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सनातन भारतीय संस्कृति सृष्टि के आदिकाल से ही अपने चिरंतन मानवीय मूल्यों के साथ प्रवाहित रहती है। विश्व के अधिकांश देशों में जहाँ इसलाम पहुँचा, वहाँ के निवासी मुसलिम बना दिए गए। भारत में 712 ई. से सत्रहवीं शताब्दी तक इसलाम का शासन विभिन्न क्षेत्रों में था, परंतु 1000 वर्ष के इस विदेशी मुसलिम शासन काल में भारतीय जनमानस पर विदेशी आक्रमण की समस्त क्रूर विद्रूपताओं के बावजूद अपने चिरंतन उदात्त मानवीय मूल्यों के संवाहक संतों के कारण यह भारतीय संस्कृति आज भी अजस्र रूप से प्रवाहित हो रही है। इस राजनीतिक पराभव काल में भारत के महान् संतों ने संपूर्ण भारत के गाँव-गाँव में हिंदू जनता को सामाजिक, सांस्कृतिक, धार्मिक एवं आध्यात्मिक रूप से पूरी तरह सुरक्षित रखा।
प्रस्तुत पुस्तक में ऐसे स्वनामधन्य पूज्यपाद संतों व उनके जीवन चरित का उल्लेख किया गया है, जिनके कारण भारतीय संस्कृति आज भी संरक्षित है।
गौरवशाली भारतीय संस्कृति के ऐसे रक्षक संतों का पुण्य स्मरण है यह पुस्तक, जिनका प्रेरणाप्रद जीवन हर हिंदू के धर्म-आस्था-श्रद्धा और विश्वास को बल एवं शक्ति देता है।
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अनुक्रम
संदेश —Pgs. 7-9
आमुख —Pgs. 11
भारतीय सांस्कृतिक सातत्य एवं अक्षुण्णता में भारतीय साधु-संतों का योगदान इसलाम एवं ईसाई पंथी शासकों के कालखंड —Pgs. 15
आत्मसंस्कृतिर्वाव शिल्पानि —Pgs. 25
1. संत अखा —Pgs. 33
2. महात्मा अन्नमचार्य —Pgs. 34
3. गुरु अमरदास —Pgs. 34
4. गुरु अर्जुनदेव —Pgs. 35
5. महायोगी अरविंद —Pgs. 37
6. योगिनी आंडाल रंगनायकी —Pgs. 39
7. गुरु अंगददेव —Pgs. 40
8. संत आपा साहब —Pgs. 41
9. संत उड़िया बाबा —Pgs. 42
10. उदासी संप्रदाय —Pgs. 43
11. महात्मा एकनाथ —Pgs. 43
12. महात्मा संत कबीरदासजी —Pgs. 44
13. महात्मा कुंभनदास —Pgs. 52
14. संत काठिया बाबा —Pgs. 52
15. संत कृष्णदास —Pgs. 53
16. बाबा कीनाराम —Pgs. 54
17. महात्मा कृष्णदास —Pgs. 54
18. महायोगी गोरखनाथ —Pgs. 55
19. संत गरीबदास तथा गरीब पंथ —Pgs. 61
20. संत गोविंददास —Pgs. 62
21. महात्मा योगीराज गंभीरनाथ —Pgs. 63
22. गुरु गोविंद सिंहजी —Pgs. 65
23. संत गुलाल साहब —Pgs. 81
24. संत गरीबदास —Pgs. 82
25. संत गदाधर भट्ट —Pgs. 82
26. गुरु घासीदास —Pgs. 83
27. चैतन्य महाप्रभु —Pgs. 85
28. महात्मा चतुर्भुजदास —Pgs. 88
29. महात्मा चंद्रशेखरेंद्र भारती —Pgs. 88
30. महात्मा चरणदास —Pgs. 89
31. महात्मा छीत स्वामी —Pgs. 89
32. रसिक संत जयदेव —Pgs. 90
33. संत जगजीवन साहब —Pgs. 91
34. महात्मा ज्योतिबा फुले —Pgs. 91
35. संत भक्त जैतरामजी महाराज —Pgs. 92
36. संत जंभनाथजी एवं विश्नोई संप्रदाय —Pgs. 93
37. साईं झूलेलाल —Pgs. 94
38. गोस्वामी तुलसीदास —Pgs. 95
39. महात्मा तैलंग स्वामी —Pgs. 96
