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बिहार राज्य प्राकृतिक, सांस्कृतिक, राजनैतिक एवं बौद्धिक संपन्नता के साथ-साथ भौगोलिक संरचना की सघन विविधता का अद्भुत उदाहरण है। गौरवशाली अतीत एवं प्रेरणादायक परंपराओं से ओत-प्रोत बिहार की धरती को महान् विभूतियों की जन्मस्थली एवं कर्मस्थली होने का गौरव प्राप्त है।
प्रस्तुत पुस्तक बिहार के विषय में संपूर्ण एवं समग्र जानकारी देती है। 45 अध्यायों में विभक्त यह पुस्तक राज्य की ऐतिहासिक, भौगोलिक, राजनैतिक, सामाजिक, सांस्कृतिक और आर्थिक स्थितियों का विस्तार से विश्लेषण करती है। यह सिर्फ समकालीन स्थितियों की व्याख्या ही नहीं अपितु भविष्य के विकास की असीमसंभावनाओं को भी प्रस्तुत करती है। बिहार में वर्तमान में दृष्टिगोचर प्रगति और परिवर्तन की तर्क पूर्ण एवं रोचक प्रस्तुति इसे विशिष्ट बनाती है। यह पुस्तक न केवल प्रतिभागियों की दृष्टि से अपितु शोध-छात्रों, अध्यापकों और पाठकों के बिहार दिग्दर्शन हेतु पूर्णतया उपयोगी और पठनीय है। एक तरह से यह बिहार एनसाइक्लोपीडिया है।
अनुक्रम | |
भूमिका—7 | कृषि आधारित उद्योग—274 |
1. इतिहास के स्रोत (Sources of History)—21-23 | खनिज आधारित उद्योग—279 |
पुराताविक स्रोत—21 | वन आधारित उद्योग—281 |
साहित्यिक स्रोत—23 | खाद्य प्रसंस्करण उद्योग—281 |
2. प्राक्-ऐतिहासिक काल एवं प्राचीन काल (Pre-Historical Age and Ancient Period)—24-53 | छठी आर्थिक गणना, 2013—282 |
प्राक्-ऐतिहासिक काल—24 | उद्योग मित्र—283 |
ऐतिहासिक काल—26 | बिहार औद्योगिक क्षेत्र विकास प्राधिकरण (BIADA)—283 |
प्राचीन बिहार में सामाजिक एवं धार्मिक सुधार आंदोलन—26 | बिहार के औद्योगिक प्रदेश—287 |
बिहार का राजनैतिक इतिहास—36 | 20. आधारभूत संरचना (Infrastructure)—289-302 |
मगध साम्राज्य का उदय—39 | परिवहन—289 |
मौर्यर बिहार—49 | संचार व्यवस्था—297 |
गुप्तकालीन बिहार—50 | ऊर्जा—297 |
3. मध्यकाल (Medieval Period)—54-76 | बिहार नवीन और नवीकरणीय ऊर्जा स्रोतों की संवर्धन नीति, 2011—301 |
पूर्व मध्यकाल—54 | 21. जनसंया एवं अधिवास (Population and Settlement)—303-316 |
मध्यकाल—58 | जनसंया—303 |
अफगान शति का उदय—59 | जनसंया घनत्व एवं वितरण—305 |
मुगलकालीन बिहार—66 | जनसंया नीति—309 |
बिहार में सूफीवाद—71 | मानव विकास सूचकांक—310 |
4. आधुनिक काल (Modern Period)—77-88 | ग्रामीण एवं नगरीय अधिवास—313 |
यूरोपीय कंपनियों का आगमन—77 | 22. पर्यटन एवं पर्यटन स्थल (Tourism and Tourist Places)—317-331 |
अंग्रेजी शासन की स्थापना—79 | पर्यटन—317 |
अंग्रेजी शासन के विरुद्ध जन आंदोलन—80 | पर्यटन नीति—318 |
5. स्वतंत्रता आंदोलन (Freedom Movement)—89-118 | राज्य के प्रमु पर्यटन स्थल—320 |
1857 ई. का विद्रोह—89 | 23. आपदा प्रबंधन (Disaster Management)—332-343 |
चंपारण सत्याग्रह—91 | बाढ़—333 |
खिलाफत आंदोलन —94 | सूखा—336 |
असहयोग आंदोलन—94 | भूकंप—338 |
सविनय अवज्ञा आंदोलन—95 | चक्रवात —338 |
भारत छोड़ो आंदोलन —97 | अन्य आपदाएँ—339 |
आजाद हिंद फौज में क्रांतिकारियों की भूमिका—101 | आपदा प्रबंधन संबंधित कार्य—339 |
क्रांतिकारी राष्ट्रवादी विचारधारा—102 | राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन अधिनियम, 2005—340 |
स्वतंत्रता आंदोलन में महिलाओं की भूमिका—106 | राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण—340 |
