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Author Kumud Sharma
Features
  • ISBN : 8188267171
  • Language : Hindi
  • Publisher : Prabhat Prakashan
  • Edition : 1st
  • ...more

More Information

  • Kumud Sharma
  • 8188267171
  • Hindi
  • Prabhat Prakashan
  • 1st
  • 2023
  • 179
  • Hard Cover
  • 200 Grams

Description

तमाम व्यावसायिकता के नारों के बीच भारतीय मीडिया को यह समझना होगा कि वह लोकतंत्र का शक्‍त‌िशाली स्तंभ है और राष्‍ट्रीय संस्कारों तथा लोकतांत्रिक मूल्यों का संवाहक भी । वह दिशादर्शन के गहरे दायित्व-बोध से भी जुड़ा हुआ है । भारतीय मीडिया-चाहे वह इलेक्ट्रॉनिक मीडिया हो अथवा प्रिंट मीडिया-दोनों का ही सैद्धांतिक स्वरूप राष्‍ट्रीय समता, अखंडता और संप्रभुता बनाए रखने के उद‍्देश्य के साथ-साथ देश की जनता में सांस्कृतिक, राजनीतिक और आर्थिक दृष्‍ट‌ि से एक अनुकूल और प्रेरक सोच पैदा करने के उद‍्देश्य से गढ़ा गया है । शिक्षा तथा साक्षरता के माध्यम से समाज के विकास को गति देना भी उनका लक्ष्य है । उसके उद‍्देश्यों में जागृति पैदा करना, सूचना देना तथा व्यापक रूप से जनता के जीवन-स्तर को उठाना भी शामिल है । भूमंडलीकरण की प्रक्रिया में मीडिया के सिद्धांत और व्यवहार के बीच की खाई बढ़ गई है । व्यावसायिकता से उपजी तमाम चुनौतियों के बीच भारतीय मीडिया को अपनी यह चमक पुन: कायम करनी होगी । उसे इन्हीं चुनौतियों से गुजरकर वह राह पकड़नी होगी, जिसपर चलकर वह देश के व्यापक फलक पर व्याप्‍त भ्रष्‍टता और विसंगति को चुनौती दे सके; ' साम्राज्यवादी सूचनाओं के इंद्रजाल ' से मुक्‍त होकर राष्‍ट्रीय प्रतिबद्धता का पाठ पढ़ा सके तथा ग्लैमर, चकाचौंध के आवरण को चीरकर समाज को स्वस्थ दिशा दे सके । -इसी पुस्तक से

The Author

Kumud Sharma

शिक्षा : एम. ए. (नए कीर्तिमान के साथ तीन स्वर्ण पदक), पी-एच.डी. (इलाहाबाद विश्‍वविद्यालय), डी. लिट. ।
संप्रति : रीडर, हिंदी विभाग, दिल्ली विश्‍वविद्यालय (नॉर्थ कैंपस) ।
पुरस्कार : ' भारतेंदु हरिश्‍चंद्र प्रथम पुरस्कार ( केंद्रीय सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय), ' साहित्य श्री सम्मान ' ( दिल्ली हिंदी साहित्य सम्मेलन), ' प्रेमचंद रचनात्मक लेखन पुरस्कार ' ।
प्रकाशन : पुस्तकें - हिंदी के निर्माता, भूमंडलीकरण और मीडिया, स्त्रीघोष, विज्ञापन की दुनिया, जनसंपर्क प्रबंधन, गाँव के मन से रू-ब- रू, नई कविता में राष्‍ट्रीय चेतना, अमृतपुत्र, 1000 हिंदी साहित्य प्रश्‍नोत्तरी और काव्य मंजरी । सन् 1979 से दिनमान, सारिका, जनसत्ता, इंडिया टुडे, नव भारत टाइम्स, वर्तमान साहित्य, गंगा, चौथी दुनिया, अमृत प्रभात, गगनांचल, दैनिक हिंदुस्तान, इंद्रप्रस्थ भारती, संडे मेल, संडे ऑब्जर्वर, वामा आदि पत्र- पत्रिकाओं में समीक्षात्मक लेख । महिला लेखन और लेखिकाओं पर ' जनसत्ता ' के ' आधी दुनिया ' स्तंभ के अंतर्गत लेखन । अंग्रेजी कहानियों के अनुवाद और सामाजिक समस्याओं पर अनेक लेख प्रकाशित ।
साहित्यिक मासिक पत्रिका ' साहित्य अमृत ' की संयुक्‍त संपादक ( 1996 - 2004) ।
अन्य : दूरदर्शन एवं आकाशवाणी पर साहित्यिक कार्यक्रमों की प्रस्तुति ।

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