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कांग्रेस पार्टी हमेशा फासीवाद और फासीवादी प्रवृत्ति के खिलाफ बातें करती रही है। इस पार्टी के नेता दूसरे दलों और उनके नेताओं पर फासीवादी होने का आरोप लगाते रहते हैं, लेकिन सच्चाई इसके एकदम उलट है।
इस पुस्तक में तीन अध्याय हैं, जिसमें कांग्रेस की लोकतांत्रिक परंपराओं की अवमानना और इसकी तानाशाही की चर्चा है।
यह पुस्तक अधिकांश भारतीय नागरिकों की आँखें खोल देगी, जिन्हें उन घटनाओं की जानकारी नहीं है, जिनका उल्लेख इस पुस्तक में है।
कुल मिलाकर यह देश के नागरिकों को आगाह करने के लिए एक प्रयास है, ताकि वे अधिक सतर्क रहें, जिससे भारतीय संविधान के मूल्यों और लोकतांत्रिक परंपराओं को कायम रखा जा सके।
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अनुक्रम
प्रस्तावना —Pgs. 7
1. कांग्रेस पार्टी और हिटलर —Pgs. 10
2. कांग्रेस व इसके विमान अपहर्ता —Pgs. 19
3. आपातकाल कैसे तानाशाही की नींव रखी गई —Pgs. 30
4. उपसंहार —Pgs. 52
ए. सूर्य प्रकाश विलक्षण लेखक हैं, जिनकी लिखी पुस्तकें व्यापक रूप से सराही गई हैं और काफी लोकप्रिय हुई हैं। वे नियमित स्तंभकार और भारतीय संविधान तथा संसदीय मामलों व शासन पर अग्रणी टीकाकार हैं। राष्ट्रीय मुद्दों पर वे शोधपूर्ण हस्तक्षेप के लिए भी जाने जाते हैं। पिछले 48 वर्षों से ज्यादा समय से श्री प्रकाश कई अखबारों और टेलीविजन में शीर्ष पदों पर रहे हैं।
सूर्य प्रकाश नेहरू स्मृति संग्रहालय और लाइब्रेरी की कार्यकारी परिषद् के सदस्य हैं। इसके अलावा वे लोकपाल सर्च कमेटी और विवेकानंद इंटरनेशनल फाउंडेशन की सलाहकार परिषद् के सदस्य, इंडिया फाउंडेशन, नई दिल्ली के निदेशक और इंदिरा गांधी राष्ट्रीय मुक्त विश्वविद्यालय के प्रबंधन बोर्ड के सदस्य भी हैं।
सूर्य प्रकाश से suryamedia@gmail.com पर संपर्क किया जा सकता है। उनकी वेबसाइट है—asuryaprakash.com