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"क्या कोई कार कभी सीखने के इकोसिस्टम का हिस्सा बन सकती है ? क्या आठ साल के बच्चे शोध कर सकते हैं ? यह पुस्तक सीखने के नए व अपारंपरिक तरीकों तथा जिज्ञासा के महत्त्व को रेखांकित करती है। इसकी नायिका क्यूबी सर्वोत्कृष्ट बच्चे का प्रतिनिधित्व करती है, जबकि काल्पनिक क्लासरूम, फ्रंटल आदर्श कहानीकार है। क्यूबी का हमेशा जिज्ञासु रहने वाला स्वभाव और उसके फलस्वरूप तरह-तरह के और ढेर सारे सवाल इसे दिलचस्प बनाते हैं।
कहानीकार का विश्लेषणात्मक और व्यंग्यात्मक अंदाज, जो कभी हास्य से तो कभी कटाक्ष से भरा होता है, एक कुशल बागवान की तरह ज्ञान के बीज बोने और उन्हें सींचने जैसा प्रतीत होता है। ऐसा लगता है, मानो जिज्ञासा के पौधे को सींचा जा रहा हो। यह कहानी आपको ऊर्जावान बच्चों से भरी एक सजग रहने वाली कक्षा की चारदीवारी के भीतर उतार-चढ़ाव और मौज-मस्ती के साथ हँसी-मजाक के माहौल में ले जाती है।
वह भी एक ऐसे स्कूल में, जिसका नेतृत्व एक हेड टीचर के हाथों में है, जिनमें हमेशा कुछ नया करने का विश्वास है। कया जिज्ञासा को बढ़ावा देने से रचनात्मकता को बढ़ावा मिल सकता है ? क्या हम किसी भी उम्र में सीखने की क्षमता रखते हैं ? फ्रंटल आपको शिक्षण और सीखने की एक असामान्य, लेकिन आनंदमय यात्रा पर ले जाने की प्रतीक्षा कर रहा है।"