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किसी भी बिजनेस के फर्श से अर्श तक की यात्रा के बीच कहीं कोई ठहराव नहीं होता; क्योंकि जहाँ ठहरे वहाँ समाप्ति। इसलिए इस यात्रा को पर्वतारोहण की तरह पूरी सावधानी, जिम्मेदारी और निरंतरता के साथ चलाए रखना होता है, तभी एवरेस्ट को फतह किया जा सकता है। इसके बाद यह देखना होता है कि शीर्ष पर कैसे स्थापित रहा जाए। इसके लिए बिजनेसमैन को सामयिक रणनीतियाँ बनानी होती हैं। कुल मिलाकर बिजनेस एक ऐसी मंजिल है, जिसे हर समय प्रकाशमान रखना होगा। वहाँ अँधेरा होने का मतलब है—सबकुछ चौपट हो जाना।
प्रस्तुत पुस्तक कुछ ऐसे ही व्यवसायियों की प्रेरक संक्षिप्त जीवन-गाथाओं का संकलन है, जिन्होंने पारिवारिक परंपराओं को तोड़कर व्यवसाय में हाथ आजमाए और अपनी कठोर मेहनत, जुझारूपन व जीवंत समर्पण के दम पर शून्य से शिखर तक पहुँच गए और आज व्यावसायिक क्षितिज पर सितारों की तरह जगमगा रहे हैं। भावी बिजनेसमैन बिजनेस के इन सितारों से उनकी रणनीतियाँ, युक्तियाँ व कार्यशैली से प्रेरणा लेकर सफलता के पथ पर आगे बढ़ सकते हैं। पुस्तक में अजीम प्रेमजी से लेकर डॉ. नारायण मूर्ति और आनंद महिंद्रा से लेकर गौतम अडाणी तक की बिजनेस रणनीतियाँ वर्णित की गई हैं। बिजनेस में सफल होने और चमकने के व्यावहारिक गुर बताती अत्यंत उपयोगी पुस्तक।
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अनुक्रम | |
1. अक्षय बेटर — Pgs. 13 | 51. पवन जैन — Pgs. 116 |
2. अजीम प्रेमजी — Pgs. 15 | 52. प्रदीप कुमार गुप्ता — Pgs. 118 |
3. अनलजीत सिंह — Pgs. 17 | 53. प्रेम गणपति — Pgs. 120 |
4. अनिल अग्रवाल — Pgs. 19 | 54. बाबा रामदेव — Pgs. 122 |
5. अशोक के. चौहान — Pgs. 21 | 55. बालकृष्ण गोयनका — Pgs. 124 |
6. अशोक चतुर्वेदी — Pgs. 23 | 56. बी.पी. अग्रवाल — Pgs. 126 |
7. अशोक मिल, नरेश मिल, रमेश मिल — Pgs. 25 | 57. ब्रिगेडियर डॉ. अरविंद लाल — Pgs. 128 |
8. अश्नी एवं विवेक बियानी — Pgs. 27 | 58. भवर लाल जैन शिक्षा-ज्ञान एवं बुद्धिमा — Pgs. 130 |
9. आनंद कुमार — Pgs. 29 | 59. मदन डोडेजा — Pgs. 132 |
10. आनंद डी.सी.एम. 31 | 60. मनोहर लाल अग्रवाल — Pgs. 134 |
11. आनंद महिंद्रा — Pgs. 33 | 61. मल्लिका श्रीनिवासन — Pgs. 136 |
12. आर.एस. गोयनका एवं आर.एस. अग्रवाल— इमामी ग्रुप — Pgs. 35 | 62. महेश गुप्ता — Pgs. 138 |
13. आर. त्यागराजन — Pgs. 37 | 63. मेहर पुदुमजी व अनु आगा — Pgs. 140 |
14. आशीष कपूर — Pgs. 39 | 64. मोतीलाल ओसवाल — Pgs. 142 |
15. इंदु जैन — Pgs. 41 | 65. मोहनीश पाब्रै — Pgs. 144 |
16. इंद्रा के. नूई — Pgs. 44 | 66. रमेश अग्रवाल — Pgs. 146 |
17. ई. श्रीधरन — Pgs. 46 | 67. रमेश चंद्र अग्रवाल — Pgs. 148 |
18. एन.आर. नारायण मूर्ति एवं सुधा मूर्ति — Pgs. 48 | 68. राघव बहल — Pgs. 150 |
19. एम.एस. ओबेरॉय — Pgs. 50 | 69. राजीव मेमानी — Pgs. 152 |
20. किरण मजूमदार शॉ — Pgs. 52 | 70. राजेश मेहता — Pgs. 154 |
