₹200
भारत के महापुरुषों ने देश में ही नहीं, संपूर्ण विश्व में अपने ज्ञान, साहस, संयम, वीरता और धीरता का ध्वज लहराया है। राष्ट्र-निर्माण में भारतीय मनीषियों द्वारा समाज को दिया गया विचार-दर्शन उसकी चिरस्थायी संपत्ति है। उनके विचारों को समाज के हित में जीवित रखना हमारा परम कर्तव्य है। ये दिव्य महापुरुष ईश्वर की प्रेरणा से राष्ट्र-चिंतन के विचार की धुन में भारत माता की सेवा के लिए निकल पड़ते हैं और उसके प्रचार में मस्त होकर अपने समाज और राष्ट्र के प्रति उत्तरदायित्वों का निर्वहन कर अपने विचारों को प्रतिपादित करते हैं।
वह स्वयं को कठोर बनाकर समाज के लिए लचीला रहकर समाज के लिए आदर्श और पथ-प्रदर्शक का कार्य करते हैं। उन्हें हम योद्धा संन्यासी भी कहते हैं। स्वामी दयानंद सरस्वती, स्वामी विवेकानंद, गोपाल कृष्ण गोखले, लोकमान्य तिलक, महात्मा गांधी, श्रीगुरुजी गोलवलकर, स्वातंत्र्यवीर सावरकर जैसी विभूतियों ने अपना सर्वस्व राष्ट्र के लिए न्योछावर कर भारत के सर्वोत्कर्ष के लिए स्वयं को समर्पित कर दिया। उन्हीं के पुण्य-प्रताप से भारत का सामाजिक-सांस्कृतिक पुनरुत्थान और नवोत्थान हुआ।
भारत के इन्हीं महापुरुषों के सामाजिक और राजनीतिक विचारों को इस पुस्तक में प्रकाशित किया गया है। अत्यंत प्रेरणाप्रद पुस्तक, जो हर भारतीय को अपने स्वर्णिम अतीत का गौरवबोध कराएगी और उनमें राष्ट्रीय भाव जाग्रत् करेगी।
डॉ. सरवन सिंह बघेल ‘श्रवण’
अनेक सामाजिक-राजनीतिक संगठनों से संबद्ध। राजनीतिक विश्लेषक के रूप में सतत शोध कार्य।
Youtube पर Dr Sarvan Baghel नाम से मोटिवेशनल प्रोग्राम-चैनल। Life संस्था के संस्थापक सदस्य।
शोध कार्य : गरीब कल्याण में दीनदयालजी द्वारा सृजित अंत्योदय और एकात्म मानववाद विचार की सामाजिक और राजनीतिक भूमिका, AUS।
परास्नातक : राजनीति शास्त्र, AUS परास्नातकः वाणिज्य शास्त्र- व्यावसायिक अर्थशास्त्र, Dr.B.R.A.., आगरा।
पुस्तकें : ‘भारतीय मनीषियों की प्रेरक भूमिका’, ‘भारत की सर्वांगीण उन्नति का मंत्र : अंत्योदय’ एवं ‘पंडित दीनदयाल उपाध्याय : जीवन दर्शन एवं एकात्म मानवदर्शन का रेखांकन’।
अनेक पत्र-पत्रिकाओं में लेख और शोध प्रतिवेदनों की शृंखला प्रकाशित।
संप्रति : लेखन, प्रेरक भाषण, यात्रा-दर्शन, राजनीतिक व सामाजिक क्षेत्र में कार्य। वर्तमान में भारत सरकार के जनजातीय कार्य मंत्रालय में कार्यरत।
इ-मेल : sarvanbaghel00@gmail.com