम.एस.एम.ई. सेक्टर अहम योगदान कर रहा है। भारत में एम.एस.एम.ई. सेक्टर का योगदान आयात में 40 प्रतिशत, विनिर्माण में 45 प्रतिशत व सकल घरेलू उत्पाद में 8 प्रतिशत रहा है।
देश में बढ़ती हुई बेरोजगारी की समस्या से निपटने के लिए उद्यमिता के क्षेत्र में एम.एस.एम.ई. सेक्टर की उपलब्धियों को आम आदमी तक पहुँचाने की दृष्टि से इस पुस्तक का लेखन किया गया है। यह पुस्तक उन युवाओं के लिए, जो अपना उद्यम प्रारंभ करना चाहते हैं, मार्गदर्शक साबित होगी। इस पुस्तक के द्वारा नवउद्यमी उद्यमिता के क्षेत्र में भारत सरकार द्वारा चलाई जा रही विशेष योजनाओं व सरकार द्वारा दी जानेवाली विशेष सुविधाओं की जानकारी प्राप्त कर सकेंगे तथा उद्यम स्थापित करने में आनेवाली विभिन्न समस्याओं का निदान पा सकेंगे।
अपना उद्यम स्थापित करने के इच्छुक पाठकों के लिए एक पठनीय कृति।
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अनुक्रम
प्राक्कथन —Pgs. 5
प्रस्तावना —Pgs. 7
1. संक्षिप्त जीवन परिचय —Pgs. 13
2. वर्ष 2014-2017 में एम.एस.एम.ई. की उपलब्धियाँ —Pgs. 17
3. नए आर्थिक परिप्रेक्ष्य में एक संतुलित और विकासोन्मुख बजट 2015-2016 —Pgs. 56
4. प्रधानमंत्री रोजगार सृजन कार्यक्रम की महत्ता —Pgs. 62
5. समूह विकास कार्यक्रम —Pgs. 67
6. जी.एस.टी. देश के आर्थिक सुधार में क्रांतिकारी कदम —Pgs. 69
7. मोक्ष की नई परिभाषा —Pgs. 74
8. मैन्युफैक्चरिंग क्षेत्र में संवर्धन —Pgs. 78
9. लघु उद्योगों का विस्तारण—नौजवानों को समाहित करने में आवश्यक —Pgs. 81
10. लघु उद्योगों के समक्ष चुनौतियाँ —Pgs. 84
11. व्यवसाय को सरल व सुलभ बनाती स्टार्टअप योजना —Pgs. 95
12. वैकल्पिक ऊर्जा का विकास—समय की आवश्यकता —Pgs. 99
13. भारत की युवा शक्ति —Pgs. 103
14. किसानों की समस्याएँ व उनका निवारण —Pgs. 108
15. बेरोजगार से स्वरोजगार तक —Pgs. 114
16. उद्यमिता का सरलीकरण —Pgs. 117
17. देश की आर्थिक व्यवस्था में एम.एस.एम.ई. सेक्टर का योगदान —Pgs. 121
18. देश के आर्थिक विकास में औद्योगिक संघों की भूमिका —Pgs. 130
19. दलित उद्यमिता का सशक्तीकरण —Pgs. 142
20. महिला उद्यमियों के प्रोत्साहन एवं उनके कल्याण हेतु विभिन्न योजनाएँ —Pgs. 146
21. सूक्ष्म व लघु उद्यमियों को आर्थिक सहायता —Pgs. 150
परिशिष्ट-1
एम.एस.एम.ई. मंत्रालय द्वारा कार्यान्वित योजनाएँ —Pgs. 156
परिशिष्ट-2
सांसद के रूप में उपलब्धियाँ —Pgs. 168
परिशिष्ट-3
केंद्रीय मंत्रिमंडल से कलराज मिश्र का त्यागपत्र : एक नैतिक कदम —Pgs. 173
पं. कलराज मिश्र पिछले पाँच दशक से भारतीय राजनीति में सक्रिय हैं। राष्ट्रवाद व समरसता हेतु एकात्म मानववाद उनकी राजनीतिक आस्था के मूल मंत्र रहे हैं। सन् 2014 में श्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में एन.डी.ए. सरकार के गठन के पश्चात् वे केंद्र सरकार में सूक्ष्म, लघु व मध्यम उद्यम मंत्री बनाए गए। मंत्री के रूप में उनके मार्गदर्शन में एम.एस.एम.ई. सेक्टर ने अनेक उपलब्धियाँ प्राप्त कीं। उनका सदैव यह प्रयास रहा कि एम.एस.एम.ई. सेक्टर के विकास हेतु सरकार की नीतियाँ व कार्यक्रम देश के दूर-दराज के उपेक्षित क्षेत्रों में रह रहे लोगों तक पहुँचें। उनकी उपलब्धियों को देखते हुए उन्हें जुलाई 2019 में हिमाचल प्रदेश का राज्यपाल मनोनीत किया गया।
स्वभाव से सरल व मृदुभाषी मिश्रजी अपने लेखन के माध्यम से देश की आर्थिक एवं सामाजिक समस्याओं पर आवाज उठाते रहे हैं। उनके द्वारा लिखित पुस्तकें ‘Judicial Accountability’ व ‘हिंदुत्व : एक जीवन शैली’ काफी लोकप्रिय रही हैं।