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‘भविष्य में बिजनेस करने के सक्सेस मंत्र’ ऐसा गेम प्लान है, जिसके द्वारा आप इस अस्पष्टता, अस्थिरता व जटिलताओंवाले युग में भी, जहाँ प्रत्येक व्यापार व नेतृत्व नई व अप्रत्याशित चुनौतियों का सामना कर रहा है, सफलता हासिल कर सकते हैं।
विश्वप्रसिद्ध मैनेजमेंट गुरु रामचरण ने विश्व भर की कंपनियों व प्रमुखों के साथ काम करने से मिले अगाध अनुभव द्वारा आपकी सहायता हेतु कुछ जाँचे-परखे व्यावहारिक नियम बनाए हैं—
● ऐसी अंतर्दृष्टि व सूक्ष्मदृष्टि तीक्ष्णता का निर्माण करें, जिससे आप इन शक्तियों को किसी भी अन्य व्यक्ति से पहले पहचान सकें, विशेष रूप से उन लोगों की पहचान करें, जो परिवर्तन के उत्प्रेरक बनकर कंपनी या उद्योग में आद्योपांत बदलाव लानेवाले हों।
●अनिश्चितता में अवसर को देखने की मानसिकता बनाएँ।
● कम जानकारी होने या न होने के बावजूद आगे बढ़ने के नए मार्ग पर डटे रहें, जिससे आप अपने प्रतिस्पर्धियों से पहले ही अपनी चाल चल सकें।
● अपनी कंपनी के विकास में अवरोध पैदा करनेवाली बाधाओं को दूर करें।
● ये समझें कि कब आगे बढ़ना है और कब अल्पावधिक व दीर्घावधिक संतुलन बनाए रखना है।
● लोगों, प्राथमिकताओं, निर्णायक शक्तियों, बजट व पूँजीगत बँटवारे तथा बाजार के नवीनतम हालात दरशानेवाले संकेतकों के बीच सामंजस्य बैठाकर अपनी संस्था को दक्ष व प्रगतिशील बनाएँ।
कुल मिलाकर यह पुस्तक आपके सामने स्पष्ट व सीधी चुनौती रखती है कि या तो आप वृद्धिशील लाभ या सुरक्षात्मक रहते हुए विरासती जगत् में शामिल रहें या आक्रामक होते हुए अपनी एक नई दुनिया बनाएँ और पारंपरिक खिलाडि़यों को पीछे छोड़ते हुए तेजी से आगे बढ़ जाएँ।
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अनुक्रम
भविष्य में बिजनेस करने के ससेस मंत्र—7
आभारोति—9
भाग-1
हमारे समय में नेतृत्व की बुनियादी चुनौतियाँ
1. मार्ग के घुमाव—15
2. संरचनात्मक अनिश्चितता यों भिन्न है—23
3. गणितीय कंपनी : ऐल्गोरिद्म क्रांति व गणितालय का उद्भव—28
4. चेतावनीपूर्ण पूर्व संकेतों की खोज—34
भाग-2
अवधारणात्मक तीक्ष्णता का निर्माण
1. संरचनात्मक परिवर्तन के उत्प्रेरकों की पहचान—41
2. उत्प्रेरकों के दृष्टिकोण से देखना—52
3. अवधारणात्मक तीक्ष्णता के निर्माण के साधन—61
4. टाटा कम्यूनिकेशंस ने अपने संस्थान की दृष्टि को कैसे विस्तारित किया—73
भाग-3
आक्रामकता की तैयारी
1. मार्ग निर्धारण करना—83
2. आक्रामक होने की मानसिकता—95
3. कैसर परमानेंट का स्वास्थ्य सेवाओं की हलचल के बीच मार्ग बनाना—111
भाग- 4
संस्थान को दक्ष बनाना
1. संयुत अभ्यास सत्र : पारदर्शिता व समन्वय—123
2. यूरिग ग्रीन माउंटेन ने संयुत अभ्यास सत्र कैसे अपनाया—138
3. निर्णय लेने से जुड़े कौन, किस व कैसे : संस्था के ———— महवपूर्ण निर्णय बिंदुओं पर केंद्रित होना—144
4. द्विमार्गीय प्रगति —158
5. मर्क का आक्रामकता हेतु त्वरित संस्थागत परिवर्तन—177
अंतिम बात—190
नोट्स—191
‘भविष्य में बिजनेस करने के सक्सेस मंत्र’ ऐसा गेम प्लान है, जिसके द्वारा आप इस अस्पष्टता, अस्थिरता व जटिलताओंवाले युग में भी, जहाँ प्रत्येक व्यापार व नेतृत्व नई व अप्रत्याशित चुनौतियों का सामना कर रहा है, सफलता हासिल कर सकते हैं।
विश्वप्रसिद्ध मैनेजमेंट गुरु रामचरण ने विश्व भर की कंपनियों व प्रमुखों के साथ काम करने से मिले अगाध अनुभव द्वारा आपकी सहायता हेतु कुछ जाँचे-परखे व्यावहारिक नियम बनाए हैं—
● ऐसी अंतर्दृष्टि व सूक्ष्मदृष्टि तीक्ष्णता का निर्माण करें, जिससे आप इन शक्तियों को किसी भी अन्य व्यक्ति से पहले पहचान सकें, विशेष रूप से उन लोगों की पहचान करें, जो परिवर्तन के उत्प्रेरक बनकर कंपनी या उद्योग में आद्योपांत बदलाव लानेवाले हों।
●अनिश्चितता में अवसर को देखने की मानसिकता बनाएँ।
● कम जानकारी होने या न होने के बावजूद आगे बढ़ने के नए मार्ग पर डटे रहें, जिससे आप अपने प्रतिस्पर्धियों से पहले ही अपनी चाल चल सकें।
● अपनी कंपनी के विकास में अवरोध पैदा करनेवाली बाधाओं को दूर करें।
● ये समझें कि कब आगे बढ़ना है और कब अल्पावधिक व दीर्घावधिक संतुलन बनाए रखना है।
● लोगों, प्राथमिकताओं, निर्णायक शक्तियों, बजट व पूँजीगत बँटवारे तथा बाजार के नवीनतम हालात दरशानेवाले संकेतकों के बीच सामंजस्य बैठाकर अपनी संस्था को दक्ष व प्रगतिशील बनाएँ।
कुल मिलाकर यह पुस्तक आपके सामने स्पष्ट व सीधी चुनौती रखती है कि या तो आप वृद्धिशील लाभ या सुरक्षात्मक रहते हुए विरासती जगत् में शामिल रहें या आक्रामक होते हुए अपनी एक नई दुनिया बनाएँ और पारंपरिक खिलाडि़यों को पीछे छोड़ते हुए तेजी से आगे बढ़ जाएँ।