Prabhat Prakashan, one of the leading publishing houses in India eBooks | Careers | Events | Publish With Us | Dealers | Download Catalogues
Helpline: +91-7827007777

Coronakaal Ki Sachchi Kahaniyan   

₹300

Out of Stock
  We provide FREE Delivery on orders over ₹1500.00
Delivery Usually delivered in 5-6 days.
Author Ramesh Pokhriyal ‘Nishank’
Features
  • ISBN : 9789390366590
  • Language : Hindi
  • Publisher : Prabhat Prakashan
  • Edition : 1st
  • ...more

More Information

  • Ramesh Pokhriyal ‘Nishank’
  • 9789390366590
  • Hindi
  • Prabhat Prakashan
  • 1st
  • 28/08/2021
  • 136
  • Hard Cover
  • 100 Grams

Description

चारों तरफ खौफ छा गया। कुछ लोग तो दुबककर कमरों में लिहाफ के अंदर घुस गए, कुछ निडर प्रकार के लोग मोबाइल कैमरे से छिपकर वीडियो बनाने का प्रयास करने लगे।
एंबुलेंस से बाहर उतरे लोग इधर-उधर के घरों का जायजा ले ही रहे थे कि पीछे से सायरन बजाती हुई पुलिस की एक जिप्सी भी आ धमकी। जिप्सी से भी उसी प्रकार के पारदर्शी आवरण में खाकी वर्दीधारी लोग उतरे और सामने के गेट की कॉल बैल दबाई।
‘अरे मिसेज दत्ता के घर?’, हर परिवार के लोग आपस में कानाफूसी करने लगे।
‘कौन बीमार हुआ होगा?’
‘कौन होना है? वही होगी, अकेले वही तो है इस घर में!’ लोग खौफ में थे। एक-दूसरे को फोन कॉल करके पूछ रहे थे किंतु बाहर निकलकर पुलिस से या एंबुलेंस वालों से पूछने की किसी को हिम्मत न हो पा रही थी। कोरोना का खौफ इस कदर था कि मानो अगर उन्होंने थोड़ा सा भी दरवाजा खोला तो झिर्री के रास्ते ही कोरोना उनके घर के अंदर भी घुस जाएगा।
—इसी कहानी संग्रह से 

देश, समाज और अपने इर्द-गिर्द घटनेवाली घटनाओं पर पैनी नजर रखनेवाले कथाकार रमेश पोखरियाल ‘निशंक’ ने कोरोनाकाल में घटित अनेक मार्मिक घटनाओं को अपनी कहानियों में पिरोकर कोरोना जैसी महामारी से उपजे हालातों के मध्य मानव, मानवता, मानव मूल्यों और मानवीय संवेदनाओं का गहन विश्लेषण किया है। विपरीत परिस्थितियों, कठिनाइयों और संघर्षों के बीच ये कहानियाँ मन-मस्तिष्क को धैर्य, साहस और सुकून का बोध कराती हैं।

The Author

Ramesh Pokhriyal ‘Nishank’

रमेश पोखरियाल ‘निशंक’
जन्म : वर्ष 1959
स्थान : ग्राम पिनानी, जनपद पौड़ी गढ़वाल (उत्तराखंड)।
साहित्य, संस्कृति और राजनीति में समान रूप से पकड़ रखनेवाले डॉ. रमेश पोखरियाल ‘निशंक’ की कहानी, कविता, उपन्यास, पर्यटन, तीर्थाटन, संस्मरण एवं व्यक्तित्व विकास जैसी अनेक विधाओं में अब तक पाँच दर्जन से अधिक पुस्तकें प्रकाशित।
उनके साहित्य का अनुवाद अंग्रेजी, रूसी, फ्रेंच, जर्मन, नेपाली, क्रिओल, स्पेनिश आदि विदेशी भाषाओं सहित तमिल, तेलुगु, मलयालम, कन्नड़, संस्कृत, गुजराती, बांग्ला, मराठी आदि अनेक भारतीय भाषाओं में हुआ है। साथ ही उनका साहित्य देश एवं विदेश के अनेक विश्वविद्यालयों के पाठ्यक्रम में पढ़ाया जा रहा है। कई विश्वविद्यालयों में उनके साहित्य पर शोध कार्य हुआ तथा हो रहा है।
उत्कृष्ट साहित्य सृजन के लिए देश के चार राष्ट्रपतियों द्वारा राष्ट्रपति भवन में सम्मानित। विश्व के लगभग बीस देशों में भ्रमण कर उत्कृष्ट साहित्य सृजन किया। गंगा, हिमालय और पर्यावरण संरक्षण व संवर्धन हेतु सम्मानित।
उत्तराखंड के पूर्व मुख्यमंत्री एवं वर्तमान में हरिद्वार लोकसभा क्षेत्र से सांसद तथा लोकसभा की सरकारी आश्वासनों संबंधी समिति के सभापति।

Customers who bought this also bought

WRITE YOUR OWN REVIEW