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व्यापार, राजनीति और समाज-सेवा के समृद्ध इतिहास से संपन्न सिएटल के एक परिवार में जनमे और पले कंप्यूटर किंग बिल गेट्स ने कंप्यूटर सॉफ्टवेयर में अपनी रुचि को बहुत कम उम्र में ही पहचान लिया और कंप्यूटरों की प्रोग्रामिंग 13 वर्ष की अवस्था में ही शुरू कर दी। सन् 1973 में बिल गेट्स हार्वर्ड विश्वविद्यालय में दाखिल हुए और वहाँ रहते हुए उन्होंने प्रथम माइक्रो कंप्यूटर के लिए प्रोग्रामिंग की एक भाषा ‘बेसिक’ की संरचना की। उनके द्वारा संस्थापित ‘माइक्रोसॉफ्ट’ विश्व की अग्रणी आई.टी. कंपनी बनी।
बिल गेट्स एक महान् स्वप्नदर्शी हैं। वे अपार संपत्ति के स्वामी ही नहीं हैं, बल्कि मानव-प्रेम से ओत-प्रोत एक परोपकारी व्यक्ति भी हैं। उन्होंने अपनी संपत्ति का एक बड़ा भाग संसार से रोग, अशिक्षा और गरीबी दूर करने के लिए समर्पित कर दिया। लोक-कल्याण बिल गेट्स का पर्यायवाची बन चुका है। वे और उनकी पत्नी मिलिंडा ने जनवरी 2005 में वैश्विक स्वास्थ्य और शिक्षा के क्षेत्र में लोक-कल्याणकारी उपक्रमों के सहायतार्थ 28.8 अरब डॉलर से अधिक की धनराशि देकर एक प्रतिष्ठान की स्थापना इस आशा से की है कि इक्कीसवीं शताब्दी में इन बुनियादी क्षेत्रों में प्रगति का लाभ सभी लोगों को मिल सके।
विश्वास है, कंप्यूटर में रुचि रखनेवाले, साथ ही भविष्य के कर्णधार युवा बिल गेट्स की इस जीवनी से प्रेरणा प्राप्त करेंगे।
फ्रीलांस लेखक जिनके विविध विषयों पर लेख अनेक पत्र-पत्रिकाओं में प्रकाशित एवं प्रशंसित। अनेक साहित्यिक-सामाजिक-सांस्कृतिक संस्थाओं में सक्रिय सहयोग।