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वह एक महान् नायक थे और एकमात्र ऐसे व्यक्ति, जिनमें एक नए राज्य को खड़ा करने का विशाल हृदय था...
—मुगल बादशाह औरंगजेब
महान् योद्धा और कुशल प्रशासक, छत्रपति शिवाजी महाराज, जो महान् मराठा साम्राज्य के संस्थापक थे और उन्होंने ही अपने लोगों के मन में मराठा अस्मिता की भावना को जाग्रत् किया।
ऐसे समय में जब मुगल साम्राज्य अपनी बुलंदियों को छू रहा था, तब शिवाजी ही एकमात्र ऐसे थे, जिन्होंने बादशाह औरंगजेब की ताकत को चुनौती देने का साहस दिखाया। उन्होंने अपनी साधारण सी 2,000 सैनिकों की सेना को धीरे-धीरे बढ़ाते हुए 1,00,000 की क्षमता तक पहुँचाया। अनुशासित सैन्य प्रणाली, सुगठित प्रशासनिक संरचना और पूर्णतया परंपरागत समाज की सहायता से मराठा सेना जल्दी ही ऐसी विलक्षण सैन्य शक्ति बन गई जो भारत में मुगलों को टक्कर दे सकती थी।
आदिलशाही सल्तनत और औरंगजेब जैसे खतरनाक शासकों के साथ हुई ऐतिहासिक लड़ाइयों का वर्णन करने के साथ यह पुस्तक छत्रपति शिवाजी महाराज के विजय और शौर्य की कहानियाँ बताती हैं, जिनसे हर भारतीय पीढ़ी-दर-पीढ़ी प्रेरणा लेता रहेगा।
ब्रिटिश भारत के सिविल सेवक, डेनिस किनकेड (1905-1937), अदालतों में काम करने के लिए 1928 में मुंबई पहुँचे। वह प्रसिद्ध सिविल सेवक, चार्ल्स ऑगस्टस किनकेड के बड़े बेटे और एक जाने-माने उपन्यासकार और इतिहास लेखक थे।
उपन्यासकार के रूप में डेनिस ने ब्रिटिश सोशल लाइफ इन इंडिया, 1608-1937 लिखी थी, जिसमें औपनिवेशिक भारत में अंग्रेजों की भूमिका का उत्कृष्ट वर्णन है। उनकी ‘कैक्टस लैंड’ एक अद्भुत कहानी है, जो उस जमाने के भारतीय उपन्यासों की परंपराओं को तोड़ती है।
डेनिस की मृत्यु 10 जून, 1937 को हुई।