40. संत त्यागराज —Pgs. 97
41. संत तुकाराम —Pgs. 97
42. गुरु तेगबहादुर —Pgs. 98
43. स्वामी दयानंद सरस्वती —Pgs. 101
44. संत दादू —Pgs. 108
45. संत दयाराम भाई —Pgs. 109
46. संत देवरहा बाबा —Pgs. 109
47. संत दयाबाई —Pgs. 110
48. संत दुलनदास —Pgs. 110
49. संत दरिया साहब —Pgs. 111
50. महात्मा धरनीदास —Pgs. 112
51. संत धरमदास —Pgs. 112
52. श्रीहित ध्रुवदासजी —Pgs. 113
नाथ संप्रदाय के प्रमुख संत
नाथपंथ के 84 सिद्ध महात्मा —Pgs. 117
1. मत्स्येंद्रनाथ —Pgs. 119
2. नामधारी अथवा कूका संप्रदाय —Pgs. 120
3. स्वामी नितानंद एवं नितानंदी पंथ —Pgs. 121
4. महर्षि नवल महाराज —Pgs. 122
5. श्री नारायण गुरु —Pgs. 123
6. रसिक संत नागरीदास —Pgs. 124
7. गुरु नानक देवजी —Pgs. 124
8. संत नागा निरंकारी —Pgs. 126
9. रसिक संत नंददास —Pgs. 126
10. निर्मला संप्रदाय —Pgs. 127
11. संत नजीर —Pgs. 127
12. परम वैष्णव नरसी मेहता —Pgs. 128
13. संत नामदेव —Pgs. 129
14. आचार्य निम्बार्क —Pgs. 129
15. संत पीपा —Pgs. 130
16. महर्षि पतंजलि —Pgs. 131
17. संत पलटू दास —Pgs. 131
18. संत परमानंद एवं परमानंदी —Pgs. 132
19. संत पद्मनाभ —Pgs. 132
20. संत परमानंद दास —Pgs. 133
21. संत प्रीतमदास —Pgs. 133
22. महात्मा श्री योगानंद परमहंस —Pgs. 134
23. महात्मा पागल हरनाथ —Pgs. 135
24. प्रकट ब्रह्मस्वरूप प्रमुख स्वामी महाराज —Pgs. 136
25. संत बेनी —Pgs. 137
26. महात्मा बंदा बैरागी —Pgs. 137
27. संत बसवेश्वर —Pgs. 139
28. प्रेममूर्ति बाबा नीम करौलीजी महाराज —Pgs. 140
29. लोकमान्य बालगंगाधर तिलक —Pgs. 143
30. योगी भर्तृहरि —Pgs. 144
31. संत भीखा साहब —Pgs. 145
32. आचार्य मध्व —Pgs. 146
33. महात्मा मधुसूदन सरस्वती —Pgs. 147
34. संत मीराबाई —Pgs. 148
35. संत मौलाराम —Pgs. 151
36. महात्मा माधवराव सदाशिव गोलवलकर —Pgs. 151
37. संत मंगतराम एवं समता पंथ —Pgs. 155
38. संत मांडण —Pgs. 156
39. कच्छी संत मेकरण दास —Pgs. 157
40. संत मलूकदास —Pgs. 158
41. परम भक्त मोरोपंत —Pgs. 159
42. संत महीपति —Pgs. 159
43. महर्षि महेश योगी —Pgs. 160
44. महामना पंडित मदनमोहन मालवीय —Pgs. 162
45. यामुनाचार्य —Pgs. 162
46. आचार्य रामानुज —Pgs. 163
47. महात्मा स्वामी रामानंद —Pgs. 164
48. स्वामी संत रामतीर्थ —Pgs. 165
49. राधास्वामी पंथ —Pgs. 165
50. महात्मा रूप गोस्वामी —Pgs. 166
51. महात्मा रामसखा —Pgs. 166
52. संत रामप्रसाद —Pgs. 167
53. संत रवि साहब —Pgs. 167
54. महात्मा रामचरण —Pgs. 168
55. महात्मा रामलिंगम —Pgs. 168
56. महर्षि रमण —Pgs. 169
57. संत रामकृष्ण परमहंस —Pgs. 170
58. महात्मा रूपकला —Pgs. 170
59. समर्थगुरु रामदास —Pgs. 171
60. महात्मा संत रैदास —Pgs. 176
61. महात्मा रामचंद्र सक्सेना —Pgs. 180
62. योगिनी लल्लेश्वरी —Pgs. 181
