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प्रत्येक व्यक्ति जीवन में अपने तय किए गए लक्ष्य तक ही पहुँचना चाहता है। ऐसे में यह पुस्तक आप सभी के लिए लाभकारी होगी। चाणक्य के द्वारा कही गई बातों का कहाँ, क्या, किस सदंर्भ में कैसे उपयोग किया जा सकता है, यह पुस्तक पाठकों को यह बताने में मदद करेगी। अगर किसी एक भी पाठक को इस पुस्तक के माध्यम से अपने जीवन और लक्ष्य को खूबसूरत पड़ाव तक पहुँचाने में मदद मिलती है तो इस पुस्तक का लेखन सार्थक हो जाएगा।
मेरठ (उ.प्र.) में जन्मे ए.के. गांधी वरिष्ठ लेखक तथा अनुवादक हैं। उन्होेंने अनेक पुस्तकों की रचना तथा अनुवाद किया है। सन् 1995 में भारतीय वायु सेना से सेवानिवृत्ति के बाद से ही स्वतंत्र रूप से इस कार्य को कर रहे हैं। उनकी रुचि के क्षेत्र इतिहास, राजनीति विज्ञान तथा व्याकरण हैं। इन तीनों ही क्षेत्रों में उनकी अनेक लोकप्रिय पुस्तकें प्रकाशित हो चुकी हैं। उन्हें शोधपरक पुस्तकों के लिए जाना जाता है। उनकी भाषा आम आदमी से सीधा जुड़ाव करती है; यह गुण उन्हें लोकप्रिय बनाता है। उन्होंने सी.बी.एस.ई. माध्यम विद्यालयों के लिए भी अनेक पुस्तकों की रचना की है। इसके अतिरिक्त उनके लेख समाचार-पत्रों तथा पत्रिकाओं में भी छपते हैं। वे दो ब्लॉग भी चलाते हैं, जिनमें से meerut-amazing.blogspot.in उनके नगर की ऐतिहासिक, सांस्कृतिक विरासत के संरक्षण के प्रति समर्पित है तथा writerakgandhi. blogspot.in छात्रों की विभिन्न प्रकार से सहायता के लिए है। अपने सामाजिक तथा लेखन कार्य के लिए उन्हें मेरठ सांस्कृतिक मंच द्वारा ‘ज्ञानदीप पुरस्कार’ से सम्मानित किया जा चुका है।