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‘क्रिकेट कमेंटरी बॉक्स से’ लोकप्रिय कॉमेंटेटर, विख्यात पत्रकार, प्रतिष्ठावान लेखक और मान्य शिक्षाविद् प्रो. रवि चतुर्वेदी की एक श्रमसाध्य पुस्तक है।
पुस्तक में जहाँ रचना-कौशल है, वहीं अनुवचनित शब्द-भूमि भी है। इस पुस्तक में यह दोनों पक्ष समाहित हैं। प्रो. चतुर्वेदी ने तथ्यों और अपने अनुभवों को उचित शब्दों में ढाला है।
प्रस्तुत पुस्तक में 10 टेस्ट क्रिकेट खेलनेवाले देशों में क्रिकेट कमेंटरी के इतिहास और वहाँ के कॉमेंटेटरों के जीवन परिचय के साथ-साथ कमेंटरी कक्ष में रोचक पहलुओं पर भी प्रकाश डाला है। कमेंटरी विषय पर प्रकाशित बी.बी.सी. और जाने-माने कॉमेंटेटर व पत्रकार क्रिस्टोफर मार्टिन-जैंकिंस की पुस्तकों में सीमित स्तर पर विषय-लेखन है। कमेंटरी विषय अज्ञान की खाई पाटने में प्रो. चतुर्वेदी की पुस्तक सक्षम रहेगी। लेखक ने सभी टेस्ट क्रिकेट खेलनेवाले देशों के कॉमेंटेटरों और वहाँ की कमेंटरी पर विस्तार से लेखन किया है।
पुस्तक के माध्यम से एक अहम तथ्य यह उजागर हुआ है कि हिंदी क्रिकेट कमेंटरी के पदार्पण से पाकिस्तान में उर्दू, श्रीलंका में सिंहल और बँगलादेश में बँगला कमेंटरी का पथ प्रशस्त हुआ है।
पुस्तक कॉमेंटेटरों और कमेंटरी से संबंधित रोचक घटनाओं और घटनाक्रम का अनोखा संकलन है।
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विषय सूची
भूमिका — 9
मेरी बात — 11
आभार — 13
1. क्रिकेट और कमेंटरी से घिरा बचपन — 17
2. विश्व के पहले कमेंटेटर महाभारत के संजय — 24
3. थर्ड आई ऑफ क्रिकेट और महादेव के तीसरे नेत्र में समानता — 27
4. क्रिकेट कमेंटरी का इतिहास — 31
5. टेलीविजन क्रिकेट कमेंटरी — 42
6. भारत में क्रिकेट कमेंटरी — 47
7. भारतीय व पाकिस्तानी क्रिकेटर कमेंटेटर — 62
8. हिंदी क्रिकेट कमेंटरी — सामाजिक परिप्रेक्ष्य — 77
9. अन्य देशों में कमेंटरी का सिलसिला — 91
10. महिला क्रिकेट कमेंटेटर — 117
11. आई. पी. एल. प्रेजेंटर — 135
12. क्रिकइंफो सीधा क्रिकेट प्रसारण — 143
13. लेखक विदेशी टी. वी. चैनल और रेडियो पर — 145
14. क्रिकेट प्रसारण में टी. वी. चैनलों का प्रभुत्व — 150
15. प्रसारण की ओर बढ़ते लेखक के कदम — 153
16. आकाशवाणी मेरा दूसरा घर — 162
17. आकाशवाणी से दूरदर्शन. . . 166
18. डॉन ब्रैडमैन और अन्य खिलाडि़यों के साथ — 175
19. कमेंटरी और सद्भाव — 179
20. पत्रकारिता : प्रेरणा स्रोत, सहयोगी और सामाजिक सेवा — 190
21. मेरा योगदान क्रिकेट और. . . 209
22. कैरेबियन का मोह — 218
23. प्रसारण के दाँव-पेच जाल — 228
खेल-प्रेमियों को मंत्रमुग्ध कर देनेवाली जादुई आवाज और दूरदर्शन के परदे पर मुसकराता गंभीर चेहरा क्रिकेट उद्घोषक रवि चतुर्वेदी की पहचान बन चुका है। स्वतंत्र खेल पत्रकार और क्रिकेट की दुनिया में ‘पंडितजी’ के रूप में सुपरिचित श्री चतुर्वेदी आज किसी परिचय के मोहताज नहीं हैं। आपकी करीब एक दर्जन पुस्तकें प्रकाशित हैं।
वर्तमान में आप एक वरिष्ठ खेल पत्रकार हैं। आपकी शिक्षा-दीक्षा दिल्ली विश्वविद्यालय, चेकोस्लोवाक विज्ञान अकादमी और विंडसर विश्वविद्यालय, ओंटेरियो, कनाडा में हुई है। खेलों के प्रति आपका लगाव बचपन से ही रहा है। विश्वविद्यालय स्तर के छात्र जीवन तक आप लगातार क्रिकेट खेलते रहे हैं।
आपकी पहली पुस्तक ‘वेस्ट इंडीज-इंडिया टेस्ट क्रिकेट’ सन् 1976 में प्रकाशित हुई थी। सन् 1962 से लगातार कमेंट्री करते हुए आप अब तक 100 से अधिक टेस्ट मैचों और 152 एकदिवसीय अंतरराष्ट्रीय मैचों का प्रसारण कर चुके हैं।
सन् 1994 में ‘वर्ल्डटेल’ ने आपको अंतरराष्ट्रीय उद्घोषक की टीम में सम्मिलित किया। सन् 1996 में सिंगापुर, शारजाह, वेस्ट इंडीज और इंग्लैंड में ‘स्टार स्पोर्ट्स’ की कमेंट्री टीम में सक्रिय रहे। सन् 1999 में भारत-न्यू जीलैंड श्रृंखला के लिए टी.डब्ल्यू.आई. की कमेंट्री टीम में भी थे। आप हिंदी के ऐसे उत्कृष्ट उद्घोषक हैं, जिन्हें खेल के मर्म और बारीकियों की गहरी समझ है।