Prabhat Prakashan, one of the leading publishing houses in India eBooks | Careers | Events | Publish With Us | Dealers | Download Catalogues
Helpline: +91-7827007777

Dalit Crorepati 15 Prernadayak Kahaniyan   

₹350

In stock
  We provide FREE Delivery on orders over ₹1500.00
Delivery Usually delivered in 5-6 days.
Author Milind Khandekar
Features
  • ISBN : 9789350488591
  • Language : Hindi
  • Publisher : Prabhat Prakashan
  • Edition : 1st
  • ...more

More Information

  • Milind Khandekar
  • 9789350488591
  • Hindi
  • Prabhat Prakashan
  • 1st
  • 2017
  • 168
  • Hard Cover

Description

ये कहानियाँ बताती हैं कि कैसे एक समय टूटी हुई निब बदल पाने में अक्षम अशोक खाड़े की कंपनी दास ऑफशोर आज बॉम्बे हाई में तेल निकालने वाले कुएँ के प्लेटफॉर्म बनाती है। किस तरह कल्पना सरोज ने बंद पड़ी मुंबई की कमानी ट्यूब्स को मुनाफे में ला दिया। कभी मजदूरी करने वाले आगरा के हरी किशन पिप्पल अस्पताल चलाते हैं, और अहमदाबाद की सविताबेन कोलसावाला टाइल्स बनाती हैं, जबकि भावनगर के देवजीभाई मकवाना फिलामेंट यार्न।
दलित करोड़पति में ऐसे 15 लोगों की कहानियाँ हैं, जिन्होंने पिछले कुछ सालों में करोड़ों का कारोबार खड़ा कर लिया है। उनकी कहानियाँ यह दिखाती हैं कि उन्होंने कैसे रोड से करोड़ों तक का सफर तय किया।
ये कहानियाँ हैं—संघर्ष और सफलता की, सीमाओं के बंधन और उनके टूटने की, जाति और पूँजीवाद की। ये हमें उस जातीय भेदभाव के बारे में भी बताती हैं, जो रोजमर्रा के शहरी जीवन में समाज के सबसे निचले पायदान पर खड़े लोगों को झेलना पड़ता है। ये उनकी ताकत, साहस और लगन के बारे में बताती हैं, जो सारी रुकावटों के बावजूद ऊपर उठ सके और उन लोगों के लिए एक मिसाल बन गए, जिनमें आगे बढ़ने और सपने देखने का साहस है।

—सुरिंदर जोधका
समाजशास्त्री, जेएनयू

 

The Author

Milind Khandekar

मिलिंद खांडेकर इंदौर में पले-बढे़ और इसी शहर के देवी अहिल्या विश्‍वविद्यालय से पढ़ाई की। पत्रकारिता के क्षेत्र में उन्हें बाईस वर्षों से ज्यादा का अनुभव है। फिलहाल वे नोएडा में मीडिया कंटेंट ऐंड कम्युनिकेशंस सर्विसेज (आई) प्रा.लि. (एमसीसीएस), मुंबई के प्रबंध संपादक हैं, जिनके तहत एबीपी न्यूज, एबीपी आनंदा और एबीपी माझा न्यूज चैनल आते हैं। इसके पहले वे नवभारत टाइम्स और आज तक में काम कर चुके हैं। उन्होंने टाइम्स सेंटर फॉर मीडिया स्टडीज से प्रशिक्षण प्राप्त किया था और 1991 में उन्हें हिंदी में शानदार प्रशिक्षु के लिए ‘राजेंद्र माथुर सम्मान’ मिल चुका है।

Customers who bought this also bought

WRITE YOUR OWN REVIEW