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Bharatiya Rajneeti Aur Hamari Soch    

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Author Rajnath Singh
Features
  • ISBN : 9789350480861
  • Language : Hindi
  • Publisher : Prabhat Prakashan
  • Edition : 1st
  • ...more
  • Kindle Store

More Information

  • Rajnath Singh
  • 9789350480861
  • Hindi
  • Prabhat Prakashan
  • 1st
  • 2014
  • 136
  • Hard Cover

Description

वैचारिक दृष्‍ट‌ि से भाजपा एक सामान्य राजनैतिक दल नहीं है जो सत्ता प्राप्‍त‌ि के स्वार्थ से जुड़कर और प्रेरित होकर अपना कार्य करते हैं। भाजपा एक ऐसा राजनैतिक दल है जो एक विशिष्‍ट विचारधारा और राजनीतिक शैली को भारत की राजनीति में स्थापित करने के लक्ष्य से प्रेरित होकर कार्य कर रही है। हम सब परिपक्व विचारधारा के प्रति समर्पित एक परिपक्व कार्यकर्ता है। हमारे अंदर लोग भारतीयता की झलक देखते हैं। और इसके माध्यम से राष्‍ट्रीय समस्याओं के समाधान की अपेक्षा करते हैं। स्वतंत्र भारत के इतिहास में देश की जनता ने किसी भी दल से इतनी अपेक्षाएँ नहीं कीं जितनी कि हमसे की हैं।
भाजपा का वैचारिक अधिष्‍ठान सांस्कृतिक रावाद है। विगत दो दशकों में पश्चिमी मॉडल पर जिस तेजी से आर्थिक प्रगति हो रही है, वह उतनी ही तेजी से पश्चिमी जीवन मूल्य हमारे शाश्वत सांस्कृतिक मूल्यों, सामाजिक आदर्शों और परिवार के स्वरूप पर भी आघात कर रहे हैं। अन्य राजनैतिक दल भले ही इसे गंभीरता से न लेते हों परंतु भारत और भारतीयता के प्रति समर्पित भारतीय जनता पार्टी की दृष्‍ट‌ि में यह एक गंभीर चुनौती है।
अनेक राजनैतिक दलों ने जहाँ जाति, पंथ और मजहब का सहारा लेकर वोट की राजनीति करने में कोई संकोच नहीं किया वहीं हमने वोट से ज्यादा अहमियत ‘राष्‍ट्र’ को दिया। हमारे सामने वोट से बड़ा राष्‍ट्र है और हमें इस बात का सुकून है कि हमने जिन बातों का विरोध किया, वह हमारा राष्‍ट्रीय कर्तव्य था। हम अपराधबोध से ग्रस्त नहीं हैं।
—इसी पुस्तक से
‘राष्‍ट्र सर्वोपरि’ जिस राजनीतिक दल का प्राणतत्त्व है, जिसने कभी वोट-बैंक की राजनीति नहीं की, जिसने सदा राष्‍ट्रीय अस्मिता और सुरक्षा को सबसे अधिक प्रमुखता दी है, जो ‘भय-भूख-भ्रष्‍टाचार’ से आक्रांत कोटि-कोटि भारतीयों की आशा का केंद्र है—ऐसी भारतीय जनता पार्टी के राष्‍ट्रीय अध्यक्ष श्री राजनाथ सिंह के चिंतनपरक, प्रखर, ओजस्वी विचारों का पठनीय एवं प्रेरणाप्रद संकलन।

The Author

Rajnath Singh

अद्वितीय संगठन कौशल के धनी, कुशल प्रशासक व देश के राजनीतिक क्षितिज में अपना विशिष्‍ट स्थान स्थापित कर चुके श्री राजनाथ सिंह का जन्म पूर्वांचल के चंदौली जनपद के बभोरा गाँव में 10 जुलाई, 1951 में एक कृषक परिवार में हुआ। राष्‍ट्रवाद के प्रति उनकी प्रबल इच्छा ने उन्हें विद्यार्थी जीवन में ही राष्‍ट्रीय स्वयं सेवकसंघ का स्वयंसेवक बनने के लिए प्रेरित किया। संघ में विभिन्न उत्तरदायित्वों को निर्वाह करने के पश्‍चात् 1977 में उ.प्र. विधानसभा के सदस्य चुने गए। भाजपा में विभिन्न पदों पर अपनी अद्वितीय क्षमताओं का परिचय देते हुए 1997 में वे उ.प्र. भाजपा के अध्यक्ष बने। अप्रतिम राजनीतिक सूझबूझ के परिणामस्वरूप 1998 के लोकसभा चुनावों में उ.प्र. में भाजपा ने 58 सीटों पर विजय प्राप्‍त की। वर्ष 1992 में शिक्षा मंत्री के रूप में नकल विरोधी एक्ट पारित कराकर उन्होंने उ.प्र. की शिक्षा प्रणाली में अभूतपूर्व सुधार किया।
माननीय अटलजी नीति राजग सरकार में भूतल परिवहन मंत्री के रूप में उनके ड्रीम प्रोजेक्ट राष्‍ट्रीय राजमार्ग को प्रारंभ किया। केंद्रीय कृषि मंत्री के रूप में किसानों के कर्ज पर ब्याज दर 14% से घटाकर 8% की। किसानों के हित के लिए कृषक आयोग की स्थापना की और कृषि बीमा योेजना प्रारंभ की। सन् 2010 में संयुक्त राष्‍ट्र संघ की जनरल असेंबली में अटलजी के अतिरिक्‍त एक मात्र नेता हैं, जिन्होंने हिंदी में अभिभाषण दिया।
स्वभाव से सरल, मृदुभाषी, धैर्यवान श्री राजनाथ सिंह को सन् 2005 में भाजपा का राष्‍ट्रीय अध्यक्ष नियुक्‍त किया गया। 2013 में पुनः उन्हें अध्यक्ष पद का महत्त्वपूर्ण दायित्व सौंपा गया। उन्होंने कार्यकर्ताओं में अपूर्व उत्साह संचार किया है और देश को एक सशक्‍त-सबल राष्‍ट्र बनाने के स्वप्न को पूरा करने के लिए कृतसंकल्प भी।

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