"चाहो! सब कुछ चाहो ''लोग मुझसे अक्सर पूछते हैं,'' 'बुद्ध ने कहा इच्छा न करो। लेकिन आप तो कहते हैं-सारा कुछ पाने की इच्छा करो। यह विरोधाभास क्यों है?' जो अपने जीवन-काल के अंदर समस्त मानव जाति को ज्ञान प्रदान करने की इच्छा करते रह, क्या उन्होंने लोगों को इच्छा का त्याग करने को कहा होगा? कभी नही। बड़ी से बड़ी इच्छाएं पालिए। उन्हें पाने के लिए सौ फीसदी लगन के साथ कार्य कीजिए। ध्यानपूर्वक इच्छा का निर्वाह करेंगे तो वांछित मनोरथ पा सकते हैं।'' -सद्गुरु बेहद लोकप्रिय साप्तहिक 'आनंद विकटन' में एक वर्ष-पर्यत धरावाहिक रूप से निकलकर, फिर पुस्तकाकार प्रकाशित सद्गुरु के वचनामृत अब आपके हाथों में है - 'चाहो! सब कुछ चाहो'
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अनुक्रम | III. ईश्वर की प्रतीक्षा न करें | |||
निवेदन | 27. ईश्वर है...या नहीं है? | 117 | ||
I. इच्छाओं की बुनियाद | 28. दुनिया पर शासन चलाने की इच्छा है? | 120 | ||
1. इच्छाओं को त्यागना मूर्खता है! | 15 | 29. दुश्मन अंदर बैठा है | 124 | |
2. क्या आप खुशी को गिरवी रखना चाहेंगे? | 19 | 30. मन क्यों उलझता है? | 127 | |
3. प्रकृति से सीखिए | 23 | 31. क्या पवित्र ग्रंथों के पाठक पुण्यात्मा हैं? | 131 | |
4. खुदगर्जी भी जरूरी है | 26 | 32. भगवान् के इंतजार में बैठे न रहिए | 134 | |
5. समस्याओं का स्वागत करें | 30 | 33. यश और लोकप्रियता कैसे पाएँ? | 138 | |
6. वह क्षण, जब दस्तक देगी कामयाबी | 34 | 34. अपने पर विश्वास कीजिए, ईश्वर पर नहीं | 142 | |
7. जिंदगी आपके मन-माफिक | 38 | 35. कौन सा अच्छा है और कौन सा बुरा? | 145 | |
8. क्षमता के अनुरूप ऊँचाई | 42 | 36. क्षमताओं को कैसे बढ़ाएँ? | 149 | |
9. क्रोध को मार डालो | 46 | 37. गलतियों को स्वीकार कीजिए! | 153 | |
10. पूरी लगन के साथ काम कीजिए | 50 | 38. कामयाबी लाडली बच्ची है | 156 | |
11. दिलचस्प लगेगा हरेक मोड़ | 54 | 39. तनाव दूर कीजिए | 159 | |
12. बच्चे को कैसा उपहार दें? | 58 | IV. आसान है सपनों को साकार करना | ||
13. नंबर क्या कर सकते हैं? | 62 | 40. प्रतिकूल ज्योतिष-फल को झुठलाइए | 165 | |
II. नुकसान में भी फायदा | 41. स्नेह सहज स्वभाव बन जाए | 168 | ||
14. क्या अगले की बरबादी में है आपकी कामयाबी? | 69 | 42. मन की पस्ती को दूर हटाएँ | 171 | |
15. सपने साकार होंगे | 72 | 43. आप किस धर्म के माननेवाले हैं? | 174 | |
16. आप भी बनें उग्रवादी | 76 | 44. पुरुष और स्त्री | 178 | |
17. खुशी किसमें है? | 80 | 45. क्या नारी अक्ल में पिछड़ी है? | 181 | |
18. नाहक अपने को न दुखाइए | 83 | 46. अपने भाग्य का स्वयं निर्माण करें | 184 | |
19. बुरी आदतें कौन सी हैं? | 87 | 47. अपनी पहचान का मुखौटा | 187 | |
20. क्या प्रेम भी कोई माया है? | 90 | 48. सपना साकार कीजिए | 191 | |
21. कौन किसका मेल है? | 94 | 49. क्या जीवन कोई लेन-देन का मामला है? | 194 | |
22. लगाव बुरा नहीं है | 98 | 50. मैं कौन हूँ? आप कौन हैं? | 197 | |
23. कर्तव्य— विदा कर दीजिए इस शब्द को | 102 | 51. यौवन : जीवन का अमूल्य अवसर | 200 | |
24. विनाश भी विकास के लिए ही है | 105 | 52. अपनी इच्छा के स्वामी स्वयं बनें | 203 | |
25. जिम्मेदारी भी कोई बोझ है! | 109 | 53. वांछित मनोरथ पाइए | 206 | |
26. विधि-विधानों का नियामक कौन? | 112 | सद्गुरु | 209 |