₹1000
महत्वपूर्ण व लोकप्रिय सूक्तियों का बृहत् संकलन, जिसे तैयार करने में सात वर्ष से आधिक समय लगा । एक लाख घंटों से अधिक बौद्धिक श्रम का परिणाम । प्रथम संस्करण अल्पावधि में ही समाप्त । प्रस्तुत संस्करण पूर्णत : संशोधित - परिवर्धित, अधिक उपादेय । सर्वप्रथम विशाल भारतीय सूक्ति कोश, जिसमें क्रमश : संस्कृत, पालि, प्राकृत, अपभ्रंश तथा आधुनिक भारतीय भाषाओं - हिंदी, उर्दू कश्मीरी, पंजाबी, सिंधी, राजस्थानी, गुजराती, मराठी, बँगला, उड़िया, असमिया, तमिल, तेलुगु कन्नड़, मलयालम - के साथ ही अंग्रेजी, अरबी, फारसी, चीनी, जापानी, यूनानी, लैटिन, फ्रेंच, जर्मन, रूसी आदि की सूक्तियों का भी समुचित प्रतिनिधित्व है ।
लेखकों, संपादकों, वक्ताओं, राजनीतिज्ञों, विद्यार्थियों, शिक्षकों, अनुसंधित्सुओं इत्यादि के लिए अत्यंत उपयोगी संदर्भ ग्रंथ, जो सामान्य पाठकों को भी लाभान्वित करेगा । तीन खंडों में विभाजित 1700 से अधिक पृष्ठों की अमूल्य सामग्री । प्राय: अनुवाद के साथ मूल भी उपलब्ध । परिवर्धन के अंतर्गत तृतीय खंड के अंत में संस्कृत सूक्तियों की संदर्भ अनुक्रमणिका ' सम्मिलित, जो किसी भी संस्कृत सूक्ति को , ढूँढने में सहायक होगी और समय भी । बचाएगी ।
युग - युग के देशी- विदेशो महान् वैज्ञानिकों, कलाकारों, इतिहासकारों, दार्शनिकों, साहित्यकारों, आचार्यों, योद्धाओं, शासकों, नीतिज्ञों, संतों इत्यादि की 16000 से अधिक मार्मिक और कालजयी सूक्तियाँ- लगभग 2000 विषयों में वर्गीकृत । विश्वसनीय, सहायक और प्रेरक ग्रंथ । प्रत्येक सुख- दु : ख में मार्गदर्शक मनीषी मित्र । ज्ञान का आकर्षक नवनीत।
जन्म : १० अप्रैल, १९३२।
बहुमुखी प्रतिभाशाली, अनेक विषयों के विद्वान्, विचारक और कवि। दिल्ली विश्वविद्यालय के पी.जी.डी.ए.वी. (सान्ध्य) कॉलेज में हिन्दी के वरिष्ठ प्राध्यापक पद से सेवानिवृत्त।
एम.एस-सी. (गणित)। संस्कृत, अंग्रेजी, हिन्दी तथा भारतीय इतिहास व संस्कृति में एम.ए.। प्रथम श्रेणी के विद्यार्थी रहे। भारतीय इतिहास व संस्कृति में सर्वोच्च स्थान प्राप्त। ‘हिन्दी काव्य में शक्ति तत्त्व’ पर दिल्ली विश्वविद्यालय से विद्या वाचस्पति (पी-एच.डी.)।
विविध भाषाओं तथा ज्ञान-विज्ञान की अनेकानेक शाखाओं का गहन अध्ययन। १९५३ ई. में अकेले ही हिमालय को पैदल पार कर तिब्बत की यात्रा की। ‘केन्द्र भारती’ मासिक (विवेकानन्द केन्द्र, कन्याकुमारी) के सम्पादक रहे। भारतीय अनुशीलन परिषद्, बरेली (उ.प्र.) के निदेशक।
प्रकाशित कृतियाँ : ‘बृहत् विश्व सूक्ति कोश’ (तीन खण्डों में), ‘क्रान्तियोगी श्री अरविन्द’, ‘महायोगी श्री अरविन्द’, ‘श्री अरविन्द साहित्य दर्शन’, ‘श्री अरविन्द विचार दर्शन’, ‘हमारे सांस्कृतिक प्रतीक’, ‘भारत के मेले’, ‘भारत का संविधान’, ‘मर्यादा-पुरुषोत्तम श्रीराम’, ‘राष्ट्रनिर्माता स्वामी विवेकानन्द’।
स्मृतिशेष : २० नवम्बर, २००९।