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Computer Aur Pustakalaya   

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Author Pandeya S.K. Sharma
Features
  • ISBN : 8185826447
  • Language : Hindi
  • Publisher : Prabhat Prakashan
  • Edition : 1st
  • ...more

More Information

  • Pandeya S.K. Sharma
  • 8185826447
  • Hindi
  • Prabhat Prakashan
  • 1st
  • 2015
  • 276
  • Hard Cover

Description

अपनी क्षिप्र गति, नेटवर्किंग क्षमताओं और अन्य अपराजेय गुणों के आधार पर कंप्यूटर मानव-गतिविधि के प्रत्येक क्षेत्र में अपना अपरिहार्य स्थान बना चुका है । आज के पुस्तकालय भी इसके प्रभाव से अछूते नहीं रह पाए हैं । कंप्यूटर का प्रयोग न केवल पुस्तकालय-सेवा के स्तर को ऊँचा उठाता है; बल्कि को पुस्तकालय कर्मचारियों को बारंबारितावाले कार्यों से मुक्‍त‌ि भी दिलाता है । पुस्तकालयों में कंप्यूटर के प्रवेश एवं प्रयोग से सूचना की बाढ़ को नियंत्रित कर सही पाठक को सही समय, सही सूचना प्रदान करने में सराहनीय सहायता मिली है । अत: आज के पुस्तकालयों के सामने दो ही रास्ते हैं : या तो कंप्यूटर को अपना मित्र बना लें, या पाठकों को अपना वैरी बनाने के लिए तैयार रहे । और, निश्‍च‌ित रूप में, प्रथम विकल्प ही सही विकल्प है ।
पुस्तकालयों में कंप्यूटर के बढ़ते प्रयोग के फलस्वरूप इस विषय के ऊपर अंग्रेजी भाषा में अनेक पुस्तकें प्रकाशित हो चुकी हैं; परंतु हिंदी भाषा में इस विषय के ऊपर कोई लोकप्रिय प्रयास अब तक सामने नहीं आ पाया है । प्रस्तुत पुस्तक इस कमी को दूर करने की दिशा में एक नम्र प्रयास है । आशा है, पुस्तकालयों में कंप्यूटर के प्रयोग से संबंधित विभिन्न पहलुओं के ऊपर सरल हिंदी भाषा में लिखी गई यह पुस्तक पुस्तकालयाध्यक्षों, पुस्तकालय विज्ञान के विद्यार्थियों एवं शिक्षकों तथा पुस्तकालय- प्रशासकों के लिए उपयोगी सिद्ध होगी ।

The Author

Pandeya S.K. Sharma

डॉ. पांडेय सूरज कांत शर्मा ने पुस्तकलय विज्ञान की शिक्षा पटना, दिल्ली तथा पंजाब विश्‍‍वविद्यालयों (एम. लिब. एस-सी., पी- एच.डी.) से प्राप्‍त की । इसके अतिरिक्‍त उन्होंने राँची विश्‍‍वविद्यालय से हिंदी साहित्य में एम.ए. तथा पी-एच.डी. की उपाधियाँ प्राप्‍त कीं । पुस्तकालय विज्ञान की पत्रिकाओं में प्रकाशित प्रतिवेदनों के अनुसार डी. पांडेय भारत में पुस्तकालय विज्ञान में पी-एच.डी. करनेवाले द्वितीय तथा दो विषयों में पी- एच.डी. (हिंदी तथा पुस्तकालय विज्ञान) करनेवाले प्रथम पुस्तकालय विज्ञानी हैं ।
उनकी लगभग एक दर्जन पुस्तकें प्रकाशित हो चुकी हैं तथा पुस्तकालय विज्ञान से संबंधित उनके लेख देश- विदेश की पत्रिकाओं में प्रकाशित होते रहते हैं । वह पुस्तकालय तथा पुस्तकालय विज्ञान पर गठित अनेक अखिल भारतीय समितियों के सदस्य रहे हैं ।
डॉ. पांडेय राजा राममोहन राय पुस्तकालय प्रतिष्‍ठान, कलकत्ता में क्षेत्र पदाधिकारी (फील्ड ऑफीसर), आगरा व‌ि‍श्‍वविद्यालय में रीडर तथा अध्यक्ष ( पुस्तकाल्‍य विज्ञान विभाग) और विश्‍‍वविद्यालय अनुदान आयोग (यू.जी.सी.) में पुस्तकालयाध्यक्ष, योजना आयोग में मुख्य पुस्तकालयाध्यक्ष एवं प्रलेखन अधिकारी तथा इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ पब्लिक एडमिनिस्ट्रेशन में प्रोफेसर के वेतनमान में पुस्तकालयाध्यक्ष के रूप में वर्षों कार्य कर चुके हैं ।
संप्रति : ‌व‌िश्‍वविद्यालय अनुदान आयोग में वरिष्‍ठ पुस्तकालय एवं सूचना अधिकणि ।

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