63. भक्तिनिधि लीरलबाई —Pgs. 182
65. संत ललित किशोरी —Pgs. 182
64. संत-महात्मा लक्ष्मीपति परमहंस —Pgs. 183
65. महाप्रभु वल्लभाचार्य —Pgs. 183
66. स्वामी विद्यारण्य —Pgs. 188
1. संत वेमना —Pgs. 198
2. रसिक संत विल्वमंगल —Pgs. 199
3. गोस्वामी विट्ठलनाथ —Pgs. 200
4. महात्मा व्यासदास —Pgs. 200
5. महर्षि विनायक दामोदर सावरकर —Pgs. 201
6. पंडित श्रीराम शर्मा आचार्य —Pgs. 202
7. महात्मा वनखंडी —Pgs. 203
8. संत वामाक्षेपा —Pgs. 204
9. महात्मा विजय कृष्ण गोस्वामी —Pgs. 204
10. स्वामी विवेकानंद —Pgs. 205
11. महात्मा संत सेन —Pgs. 206
12. महात्मा सनातन गोस्वामी —Pgs. 206
13. संत सूरदास —Pgs. 207
14. महात्मा श्रीचंद्र —Pgs. 208
15. संत सधना —Pgs. 209
16. संत सोढ़ीनाथी —Pgs. 210
17. स्वामी सहजानंद ‘स्वामी नारायणजी’ —Pgs. 211
18. संत सिंगाजी —Pgs. 212
19. भगवान् स्वामी नारायण —Pgs. 213
20. महात्मा सुंदरदास —Pgs. 214
21. संत सोहिरोबा नाथ —Pgs. 215
22. संत सहजोबाई —Pgs. 215
23. महात्मा सरयूदास —Pgs. 216
24. संत साईं बाबा —Pgs. 217
25. संत सच्चल —Pgs. 217
26. संत सायण —Pgs. 218
27. जगत् गुरु शंकराचार्य —Pgs. 218
28. संत शिवनारायण —Pgs. 221
29. संत शशिधर —Pgs. 223
30. संत शंकरदेव —Pgs. 223
31. स्वामी शरणानंदजी —Pgs. 224
32. संत सादाराम साहब —Pgs. 225
33. स्वामी श्रद्धानंद महाराज —Pgs. 227
34. स्वामी शिवानंद —Pgs. 229
35. संत हरिहर बाबा —Pgs. 230
36. रसिक सम्राट् हितहरिवंश —Pgs. 230
37. संत हरिदास —Pgs. 231
38. संत हरिव्यास देव —Pgs. 231
39. श्री गुरु हरिगोविंद सिंहजी —Pgs. 232
40. रसिक संत हरिराय —Pgs. 233
41. संत हरिहर बाबा —Pgs. 234
42. हुजूर महाराज राय सालिगराम —Pgs. 234
43. संत ज्ञानेश्वर —Pgs. 235
न्यायमूर्ति शंभूनाथ श्रीवास्तव छत्तीसगढ़ के प्रमुख लोकायुक्त पद पर कार्यरत रहे। उनका मूल वास स्थान ग्राम— श्रीनगर, तहसील—बैरिया, जिला— बलिया (उ.प्र.) है। संपूर्ण शिक्षा प्रयाग में हुई। बी.ए., एम.ए. (अर्थशास्त्र), एल-एल.बी. इलाहाबाद विश्वविद्यालय से पूरी कर 1 सितंबर, 1968 से इलाहाबाद उच्च न्यायालय में वकालत प्रारंभ की। 1994 में उत्तर प्रदेश बार काउंसिल के सदस्य चुने गए। 14 फरवरी, 2002 को माननीय उच्च न्यायालय, इलाहाबाद में स्थायी न्यायाधीश के रूप में नियुक्त हुए।
आपने अनेक ऐतिहासिक एवं दूरगामी न्याय-निर्णयों से भारतीय न्यायपालिका के क्षेत्र में उज्ज्वल कीर्तिमान स्थापित किया है। एक याचिका के निर्णय में उन्होंने श्रीमद्भगवद्गीता को राष्ट्रीय ग्रंथ घोषित किया था। प्रमुख लोकायुक्त, छत्तीसगढ़ के रूप में लगभग 500 से अधिक फैसले हिंदी में ही लिखवाए। उनकी एक पुस्तक ‘क्या हिंदी और प्रादेशिक भाषाएँ न्यायालयों की भाषा हो सकती हैं’ प्रकाशित होकर बहुचर्चित हुई। उनका समग्र व्यक्तित्व एवं कृतित्व राष्ट्रसेवा को समर्पित रहा है।