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बाबू जगजीवन राम का चरित्र यकीनन बहुत विराट् था। उन्होंने दलित उत्थान तथा देश की आजादी एवं राजनीति में अहम योगदान दिया। एक दलित नेता होने के नाते उनका नाम आते ही लोग उनकी तुलना डॉ. भीमराव आंबेडकर से करने लगते हैं, जबकि बाबू जगजीवन राम के बारे में बात करते वक्त उनके व्यक्तित्व को अलग से देखने की जरूरत है। इसकी एक वजह तो यही है कि जहाँ आंबेडकर एक सिद्धांतकार थे, तो वहीं यह नहीं भूलना चाहिए कि बाबू जगजीवन राम कुशल प्रशासक और व्यावहारिक व्यक्ति। इसलिए इन दोनों का काम अपनी-अपनी जगह अलग है। आंबेडकर ने जहाँ संविधान निर्माण और आजादी की लड़ाई में अहम योगदान दिया तो जगजीवन राम का योगदान आजादी की लड़ाई के बाद देश के प्रशासन में भी अहम है। उन्हें सन् 1948 के बाद जो भी विभाग मिला, अगर उनके काम को देखें तो वह उल्लेखनीय है।
इस पुस्तक में उनके जन्म से लेकर अभाव भरे जीवन के साथ-साथ उनकी राजनीति और देश की आजादी में उनके योगदान पर विस्तार से प्रकाश डाला
गया है।
अत्यंत सरल और सुबोध शैली में लिखित यह पुस्तक अन्य जीवनियों की तरह बोझिल नहीं होती, वरन् सरस भी बनी रहती है और बाबू जगजीवन राम के विराट् व्यक्तित्व को रेखांकित कर उन्हें प्रेरणापुरुष बनाती है।
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अनुक्रम
भूमिका —Pgs. 7
आभार —Pgs. 9
1. विषय-प्रवेश —Pgs. 15
2. बाबू जगजीवन राम और उनका व्यक्तित्व —Pgs. 19
3. भारतीय राजनीति में बाबू जगजीवन राम का स्थान —Pgs. 36
4. जाति-व्यवस्था पर जगजीवन राम के विचार —Pgs. 79
5. सामाजिक समता पर जगजीवन राम का विचार —Pgs. 102
6. बाबू जगजीवन राम की केंद्रीय मंत्री के रूप में देश सेवा —Pgs. 123
7. किसानों श्रमजीवियों के मसीहा के रूप में उनकी सफलता : एक समीक्षा —Pgs. 144
8. दलितों के उत्थान में बाबू जगजीवन राम का योगदान —Pgs. 158
9. निष्कर्ष —Pgs. 183
संदर्भ ग्रंथ-सूची —Pgs. 207
NEWS PAPERS & JOURNAL —Pgs. 210
पी-एच.डी. उपाधि हेतु संशोधित शोध-प्रारूप —Pgs. 212
डॉ. मो. खुर्शीद आलम
जन्म : 08 मई, 1970, भखराईन, प्रखार मधेपुर, मधुबनी (बिहार)।
पिता : स्व. मो. हाशिम अंसारी।
शिक्षा : प्रारंभिक शिक्षा गाँव के ही मध्य विद्यालय में हुई। सन् 1979 ई. में मदरसा इस्लामिया नूरिया पचही में दाखिला। पिताजी शिक्षक थे। सन् 1983 में मदरसा इस्लामिया नूरिया पचही से फौकानिया (मैट्रिक) की परीक्षा उत्तीर्ण होकर सन् 1983 में एच.पी.एस. कॉलेज, मधेपुर में प्रवेश लिया और सन् 1988 में बी.ए. (ऑनर्स) राजनीति शास्त्र में उत्तीर्ण किया। सन् 1992 में मिल्लत कॉलेज दरभंगा से एम.ए. पास किया। सन् 2017 में एल.एन.एम.यू. दरभंगा से पी-एच.डी. की उपाधि प्राप्त की; साथ ही बिहार राज्य मदरसा शिक्षा परिषद् पटना से डबल फाजिल (स्वतंत्र) रूप में पास किया।
सन् 1992 से 2000 तक वित्तरहित पी.के.जे. इंटर कॉलेज में रहे और मधेपुर में प्राध्यापक के रूप में कार्य किया।
संप्रति : मदरसा इस्लामिया नूरिया पचही (मधेपुर) में सहायक शिक्षक के रूप में कार्यरत।