21. किशन खन्ना — Pgs. 54 | 71. राणा कपूर — Pgs. 156 |
22. कीमतराय गुप्ता — Pgs. 56 | 72. रितु नंदा — Pgs. 158 |
23. कुँवर सचदेव — Pgs. 58 | 73. रोशनी नादिर — Pgs. 160 |
24. कृष्ण गणेश — Pgs. 61 | 74. रोहित कोचर — Pgs. 162 |
25. कैप्टन जी.आर. गोपीनाथ — Pgs. 63 | 75. लक्ष्मण दास मिल, दीपक और अमृत सागर — Pgs. 164 |
26. गौतम अडाणी — Pgs. 65 | 76. लक्ष्मी मिल और आदित्य मिल — Pgs. 166 |
27. चंदू भाई विरानी, कानूभाई विरानी, भीखू भाई विरानी, केयूर विरानी — Pgs. 67 | 77. वंदना लूथरा — Pgs. 168 |
28. चेतन मैनी — Pgs. 69 | 78. विजय महाजन — Pgs. 170 |
29. जय गुप्ता — Pgs. 72 | 79. विक्रम सोमानी — Pgs. 172 |
30. जयप्रकाश गौर — Pgs. 74 | 80. विजय कुमार अरोड़ा — Pgs. 174 |
31. जयाराम बनान — Pgs. 76 | 81. विजय के. थडाणी — Pgs. 176 |
32. जसवंती बेन जमना दास पोपट — Pgs. 78 | 82. विजय माल्या — Pgs. 178 |
33. जी.एम. राव — Pgs. 80 | 83. विलियम बिसेल — Pgs. 180 |
34. तुलसी टांटी — Pgs. 82 | 84. वी.एस.एस. मानी — Pgs. 182 |
35. डॉ. ए. वेलुमानी — Pgs. 84 | 85. वी.के. अरोड़ा, अशोक अरोड़ा, सुरिंदर अरोड़ा एवं अश्विनी अरोड़ा — Pgs. 184 |
36. डॉ. जी. वेंकटस्वामी — Pgs. 86 | 86. वी.के. बंसल — Pgs. 186 |
37. डॉ. देवी प्रसाद शेट्टी — Pgs. 88 | 87. वी.जी. सिद्धार्थ — Pgs. 188 |
38. डॉ. प्रताप सी. रेड्डी — Pgs. 90 | 88. शरद बाबू—फूड किंग — Pgs. 190 |
39. डॉ. बिंदेश्वर पाठक — Pgs. 92 | 89. शांतनु प्रकाश — Pgs. 192 |
40. डी.के. जैन — Pgs. 94 | 90. शाहिन मिस्त्री — Pgs. 194 |
41. दीपक कालरा — Pgs. 96 | 91. शिव नादर — Pgs. 196 |
42. धर्मपाल गुलाटी — Pgs. 98 | 92. शिविंदर सिंह एवं मलविंदर सिंह — Pgs. 198 |
43. नंदन नीलकेनी — Pgs. 100 | 93. शोभना भरतिया — Pgs. 200 |
44. नरेश गोयल — Pgs. 102 | 94. संजीव बिखचंदानी — Pgs. 203 |
45. नल्ली कुप्पुस्वामी चेयिर — Pgs. 104 | 95. सावित्री जिंदल — Pgs. 205 |
46. नवनीत कथालिया — Pgs. 106 | 96. सी.के. रंगनाथन — Pgs. 207 |
47. निकुंज संघी — Pgs. 108 | 97. सी.पी. कृष्णन नायर — Pgs. 209 |
48. नीतिन नोहरा — Pgs. 110 | 98. सुधा नारायण मूर्ति — Pgs. 211 |
49. नीरज गुप्ता — Pgs. 112 | 99. सुनील मिल — Pgs. 213 |
50. पतंजलि केसवानी — Pgs. 114 | 100. हनुमंत और गायकवाड़ — Pgs. 215 |
व्यक्तित्व विकास एवं व्यवहार-प्रबंधन की पुस्तकों के सुपरिचित लेखक हैं। अमेरिका की प्रतिष्ठित यूनिवर्सिटी ऑफ मिनेसोटा से एम.बी.ए. करने के उपरांत वे तैंतीस वर्ष तक भारत के प्रमुख उद्योग समूह ‘एस्कॉर्ट्स’ से संबद्ध रहे और अनेक उच्च पदों पर आसीन रहे। हिंदी-अंग्रेजी में मानव-व्यवहार से संबंधित उनकी 60 से अधिक पुस्तकें प्रकाशित हो चुकी हैं, जिनकी 10 लाख से अधिक प्रतियाँ बिक चुकी हैं। देश-विदेश में व्यवहार-प्रबंधन पर 1 हजार से अधिक सेमिनारों का आयोजन भी कर चुके हैं।