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हिंदी फिल्मों का इतिहास दो वर्ष पश्चात् एक शताब्दी पुराना हो जाएगा। इस अवधि में रजतपट का वह काल भी आता है, जब मूक फिल्मों का निर्माण होता था। इस पुस्तक में हिंदी सिने जगत् ‘बॉलीबुड’ में अपना योगदान करनेवाले विशिष्ट अभिनेताओं, अभिनेत्रियों, गायकों, संगीत-निर्देशकों तथा फिल्म निर्मात्री संस्थाओं का ऐतिहासिक मूल्यांकन किया गया है।
दादा साहब फाल्के, के.एल. सैगल, मुकेश, तलत महमूद, प्रदीप, मास्टर मदन, नूरजहाँ, देविका रानी, सुरैया, गीता दत्त, पृथ्वीराज कपूर, बलराज साहनी, नौशाद, मोतीलाल आदि हिंदी सिनेमा के ऐसे स्तंभ हैं, जिनपर आज के ‘बॉलीवुड’ का मजबूत किला टिका हुआ है। इन कलाकारों के अभिनय, गायन, वादन, संगीत, निर्देशन के कारण ही हिंदी फिल्में लोकप्रिय हुईं और दर्शकों के दिलों पर राज करने लगीं।
यह पुस्तक इन महान् कलाकारों के हिंदी फिल्मों के लिए किए गए अनन्य योगदान के प्रति सम्मान व्यक्त करने का विनम्र प्रयास है। ‘बॉलीवुड’ के शैशवकाल की गौरवशाली कहानी है यह कृति।