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बुलेट ट्रेन आधुनिक तकनीक का उत्कृष्ट नमूना है, जिसने परिवहन की अवधारणा में क्रांति ला दी है। बुलेट ट्रेन की अवधारणा को विस्तृत या व्यापक रूप में समझने के लिए सरल भाषा की कोई भी पुस्तक उपलब्ध नहीं है। इस पुस्तक में बुलेट ट्रेन का इतिहास व उसकी पृष्ठभूमि समाहित है। यह पुस्तक विश्व के विभिन्न भागों व विशेष रूप से भारत में बुलेट ट्रेन की वर्तमान स्थिति व भविष्य का आकलन करती है। इसमें बुलेट टे्रन की तकनीक का बहुत ही स्पष्ट रूप से विवरण दिया गया है। उद्देश्यपरक तरीके से लाभ व आलोचना की विवेचना की गई है। वित्तीय, कार्यान्यवयन, कार्यप्रणाली को अलग-अलग अध्यायों में विस्तार से समझाया गया है। पुस्तक का विशेष आकर्षण बुलेट ट्रेन की शब्दावली का अध्याय है। यह पुस्तक घोड़ों द्वारा खींची जानेवाली टे्रन से बुलेट ट्रेन तक के रोचक सफर का वर्णन करती है; साथ ही भविष्य में आनेवाली नई यातायात तकनीकों का भी वर्णन करती है। युवाओं, परिवहन व्यवसायियों, शोधकों, रेल कर्मचारियों तथा यात्रियों के लिए पठनीय रोचक पुस्तक।
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अनुक्रम
लेखकीय — 5
पुस्तक परिचय — 9
1. घोड़े, वाष्प इंजन और शिंकनसेन : ट्रेन की गति का इतिहास — 19
2. उल्लू के पंख और किंगफिशर का झपट्टा : बुलेट ट्रेन का प्रौद्योगिकीय विवरण — 40
3. अच्छी या खराब फायदे और आलोचना — 78
4. धन की उपलधता — 103
5. क्रियान्वयन निर्देशिका — 112
6. ध्वनि बाधकों का समापन और पृथ्वी पर अंतरिक्ष यात्रा : परिवहन की मौजूदा स्थिति और भविष्य — 117
सार-संक्षेप — 140
बुलेट ट्रेन की शदावली — 143
संदर्भ-सूची — 150
राकेश कुमार रौशन भारतीय सिविल सेवा के 2001 बैच के अधिकारी हैं। उन्हें परिवहन योजना तथा प्रबंधन के क्षेत्र में व्यापक अनुभव है। उन्होंने भारत के प्रीमियर रिसर्च इंस्टीट्यूट से विज्ञान में परास्नातक तथा परिचालन प्रबंधन में एम.बी.ए. भी किया है। उन्होंने एल.बी.एस.एन.ए.ए., मसूरी; आई.आई.एम., लखनऊ; एम.डी.आई., गुड़गाँव; वर्ल्ड बैंक इंस्टीट्यूट तथा लैंड ट्रांसपोर्ट एकेडमी, सिंगापुर से प्रशिक्षण प्राप्त किया है। दिल्ली मेट्रो रेल कॉरपोरेशन में प्रतिनियुक्ति अवधि के दौरान चालक रहित ट्रेन की शुरुआत की योजना में उन्होंने विशेष भूमिका निभाई। वर्तमान में वे झारखंड, बिहार, उत्तर प्रदेश तथा मध्य प्रदेश में परिवहन से संबंधित आधारभूत परियोजनाओं के कार्यान्वयन में सक्रिय हैं।
संपर्क : rakeshirts@gmail.com