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भ्रष्टाचार भारत की शासन प्रणाली में इस हद तक समाया हुआ है कि आम आदमी का प्रत्येक प्रशासनिक कार्य से विश्वास उठ चुका है। व्यापक तौर पर फैल चुकी इस भ्रष्टाचार रूपी बीमारी का इलाज केवल संपूर्ण तौर पर इस देश की राजनीति, जाँच व न्यायिक प्रणाली की कायापलट के द्वारा ही किया जा सकता है।
हम अपने आस-पास आज जो कुछ भी देख रहे हैं, वह और कुछ नहीं, मात्र लूट—बहुत बड़े स्तर पर मची हुई लूट—है। यह लूट इस सीमा तक है कि हम इसमें शामिल शून्यों की संख्या की गिनती भी नहीं कर सकते।
और इस लूट का खुलासा कॉमनवैल्थ गेम्स में हुए घोटाले के खुलासे के साथ हुआ। इसने मेरे मन को भी विचलित कर दिया। मैंने भी सामूहिक तौर पर उठी उस आवाज का हिस्सा बनना आरंभ कर दिया, जो दिनोदिन बुलंद होती गई। कभी-कभी यह बिना दबाव के सम्मोहन व परिस्थितियों के वश में होकर बहुत तीखी भी हो गई। लेकिन इन सबका एकमात्र कारण था कि हमें सुचारु रूप से संचालित शासन प्राप्त हो, एक बेहतर भारत बने, जो हम सभी को समृद्ध और हमारी आनेवाली पीढ़ी को सुरक्षित बनाए।
इस संकलन के पीछे भी यही मंशा है।
यदि भ्रष्ट लोग अपने निहित स्वार्थ के लिए एकजुट हो सकते हैं तो हम, जो उनके सताए हुए हैं, भ्रष्टाचार के इस सूर्य को अस्त करने के लिए एकजुट क्यों नहीं हो सकते?
इसलिए, बदलाव लाएँ।
भारत की पहली महिला आई.पी.एस. किरण बेदी सन् 1972 में भारतीय पुलिस सेवा में शामिल हुईं। पुलिस सेवा में सबसे ऊँचे पद पर पहुँचनेवाली वे देश की पहली महिला पुलिस अधिकारी हैं। पुलिस और जेल विभाग में रचनात्मक सुधार करने की उन्हें पैंतीस साल से अधिक की विशेषज्ञता हासिल है।
उन्होंने कानून, स्नातकोत्तर और डॉक्टरेट की उपाधियाँ हासिल की हैं। उन्हें एशिया का नोबेल पुरस्कार कहा जानेवाला प्रतिष्ठित ‘रेमन मैग्सेसे पुरस्कार’ भी मिल चुका है। इसके साथ ही उन्हें कई राष्ट्रीय व अंतरराष्ट्रीय सम्मान भी मिले हैं। उनके लेख भी प्रमुख समाचार-पत्रों व पत्रिकाओं में नियमित रूप से छपते रहते हैं।
वे दो स्वैच्छिक संगठनों—‘नवज्योति’ और ‘इंडिया विजन फाउंडेशन’ की संस्थापक हैं।
इंडिया अगेंस्ट करप्शन आंदोलन, पुलिस और जेल-सुधार के विभिन्न उपक्रमों में वे अग्रणी भूमिका निभा चुकी हैं।
उन्होंने कई पुस्तकें लिखी हैं, जिनमें ‘इट्स ऑलवेज पॉसिबल’, ‘वॉट वेंट रॉन्ग’, ‘एज आई सी’, ‘ब्रूम एंड ग्रूम’ और ‘अपराइजिंग 2011’ प्रमुख हैं।
अधिक जानकारी के लिए उनकी वेबसाइट www.kiranbedi.com या tweet@thekiranbedi देख सकते हैं।