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Chand Ka Teela   

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Author Shikha Gupta
Features
  • ISBN : 9789386054937
  • Language : Hindi
  • Publisher : Prabhat Prakashan
  • Edition : 1st
  • ...more

More Information

  • Shikha Gupta
  • 9789386054937
  • Hindi
  • Prabhat Prakashan
  • 1st
  • 2018
  • 136
  • Hard Cover

Description

श्रीमती शिखा गुप्ता की पुस्तक की पांडुलिपि हाथों में आने के बाद मेरी पहली प्रतिक्रिया थी कि इसका नाम ‘चाँद का टीला’ अद्भुत और अभिव्यंजक है। ‘चाँद का टीला’ का संबंध यादों से तो है ही, साथ में आस-पास की, अपने इर्द-गिर्द के समाज की, सामाजिक संबंधों की मुरादों और हालात को बदलने के इरादों से भी है।

कविमन को पर्यावरण की चिंता है। पीपल का वृक्ष छाती पर आरी के दाँते महसूस कर रहा है।

कटा वो पेड़ तो मैं कितना रोया,

उसी से थी मेरी पहचान बाकी।

विद्वान् किस भ्रम में जी रहे हैं, वे पूछती हैं। चर्चा-परिचर्चा में व्यस्त बुद्धिजन आश्वासनों के बल पर या आमजन की पीड़ा का निवारण कर सकते हैं। प्रकृति से खिलवाड़ करके आपदाओं के लिए ऊपरवाले को दोष देना या सही है।

खुदा है कैद अब तो मजहबों में,

फरिश्ते भी यूँ धूल फाँकते हैं।

दिलासों ने जलाए शहर इतने,

के अब तो होंठ कहते काँपते हैं।

शिजी की कविता के अनेक फलक हैं। तरह-तरह के आयाम हैं। भाषा का सौष्ठव है। शदों के अनेकार्थी प्रयोग हैं। शैली में नवीनता है। उम्मीद करता हूँ कि पिछली पुस्तक के समान उनकी इस पुस्तक का भी स्वागत होगा।

 —अशोक चक्रधर

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अनुक्रम

 

प्रस्तावना  :  सबके अनुभवों में प्रवेश करती कविताएँ—5

36. सबसे बुरा होता है —72

मन से... 7

37. ख़ुद के लिए —75

1. सिलसिला —13

38. कुछ सामान बाक़ी —77

2. शहर —15

39. तुम्हारी आवाज़ —78

3. वो मिला... 17

40. पैबंद  —79

4. धूप सुनहरी —19

41. एक प्रत्याशा —80

 5. क्यूँकर हुआ—21

42. सरगम —82

6. रंग बदलते रिश्ते —22

43. सत्य से प्रश्न —84

7. तल्ख़ियाँ   —24

44. चाहती हूँ यक़ीन कर लेना —86

8. पीपल का वृक्ष —25

45. हद —88

9. एक सच ये भी —28

46. भाव —89

10. मैं कोई लम्हा नहीं —29

47. धूप के टुकड़े —91

11. धरती का रुदन —31

48. मात्र परों से क्या होता है —93

12. सच के रूप —33

49. क्या हूँ मैं —95

13. बारिश की रितु एक ही लेकिन —34

50. धूप का पुर्ज़ा —97

14. विदाई —36

51. कोरे स्वप्न—99

15. धूप से मुलाक़ात —38

52. इंतज़ार —101

16. क्यूँ रूठे बदरा —40

53. चाँद का टीला—103

17. चाँद का दर्द —41

54. जड़ें  —105

18. अभिव्यक्ति —43

55. पिघली-सी चाँदनी —107

19. लौटा है बचपन —45

56. भीगी-भीगी नदी —109

20. कब छोड़ती हैं यादें —46

57. वादा —111

21. माँ-बेटी —48

58. डायरी के पन्ने —113

22. दरारों की इबारत —49

59. ईश्वर जब कहलाते हो —115

23. पगडंडी —50

60. बँटवारा —117

24. बेतरतीब यादें —52

61. चलो! ये मज़ाक फिर से दोहरायें —119

25. सच्‍चा इश्क़—53

62. पावस ऋतु —121

26. मेरी कविता इतनी सी है —54

63. नियमानुसार —122

27. सफ़र  —56

64. विजय के बाद  —123

28. कठपुतलियाँ —58

65. हमारा संग —125

29. यादें —60

66. वो बात अब कहाँ —126

30. वो तेज़ धूप —62

67. उम्मीदों का एहसान —127

31. स्त्री रिसती है पल पल —64

68. खिड़की के उस पार इक चेहरा —128

32. इंतज़ार का सफर —65

69. देह के बंधन —130

33. वो एक पल —66

70. फ़ैसला —131

34. पौध—68

71. वेश्या —132

35. सोच रही हूँ क्या है कविता —70

72. हम बाज़ार सजाते हैं —133

The Author

Shikha Gupta

जन्म : 21 नवंबर।
शिक्षा : एम.एससी. (होम साइंस)।
प्रकाशन : सरिता, गृहशोभा, मनोरमा एवं अन्य पत्र-पत्रिकाओं में लेख/व्यंग्य एवं कविताओं का प्रकाशन।
विशेष : आकाशवाणी के विभिन्न केंद्रों से काव्य पाठ।
प्रख्यात गायकों एवं संगीतकारों द्वारा गीतों पर आधारित एल्बम जारी।

 

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