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"दुनिया के देशों में भारतवर्ष सर्वदा प्राचीन एवं शांतिप्रिय देश है। भारत संस्कारवान है, संकल्पशील है, उन्नतशील है। ‘भारतीयम’ विशाल देश भारत की विशिष्ट पहचान, संस्कृति एवं विरासत को समेटे हुए इसकी विशेषताओं को व्यक्त करता 75 बिंदुओं की यशोगाथा है।
वर्ष 2022 में देश की आजादी का 75वाँ स्वतंत्रता दिवस मनाया गया, जिसे ‘भारत की आजादी का अमृत महोत्सव’ नाम दिया गया। दुनिया में भारत की पहचान, ज्ञान एवं सम्मान को दरशाते हुए यह पुस्तक अपने आपमें भारत के बारे में विलक्षण ज्ञान का भंडार है, जो प्रत्येक भारतीय को पढऩे के लिए आह्वान करती है। भारत की प्रत्येक राष्ट्रीय पहचान छंदमुक्त नव- कविता के रूप में एक-एक पृष्ठ में वर्णित है, जो सहज पठनीय एवं सरल भी है।
भारतवर्ष के विद्यार्थी से लेकर नागरिक तक के लिए लाभप्रद इस पुस्तक की रचना के पीछे लेखिका की यही अभिलाषा है कि हम अपने देश के बारे में संक्षेप में सबकुछ जान सकें, देश की महान् विरासत एवं भव्य संस्कृति को जान कर हम भारतवासी स्वाभिमान से भर जाएँ।"
30 मार्च, 1953 को बिहार के पटना शहर में जन्म। बचपन कोलकाता में बीता, अध्ययन भी वहीं हुआ। विज्ञान, शिक्षा, कानून तथा मानवाधिकार की उपाधियाँ प्राप्त कीं। दिल्ली में अध्यापन के दौरान बच्चों के प्रति गहरी रुचि जागी, परिणामस्वरूप बच्चों के अधिकारों पर ‘ह्यूमन राइट्स फॉर चिल्ड्रेन’ नामक पुस्तक लिखी, जो अत्यधिक चर्चित हुई। अब तक विभिन्न विषयों पर पंद्रह पुस्तकें प्रकाशित।
‘इंडिया सोसाइटी ऑफ ऑथर्स’ की सदस्या हैं। राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग द्वारा मौलिक कृति ‘मानव अधिकार एवं महिलाएँ (महिलानामा)’ वर्ष 2006 में प्रथम पुरस्कार से सम्मानित।
संप्रति : स्वतंत्र लेखन एवं अपनी आत्मकथा ‘पुष्पांजलि’ लिखने में संलग्न।