किसान आंदोलन—108 | बिहार आपदा जोखिम न्यूनीकरण रोडमैप, 2015-30—341 |
समाजवादी आंदोलन—112 | 24. राज-व्यवस्था (Political System)—344-354 |
ब्रिटिश काल में शिक्षा का विकास—114 | राजनैतिक व्यवस्था—344 |
6. पृथक् बिहार आंदोलन (Bihar Separation Movement)—119 | राज्यपाल—345 |
7. वास्तुकला एवं चित्रकला (Architecture and Painting)—122-130 | राज्य विधानमंडल—347 |
मौर्यकला—122 | राज्य मंत्रिपरिषद्् एवं मुयमंत्री—351 |
पालकला—124 | महाधिवता —352 |
पटना कलम—125 | लोकायुत—352 |
मधुबनी (मिथिला) चित्रकला—127 | प्रमुख आयोग—353 |
मंजूषा शैली—129 | 25. प्रशासनिक व्यवस्था (Administrative System)—355-366 |
8. लोक-संस्कृति (Folk Culture)—131-141 | प्रमंडलीय प्रशासन—356 |
लोकगीत—131 | जिला प्रशासन —356 |
लोकनृत्य—136 | अनुमंडल प्रशासन—357 |
लोकनाट्य—137 | प्रखंड प्रशासन—357 |
जनजातीय संस्कृति—139 | जिलों की विवरणी—359 |
9. मेले एवं त्योहार (Fairs and Festivals)—142-151 | 26. न्यायपालिका (Judiciary)—367-370 |
प्रमुख मेले—142 | उच्च न्यायालय का क्षेत्राधिकार—367 |
महोत्सव—144 | अधीनस्थ न्यायालय—368 |
पर्व-त्योहार—146 | 27. स्थानीय स्वशासन (Local Government)—371-376 |
10. साहित्य एवं साहित्यकार (Literature and Writer)—152-166 | ग्राम पंचायत—371 |
भाषा एवं साहित्य—152 | पंचायत समिति—373 |
पत्रकारिता—155 | जिला परिषद्—373 |
प्रमुख साहित्यकार—157 | नगरीय स्वशासन—374 |
11. बिहार की विभूति (Personalities of Bihar)—167 | 28. प्रमुख आर्थिक संकेतक (Main Economic Indicators)—377-384 |
12. शिक्षा, स्वास्थ्य एवं खेल-कूद (Education, Health and Sports)—182-197 | जनसांयिकी—378 |
शिक्षा एवं शिक्षण संस्थान—182 | राज्य घरेलू उत्पाद—379 |
प्रमुख संग्रहालय—189 | बिहार में आर्थिक संरचना—381 |
स्वास्थ्य—190 | बिहार में क्षेत्रीय विषमता—382 |
खेल-कूद—194 | बिहार राजकोषीय नीति—382 |
बिहार राज्य खेल प्राधिकरण—195 | 29. गरीबी (Poverty)—385-390 |
13. स्थिति एवं उच्चावच (Location and Relief)—198-205 | गरीबी की धारणा—385 |
भौगोलिक स्थिति—198 | बिहार में गरीबी—387 |
उच्चावच (भौतिक विशेषताएँ)—200 | 30. बेरोजगारी (Unemployment)—391-394 |
भौगोलिक प्रदेश—203 | बेरोजगारी के प्रकार—391 |
14. अपवाह प्रणाली (Drainage System)—206-215 | बेरोजगारी का आधार—392 |
नदियाँ—206 | 31. केंद्र एवं राज्य प्रायोजित योजनाएँ (Central and State Sponsored Schemes)—395-424 |
गरम जलकुंड—211 | केंद्र प्रायोजित योजनाएँ—395 |
झील—213 | राज्य प्रायोजित योजनाएँ—410 |
आर्द्र्रभूमि क्षेत्र—214 | 32. विय प्रणाली (Financial System)—425-435 |
15. जलवायु एवं मिट्टी (Soil and Climate)—216-221 | बिहार में बैंकिंग अधिसंरचना—426 |
जलवायु—216 | व्यावसायिक बैंक—426 |
वर्षा का वितरण—218 | राज्य सहकारी बैंक—431 |
उार बिहार के मैदान की मिट्टी—219 | क्षेत्रीय ग्रामीण बैंक—432 |
दक्षिण बिहार के मैदान की मिट्टी—220 | निजी व्यावसायिक बैंक—433 |
दक्षिणी सीमांत पठार की मिट्टी—221 | विय संस्थाएँ—434 |
16. वन एवं वन्य जीव-जंतु (Forest and Wild Life)—222-232 | 33. नीतियाँ (Policies)—436-486 |
वन—222 | औद्योगिक नीति—436 |
वन नीति—225 | बिहार स्टार्ट-अप नीति, 2016—469 |
राज्य वन विकास अभिकरण—229 | सूचना एवं संचार प्रौद्योगिकी नीति, 2011—473 |
