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पुस्तक के बारे में:-
प्रस्तुत पुस्तक उन सभी विद्यार्थियों के लिए तैयार की गई है, जो बिहार राज्य की विभिन्न राज्य स्तरीय परीक्षाओं की तैयारी कर रहे हैं। प्रभात प्रकाशन द्वारा प्रकाशित और 2022 बैच के आईएएस डॉ. मनीष रंजन द्वारा संपादित ‘बिहार सामान्य ज्ञान 2022’ में बिहार राज्य से संबंधित संपूर्ण सामान्य ज्ञान का समावेश है, जो किसी भी राज्य स्तरीय परीक्षा की तैयारी के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण है।
पुस्तक का प्रकार: STUDY GUIDE
विषय: सामान्य ज्ञान
नौकरी का स्थान : बिहार सरकार के विभिन्न विभाग
परीक्षा से संबंधित पुस्तक:
यह पुस्तक उन सभी अभ्यर्थियों के लिए है जो बिहार राज्य की विभिन्न राज्य स्तरीय परीक्षाओं की तैयारी कर रहे हैं।
पुस्तक की विषय सूची:
बिहार राज्य प्राकृतिक, सांस्कृतिक, राजनैतिक एवं बौद्धिक संपन्नता के साथ-साथ भौगोलिक संरचना की सघन विविधता का अद्भुत उदाहरण है। गौरवशाली अतीत एवं प्रेरणादायक परंपराओं से ओत-प्रोत बिहार की धरती को महान् विभूतियों की जन्मस्थली एवं कर्मस्थली होने का गौरव प्राप्त है। प्रस्तुत पुस्तक बिहार के विषय में संपूर्ण एवं समग्र जानकारी देती है। 40 अध्यायों की यह पुस्तक राज्य की ऐतिहासिक, भौगोलिक, राजनैतिक, सामाजिक, सांस्कृतिक और आर्थिक स्थितियों का विस्तार से विश्लेषण करती है। यह सिर्फ समकालीन स्थितियों की व्याख्या ही नहीं अपितु भविष्य के विकास की असीम संभावनाओं को भी प्रस्तुत करती है। बिहार में वर्तमान में दृष्टिगोचर प्रगति और परिवर्तन की तर्कपूर्ण एवं रोचक प्रस्तुति इसे विशिष्ट बनाती है। यह पुस्तक न केवल प्रतिभागियों की दृष्टि से अपितु शोध-छात्रों, अध्यापकों और पाठकों के बिहार दिग्दर्शन हेतु पूर्णतया उपयोगी और पठनीय है। बिहार सामान्य ज्ञान के मुख्य आकर्षण :- • स्वतंत्रता आंदोलन एवं पृथक् बिहार आंदोलन • कला एवं संस्कृति • बिहार की विभूतियाँ • कृषि एवं सिंचाई • जनसंख्या एवं अधिवास • पर्यटन एवं आपदा प्रबंधन • प्रमुख आयोग • स्थानीय स्वशासन • आर्थिक संकेतक • गरीबी एवं बेरोजगारी • योजनाएँ • औद्योगिक नीति • स्टार्ट-अप नीति, 2016 • सूचना एवं संचार प्रौद्योगिकी, 2011 • बिहार विज्ञापन नीति, 2016 • बिहार लोक सेवाओं का अधिकार अधिनियम, 2011 • बिहार कृषि भूमि अधिनियम, 2010 • बिहार लोक शिकायत निवारण अधिकार अधिनियम, 2016 • बिहार मद्य निषेध एवं उत्पाद अधिनियम, 2016 • आर्थिक सर्वेक्षण 2018-19 एवं बजट-2019-20 • राज्य विभाजन का प्रभाव • विशेष राज्य की माँग • आर्थिक पिछड़ापन एवं विकास की संभावनाएँ • सुशासन एवं सात निश्चय • बिहार दिवस • समसामयिकी • सांख्यिकी उपस्थापन • प्रश्नावली सेट
मुख्य विशेषताएँ:
सरल एवं सहज भाषा का प्रयोग
सटीक आंकड़ों और जानकारियों का समायोजन
विश्लेषणात्मक व्याख्या सहित उत्तर
नवीनतम पाठ्यक्रम और परीक्षा पद्दति पर आधारित
डॉ. मनीष रंजन वर्ष 2002 बैच के आई.ए.एस. अफसर हैं और वर्तमान में झारखंड सरकार में कार्यरत हैं। उन्होंने झारखंड में विभिन्न जिलों में उपायुक्त-सह-जिला कलेक्टर के रूप में सफलतापूर्वक काम किया है। उन्होंने नेतरहाट विद्यालय, नेतरहाट से स्कूली शिक्षा एवं पटना कॉलेज, पटना तथा हिंदू कॉलेज, दिल्ली विश्वविद्यालय से उच्च शिक्षा प्राप्त की। IRMA, गुजरात से एम.बी.ए. करने के बाद उन्होंने मैनेजमेंट स्टडीज में पी-एच.डी. की उपाधि हासिल की। उन्होंने ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी, इंग्लैंड, जॉन्स हापकिंस यूनिवर्सिटी, अमेरिका, फ्रैंकफर्ट स्कूल ऑफ फाइनेंस एंड मैनेजमेंट, जर्मनी, इंटरनेशनल ट्रेनिंग सेंटर, तुरीन, इटली एवं कोरिया डेवलपमेंट इंस्टीट्यूट, दक्षिण कोरिया में अध्ययन किया।
प्रोफेशनल कॅरियर में उन्होंने आई.ए.एस. की मेरिट में प्रथम स्थान प्राप्त करने के लिए ‘डायरेक्टर्स गोल्ड मेडल’ प्राप्त किया था। उन्हें लगातार दो वर्ष प्रधानमंत्री ‘मनरेगा उत्कृष्टता पुरस्कार’, राष्ट्रपति से ‘निर्मल ग्राम पुरस्कार’, एशियन फेडरेशन ऑफ इंटेलेक्चुअल डिसेबिलिटीज, जापान से ‘स्टार राफ्ट पुरस्कार’ और शारीरिक दिव्यांगों के लिए अनुकरणीय कार्य करने के लिए भारत सरकार द्वारा ‘स्पंदन पुरस्कार’ से भी सम्मानित किया जा चुका है। यह उनकी नौवीं पुस्तक है। झारखंड उनकी कर्मस्थली है तो इससे लगाव होना सहज ही है। अध्ययन, अन्वेषण और चिंतन में निरंतर उनकी रुचि है, जो लेखकीय दायित्व के लिए आवश्यक है।