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बुंदेलखंड में लगभग एक सौ से भी अधिक
गाँवों के क्षेत्र को पुराने समय में चौरासी के नाम से जाना जाता था, जिसमें कुछ
उत्तर प्रदेश व कुछ मध्य प्रदेश के गाँव शामिल थे। इस कहानी में लेखक ने चौरासी
क्षेत्र के ग्रामीण जीवन का चित्रण किया है, जो एक सत्य घटना पर आधारित है।
कहानी में बुंदेलखंडी रीति-रिवाजों के बारे में बताया गया
है।
भैयालाल ने दोनों पुलिस वालों की बंदूकें छीनकर देवी और
करण को पकड़ाईं और चिल्लाया, ‘‘बई के बाप सेठ, अब तोय नईं छोड़ हों।’’ किस
प्रकार एक सीधा-सादा व्यक्ति पुलिस के बरताव के कारण बागी हो जाता है। इसका
वर्णन पुस्तक में किया गया है।