वन्य जीव-जंतु एवं संरक्षण—229 | बिहार विज्ञापन नीति, 2016—480 |
17. कृषि (Agriculture) —233-256 | बिहार लोक सेवाओं का अधिकार अधिनियम, 2011—481 |
भूमि उपयोग प्रतिरूप—233 | बिहार कृषि भूमि (गैर-कृषि प्रयोजनों के लिए संपरिवर्तन) अधिनियम, 2010—482 |
फसल गहनता (Crop Intensity)—235 | बिहार लोक शिकायत निवारण अधिकार अधिनियम, 2015—483 |
कृषि संयोजन प्रदेश—237 | बिहार मद्यनिषेद्य और उत्पाद अधिनियम, 2016—484 |
कृषि प्रदेश—237 | 34. आर्थिक सर्वेक्षण : 2016-17 (Economic Survey : 2016-17)—487 |
बिहार कृषि जलवायु प्रदेश—238 | 35. बजट : 2017-18 (Budget : 2017-18)—493 |
प्रमुख फसलें—239 | 36. राज्य विभाजन का प्रभाव (Effect of State Partition)—514 |
पशुपालन एवं मत्स्यपालन—252 | 37. विशेष राज्य के दर्जे की माँग एवं विशेष पैकेज, 2015—516 |
भूमि सुधार—256 | (Demand of Special Status and Special Package)— |
18. सिंचाई के साधन (Sources of Irrigation)—257-268 | 38. नसलवाद (Naxalism)—522 |
सिंचाई के प्रमुख साधन—258 | 39. बिहार में आर्थिक पिछड़ेपन एवं विकास की संभावनाएँ—526 |
कोसी परियोजना—260 | (Economic Backwardness of Bihar and Possibilities of Development)— |
गंडक परियोजना—261 | बिहार में आर्थिक पिछड़ापन—526 |
सोन परियोजना—261 | 40. सुशासन एवं सात निश्चय (Good Governance and Seven Nishchaya)—532 |
त्वरित सिंचाई लाभ कार्यक्रम (AIBP)—265 | 41. बिहार दिवस (Bihar Diwas)—537 |
इंद्रधनुषी क्रांति—265 | 42. समसामयिकी (Current Affairs)—539 |
पूर्वी क्षेत्र के लिए आई.सी.ए.आर. अनुसंधान परिसर, पटना—267 | 43. सांयिकी उपस्थापन (Statistical Presentation)—557 |
19. खनिज एवं उद्योग (Minerals and Industry)—269-288 | 44. प्रश्नावली सेट (Questionnaire Set)—613 |
खनिज संपदा—269 | 45. परिशिष्ट (Appendix)—689 |
उद्योग-धंधे—272 |
डॉ. मनीष रंजन वर्ष 2002 बैच के आई.ए.एस. अफसर हैं और वर्तमान में झारखंड सरकार में कार्यरत हैं। उन्होंने झारखंड में विभिन्न जिलों में उपायुक्त-सह-जिला कलेक्टर के रूप में सफलतापूर्वक काम किया है। उन्होंने नेतरहाट विद्यालय, नेतरहाट से स्कूली शिक्षा एवं पटना कॉलेज, पटना तथा हिंदू कॉलेज, दिल्ली विश्वविद्यालय से उच्च शिक्षा प्राप्त की। IRMA, गुजरात से एम.बी.ए. करने के बाद उन्होंने मैनेजमेंट स्टडीज में पी-एच.डी. की उपाधि हासिल की। उन्होंने ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी, इंग्लैंड, जॉन्स हापकिंस यूनिवर्सिटी, अमेरिका, फ्रैंकफर्ट स्कूल ऑफ फाइनेंस एंड मैनेजमेंट, जर्मनी, इंटरनेशनल ट्रेनिंग सेंटर, तुरीन, इटली एवं कोरिया डेवलपमेंट इंस्टीट्यूट, दक्षिण कोरिया में अध्ययन किया।
प्रोफेशनल कॅरियर में उन्होंने आई.ए.एस. की मेरिट में प्रथम स्थान प्राप्त करने के लिए 'डायरेक्टर्स गोल्ड मेडल' प्राप्त किया था। उन्हें लगातार दो वर्ष प्रधानमंत्री 'मनरेगा उत्कृष्टता पुरस्कार', राष्ट्रपति से 'निर्मल ग्राम पुरस्कार', एशियन फेडरेशन ऑफ इंटेलेक्चुअल डिसेबिलिटीज, जापान से 'स्टार राफ्ट पुरस्कार' और शारीरिक दिव्यांगों के लिए अनुकरणीय कार्य करने के लिए भारत सरकार द्वारा 'स्पंदन पुरस्कार' से भी सम्मानित किया जा चुका है। यह उनकी नौवीं पुस्तक है। झारखंड उनकी कर्मस्थली है, तो इससे लगाव होना सहज ही है। अध्ययन, अन्वेषण और चिंतन में निरंतर उनकी रुचि है, जो लेखकीय दायित्व के लिए आवश्यक है।