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जीवन को सुख-समृद्धि तथा मानसिक संतुष्टि से परिपूर्ण करना प्रत्येक व्यक्ति के जीवन का परम लक्ष्य होता है। इस दृष्टि से मानव-जीवन को अनेक पहलू प्रभावित करते हैं। इन पहलुओं में ‘वास्तु शास्त्र’ की भूमिका महत्त्वपूर्ण मानी जाती है। प्रस्तुत पुस्तक में वास्तु की दृष्टि से भूखंड की मृदा, स्थिति, दिशा, कोण, क्षेत्रफल इत्यादि बिंदुओं का वैज्ञानिक विश्लेषण किया गया है। वास्तु शास्त्र के सिद्धांत और नियम जनसाधारण के जीवन में उपयोगी बनकर उनके जीवन को प्रगतिशील, उन्नतिशील एवं सुख-शांतिमय बनाएँ—इस लोकोपयोगी पुस्तक का यही लक्ष्य है।
14 नवंबर, 1958 को सिरसा (हरियाणा) में जनमे पवन के. गोयल कई कार्यक्षेत्रों में अपूर्व बुद्धिमत्ता के परिचायक हैं। आपने वास्तु विद्या प्रतिष्ठानम् से वास्तु विद्या परिचय परीक्षा प्रथम श्रेणी में उत्तीर्ण की। औद्योगिक निर्माण, भवन-सज्जा एवं तकनीकी सलाहकार के रूप में कार्य करते हुए आपने अपनी एक औद्योगिक परियोजना में फेंग शुई के चमत्कार के अद्भुत परिणाम अनुभव किए। इन परिणामों ने आपको फेंग शुई के प्रति जिज्ञासु व गहन चिंतक के रूप में स्थापित किया।
आपने वास्तु विज्ञान एवं फेंग शुई पर अनेक राष्ट्रीय सम्मेलनों को संबोधित किया है। प्रतिष्ठित पत्रिकाओं में फेंग शुई विषय पर आपके लेख प्रमुखता के साथ प्रकाशित होते रहते हैं।