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भारत के सैन्य बलों की सच्ची वीरता की कहानियाँ, सेना के मेजर, जिन्होंने नियंत्रण रेखा के पार आतंकवादियों के लॉन्च पैड पर बहुचर्चित सर्जिकल स्ट्राइक की; एक सैनिक, जिसने 11 दिनों में 10 आतंकवादियों को मार गिराया; नौसेना का एक अधिकारी, जिसने समुद्र के रास्ते एक खतरनाक बंदरगाह तक का सफर किया और युद्ध की विस्फोटक स्थिति से सैकड़ों लोगों को बचाया; वायुसेना का एक लहूलुहान पायलट, जो आग का गोला बन चुके जेट को उड़ा रहा था।
यह उनके ही या उनके साथ अंतिम पलों में मौजूद लोगों की ओर से सुनाए गए वृत्तांत हैं।
‘भारत के सबसे निडर’ (इंडियाज मोस्ट फियरलेस) में असाधारण साहस और निडरता की चौदह सच्ची कहानियाँ हैं, जो उस वीरता की झलक दिखाती हैं, जिनका परिचय भारत के सैनिक अकल्पनीय विपरीत और गंभीर उकसावे की परिस्थितियों में देते हैं।
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अनुक्रम
परिचय —7
भूमिका—13
साभार—15
1. हमें नहीं पता, डर क्या होता है—19
पाकिस्तान के कब्जेवाले कश्मीर में सितंबर 2016 में सर्जिकल स्ट्राइक
2. दुश्मन को तो खबर तक नहीं लगी—50
जून 2015 : म्याँमार में सर्जिकल स्ट्राइक
3. जब वो जागता है, मौत मुसकराती है—76
लांस नायक मोहन नाथ गोस्वामी
4. वो तो सीना तानकर मारता था—96
हवलदार हंगपन दादा
5. दो गोलियाँ तो कुछ भी नहीं —111
कैप्टन जयदेव डांगी
6. सिर्फ इतना बताओ, वह जिंदा बचेगा या नहीं? —127
कर्नल संतोष यशवंत महादिक
7. मुझे गोली लगी। मैं यकीन ही नहीं कर सकता —138
मेजर मुकुंद वरदराजन
8. मेडिकल साइंस यह नहीं बता सकता—156
लांस नायक हनुमनथप्पा कोप्पाड
9. सबकुछ हमारे खिलाफ था, सबकुछ—175
लेफ्टिनेंट कमांडर नितिन आनंदराव यादव
10. हम उस इनसान के पीछे चले, जिसने मौत को देखा था—189
कैप्टन वरुण सिंह
11. भारत का सम्मान : तुझे निराश न करेंगे मेरे वतन—204
कमांडर मिलिंद मोहन मोकाशी
12. क्या लगता है, कभी आपके साथ ऐसा नहीं होगा?—221
स्क्वाड्रन लीडर रिजुल शर्मा
13. एक हेलीकॉप्टर पायलट का सबसे खौफनाक सपना—233
स्क्वाड्रन लीडर विकास पुरी
14. चेहरे पर जब खून का स्वाद चखा—248
विंग कमांडर गौरव विक्रम सिंह चौहान
शिव अरूर इंडिया टुडे टेलीविजन के साथ बतौर संपादक और एंकर जुड़े हुए हैं, जिन्हें भारतीय सेना और उसके संघर्षों से जुड़ी घटनाओं की कवरेज करने का एक दशक से अधिक का अनुभव है। उन्होंने कश्मीर घाटी, भारत के पूर्वोत्तर क्षेत्र, श्रीलंका और लीबिया समेत विभिन्न संघर्षरत क्षेत्रों से रिपोर्टिंग की है। श्रीलंका और लीबिया की रिपोर्टिंग के लिए उन्होंने युद्धग्रस्त क्षेत्रों की रिपोर्टिंग करने के लिए दो पुरस्कार भी जीते हैं। अरूर सैन्य समाचार और विश्लेषण से जुड़ी एक लोकप्रिय वेबसाइट लाइवफिस्ट भी चलाते हैं और उनकी इस साइट को पुरस्कार भी मिल चुका है। इस साइट पर वे लगातार भारत के सैन्य नायकों की कहानियाँ अकसर बताते रहते हैं
राहुल सिंह अपने 18 सालों से अधिक के कॅरियर में हिंदुस्तान टाइम्स में रक्षा और सैन्य मामलों को कवर कर चुके हैं। दुनिया भर से भारतीय सेना की व्यापक और गहन रिपोर्टिंग करने के साथ ही राहुल सिंह ने कई बड़ी खबरें भी ब्रेक की हैं, जिन्होंने सालों तक राष्ट्रीय समाचार एजेंडा तय किया है। इनमें कश्मीर घाटी, पूर्वोत्तर और युद्धग्रस्त कांगो गणराज्य भी शामिल है