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वस्तुत: लेजर आधुनिक युग का एक अति महत्त्वपूर्ण आविष्कार कहा जा सकता है, क्योंकि इसने विज्ञान और प्रौद्योगिकी के क्षेत्र में क्रांतिकारी परिवर्तन के नवीन द्वार खोल दिए हैं। लेजर ने पारंपरिक प्रकाश स्रोतों के कई गुणधर्मों, जैसे— तीव्रता, दीप्ति, लाइन की चौड़ाई, सांसक्तता इत्यादि को कई गुना बढ़ा दिया है। लेजर सर्वगुण-संपन्न होने के कारण एक अद्वितीय प्रकाश स्रोत है। वैज्ञानिक दृष्टि से लेजर एक ऐसा विषय है, जहाँ कई क्षेत्रों का संगम होता है। इनमें विद्युत् चुंबकीय सिद्धांत, क्वांटम विद्युत् गतिकी, आणविक एवं परमाणविक भौतिकी, प्लाज्मा भौतिकी एवं इंजीनियरिंग से जुड़े हुए विषयों का समावेश है।
लेजर के आविष्कार ने विज्ञान और प्रौद्योगिकी के हर क्षेत्र में अपनी अमिट छाप छोड़ी है। लेजर किरणों को प्रयोग में लाकर आज ऐसे कल्पनातीत कार्य होने लगे हैं जो कभी असंभव जान पड़ते थे। अंतरिक्ष विज्ञान, चिकित्सा विज्ञान, दूरसंचार, उद्योगों, रक्षा अनुप्रयोगों, कंप्यूटरों आदि अनेकानेक क्षेत्रों में लेजर के बहूपयोग हैं।इस जनोपयोगी पुस्तक में लेजर से संबंधित समस्त जानकारी, यथा—लेजर किरणों का प्रादुर्भाव, मेसर, विभिन्न प्रकार के लेजर, लेजर के विशिष्ट गुणधर्म, सिद्धांत व विकास, लेजर के अनगिनत क्षेत्रों में उपयोग तथा इसके प्रयोग में सावधानियाँ विषयक महत्त्वपूर्ण जानकारी सरल हिंदी भाषा में चित्रों सहित प्रदान की गई है।
मुझे पूर्ण विश्वास है, पुस्तक में समाविष्ट जानकारी से प्रबुद्ध पाठकगण अवश्य लाभान्वित होंगे।
जोधपुर में जनमे विज्ञान की उच्चतम शिक्षा प्राप्त, देश-विदेश की दस लब्ध-प्रतिष्ठ विज्ञान-संस्थाओं के चयनित फेलो, रॉयल सोसाइटी ऑफ केमिस्ट्री, लंदन से चार्टर्ड केमिस्ट की सम्मानोपाधि प्राप्त देश के वरिष्ठ विज्ञान संचारक। विगत 38 वर्षों से हिंदी में विज्ञान-लेखन और विज्ञान लोकप्रियकरण में रत डॉ. दुर्गादत्त ओझा की पुरातन एवं अद्यतन विज्ञान विषयों पर हिंदी में 50 से अधिक कृतियाँ, सहस्राधिक विज्ञान आलेख एवं शताधिक शोध-पत्र प्रकाशित हैं।
भूजल विभाग जोधपुर के अवकाश प्राप्त वरिष्ठ वैज्ञानिक डॉ. ओझा को अनेक राष्ट्रीय पुरस्कारों एवं सम्मानोपाधियों से अलंकृत किया गया है, जिनमें प्रमुख हैं—राष्ट्रीय ज्ञान-विज्ञान पुरस्कार, राष्ट्रीय विज्ञान-संचार पुरस्कार, राष्ट्रीय ग्रामीण साहित्य पुरस्कार, महामहिम राष्ट्रपति से डॉ. आत्माराम पुरस्कार, मेदिनी पुरस्कार आदि। डॉ. ओझा देश-विदेश की अनेक विज्ञान-संस्थाओं से जुड़े हुए हैं तथा विज्ञान विषयक कई पत्रिकाओं एवं शोध-जर्नलों के संपादक मंडल के सदस्य हैं।