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"यह कहानी-संग्रह नई राह का है। इसमें 24 कहानियाँ संकलित हैं। इन सभी कहानियों में लोक झाँकता है। अपने समय से संवाद करना इन कहानियों की सबसे बड़ी विशेषता है। इनमें कहीं राष्ट्र का झरोखा है, कहीं लोक और समाज का। समय का मनुहार करना रचनाकर्म का सर्वश्रेष्ठ प्रतिमान होता है। कहानियों की पात्र संरचना, भाषा और संवाद की प्रकृति मूलतः भारतीय हो, चरित्र अपने हों, प्रकृति अपनी हो, भूमि अपनी हो, इन बातों की संपूर्ति इन कहानियों में स्पष्ट झलकती है। इन कहानियों में पाठकों को एक आस्वाद मिलेगा, ऐसी उम्मीद की जा सकती है। 'शहीद की माँ' एक ऐसी कहानी है, जिसने अपने बलिदानी पुत्र पर आँसू नहीं बहाए।
इसका संकेतार्थ व्यापक भावभूमि पर है। 'वापसी' कहानी परिवार और समाज को संदेश देने वाली कहानी है। 'चिंदी गाँव' में जहाँ सीमावर्ती गाँव की समस्या का चित्रण है, वहीं 'चतुराई' कहानी में परजीवी उत्तम लाल का चरित्र है। संग्रह की अनेक कहानियाँ ऐसी हैं, जो पाठकों में औत्सुक्य भाव बनाए रखने की क्षमता रखती हैं। ये कहानियाँ अपने समय को सहेजती तो हैं ही, उनसे जूझती भी हैं।"