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Bheemcharit Mahakavya   

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Author Shailesh Bharati
Features
  • ISBN : 9789355210791
  • Language : Hindi
  • Publisher : Prabhat Prakashan
  • Edition : 1
  • ...more

More Information

  • Shailesh Bharati
  • 9789355210791
  • Hindi
  • Prabhat Prakashan
  • 1
  • 2021
  • 520
  • Soft Cover
  • 300 Grams

Description

भारतरत्न डॉ. भीमराव रामजीराव अंबेडकर, जिन्हें आज लोग श्रद्धा से बाबा साहब कहकर पुकारते हैं। उनका व्यक्तित्व इतना वृहद् और बहुआयामी है, जिसका विस्तार आकाश के समान विस्तृत और समुद्र की भाँति गहन है। उनके विषय में लिखना बड़ा दुष्कर कार्य है, जिसने युग के प्रवाह को मोड़ दिया, रूढिय़ों को तोड़ दिया और जब हिंदू धर्म में कोई सुधार न हुआ तो हिंदू धर्म ही छोड़ दिया। देवी, देवता, ऋषि-मुनि, महात्मा, शंकराचार्य आदि यहाँ तक कि अवतार भी शूद्र को समता तो क्या मानवता का दर्जा भी न दिला सके, उन्हें डॉ. भीमराव ने पूर्ण मानवता का दर्जा ही नहीं दिलाया अपितु समता का अधिकार भी दिलाया। इतनी महान् विभूति के बारे में लिख पाना मेरे सामथ्र्य के बाहर है, फिर भी मैंने उन पर लिखने का प्रयास किया है, क्योंकि अभी तक बाबा साहब पर जो भी लिखा गया है, भले ही वह हिंदी, मराठी, अंग्रेजी अथवा अन्य किसी भारतीय भाषा में लिखा गया हो, वह सबका सब गद्य में लिखा गया है। किंतु मैंने सर्वप्रथम उनके संपूर्ण संघर्षमय जीवन को ‘भीमचरित महाकाव्य’ शीर्षक के अंतर्गत काव्यबद्ध करने का प्रयास किया है।

The Author

Shailesh Bharati

एल.एस. सिंह उर्फ शैलेश भारती
जन्म : 18 अक्तूबर, 1936 को ग्राम अहमदपुरी, तहसील : मवाना, जिला : मेरठ में।
शिक्षा : पाँचवीं कक्षा अहमदपुरी ग्राम में ही उर्दू से उत्तीर्ण की। 1948 में आगे की पढ़ाई के लिए परीक्षितगढ़ गया। 1953 में मैट्रिक किया और तभी शादी हो गई। 1956 में कानपुर से इंटर और उसी वर्ष हिंदी साहित्य-सम्मेलन, प्रयाग से विशारद, फिर 1960 में साहित्यरत्न की परीक्षा उत्तीर्ण की। 3 वर्ष का बी.ए. 1963 में और एम.ए.— दोनों परीक्षाएँ पुणे विद्यापीठ, पुणे से उत्तीर्ण कीं। एल-एल.बी. (प्रथम वर्ष) सिद्धार्थ कॉलेज, बंबई से उत्तीर्ण की।
रुचि : सन् 1960 से ही कविताएँ लिखने लगे थे। कविता लिखने का आरंभ शृंगारिक कविताओं से ही हुआ था। बाद में मुंशी प्रेमचंदजी से प्रभावित होकर यथार्थ और शोषण की ओर झुकाव हो गया। कविता के साथ-साथ पुस्तकों का संग्रह और बागवानी का भी शौक था तथा अच्छे कपड़े और अच्छे पेन खरीदने का भी।
अन्य  रचनाएँ :  ‘आक्रोश’ (कविता), ‘एकलव्य’ (खंडकाव्य)।
स्मृतिशेष : 23.11.2018

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