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"छोटी सी बात उपन्यास एक सामान्य सी, लेकिन गहरे अर्थों से भरपूर कहानी है, जो मानवीय संवेदनाओं, समाज की वास्तविकताओं और व्यक्तिगत संघर्षों पर आधारित है। इस उपन्यास का नाम खुद में ही बहुत कुछ कहता है—यह बताता है कि कभी-कभी जीवन में सबसे छोटी सी बात, सबसे छोटे से पहलू में भी कोई गहरी सच्चाई छिपी होती है।
दायरे उपन्यास राघव की गहरी सोच, समाज की सच्चाई और मानसिक संघर्षों को उजागर करने वाली कृति है। यह उपन्यास पाठकों को समाज, व्यक्तिगत अस्तित्व और आंतरिक संघर्ष के बारे में सोचने पर मजबूर करता है। राघव ने इसे एक संवेदनशील और सामाजिक दृष्टिकोण से प्रस्तुत किया है, जिसमें व्यक्ति की व्यक्तिगत पहचान, समाज के प्रति उसके विचार और जीवन के संघर्षों को बारीकी से चित्रित किया गया है। यह उपन्यास एक गहरी दार्शनिकता और मानसिकता की ओर पाठक को ले जाता है, जिससे वह समाज की सच्चाई को समझ सके।"