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हम सब बेहतर से बेहतर बोलना चाहते हैं। पर बोलें कैसे, यह नहीं समझ पाते। इस पुस्तक में कोशिश की गई है कि बोलने की लगभग हर प्रचलित विधा के बारे में बात की जाए। छोटे-छोटे उदाहरणों से किस विधा में कैसे बोलें, शुरुआत से लेकर अभ्यस्त होने तक का रास्ता बताने का प्रयास है। हर विधा के एक्सपर्ट, कई दशकों के अनुभव से जो तरीके बताते हैं, उन्हें इसमें समाहित किया गया है।
अब सवाल यह कि इस पुस्तक को लिखने का खयाल कैसे आया? हार्वर्ड बिजनेस रिव्यू प्रेस की एक 100 पेज की छोटी सी पुस्तक है—‘20 मिनट मैनेजर प्रेजेंटेशन’। इंग्लिश में है। पढ़ी है। अच्छी लगी। फिर लगा कि सिर्फ पीपीटी प्रेजेंट करने पर पुस्तक! सवाल उठा, कौन पढ़ता होगा? जवाब, मैंने तो पढ़ी। बस, वहीं से फितूर जागा कि बोलने, दिखने के माध्यम पर हिंदी में एक पुस्तक क्यों न हो! नतीजा आपके हाथ में है। कैसा है, कितना कारगर है, यह आप बताएँ। संवाद करने की क्षमता बढ़ाकर, बात करने की कला विकसित कर अपने व्यक्तित्व को निखारने की दिशा दिखाने और अंततः सफल होने का पथ प्रशस्त करती एक व्यावहारिक पुस्तक।