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"कांग्रेस अध्यक्षों के दिलचस्प तथ्य आपको इस पुस्तक में मिलेंगे। कितने ही अध्यक्षों ने मैकाले का सपना पूरा होने की खुशी जताई थी तो कितनों ने 1857 की प्रथम क्रांति को 'डार्क एज' कहा। एक ने कह डाला कि अगर गोहत्या रोकनी है तो सरकार मटन सस्ता कर दे। एक अध्यक्ष को मसजिद तोड़ने के आरोप में 10 साल की सजा हुई थी तो एक ने अधिवेशन में ही मसजिद बनवा डाली। आप अधिवेशनों में ली जाने वाली अंग्रेजी वफादारी की शपथ भी पढ़ेंगे तो 'इनकलाब जिंदाबाद' के जनक हसरत मोहानी का हिंदू विरोधी रुख भी।
कोई टीपू सुल्तान का वंशज था तो किसी का खानदान बाबर संग भारत आया था और जिन्ना संग पाकिस्तान चला गया। एक के पुरखे औरंगजेब के शिक्षक रहे थे तो सावरकर को काला पानी की सजा सुनाने वाला जज भी कांग्रेस अध्यक्ष था। एक ने ब्रिटेन की महारानी को अवतार घोषित कर दिया था तो एक ने विक्टोरिया मेमोरियल बनवाया।
आप जानेंगे, कैसे सूत कातने की गांधीजी की शर्त पर नेहरूजी ने इस्तीफा दे दिया था तो मोतीलालजी ने गांधीजी के 'सत्याग्रह' व 'अहिंसा' के विचारों को खारिज ही कर दिया था। कब जवाहर पिता मोतीलाल नेहरू की अंग्रेजों के प्रति वफादारी पर शर्मिंदा हो गए थे, जानेंगे कि जेल में मोतीलाल नेहरू को रोज आधी बोतल शैंपेन पहुँचाने की बात में कितनी सच्चाई है।