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Dear ज़िंदगी—ज़िंदगी का ऐहतराम करती मेरी पहली किताब पेश है आप सबके सामने। इसमें ज़िंदगी की दी हुई खुशियों का जश्न भी शामिल है और इसके दिए गमों की शि़कायत भी। अगर इस किताब को चंद अल़्फाज़ों में निचोड़ना हो तो शायद कुछ यों होगा—
यह चंद स़फहों की किताब है
मेरे कुछ महीनों का हिसाब है
फलस़फे ज़िंदगी के हैं इसमें
ये मेरे ख़्वाहिशों के ख़्वाब हैं
गमे तनहाई मिला है इश़्क से
पर यादों का स़फर लाजवाब है
जुदाई लाज़मी है इस स़फर में
वक़्त को रिश्तों का जवाब है
मैं नहीं जानता कि मैं कोई शायर हूँ, कवि हूँ या नहीं और इस बात का दावा भी नहीं करना चाहूँगा। मैं तो बस एक आम सोच रखने वाला मामूली इंसान हूँ, जिसे न तो लिखने की सोहबत मिली है, न ही विरासत। इस किताब की रचनाएँ बस मेरी संवेदनाएँ हैं, जो खुद-ब-खुद लफ्ज़ों में तब्दील हो गई हैं। ज़िंदगी के अलग-अलग पहलुओं को मेरी नज़र से देखने की कोशिश मात्र है। ज़िंदगी को जो भी थोड़ा- बहुत देखा, परखा या समझा है, वही लिखकर आपके समक्ष प्रस्तुत किया है। संभवतः वही संवेदनाएँ आपको भी छू जाएँ और आप स्वयं से इसको जोड़ पाएँ।
इस किताब के प्रकाशन से बेहद खुशी है, आ़िखरकार ये मेरी पहली किताब है, पर साथ-ही-साथ एक डर भी सताता है कि क्या यह आपकी उम्मीदों की कसौटी पर खरी उतरेगी, पर इस डर से लड़ने के सिवा और कोई उपाय भी नहीं है। उम्मीद है, आपको मेरी ये किताब और इसकी रचनाएँ पसंद आएँ।
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अनुक्रम | |
भूमिका—7 | 58. गायब है... 95 |
ज़िंदगी— | 59. खुदा का शुक्र है—96 |
1. Dear ज़िंदगी—16 | 60. इंसान गुलाम है—97 |
2. शतरंज़ी ज़िंदगी—18 | 61. डरता हूँ मैं—98 |
3. हम भी देखेंगे...भाग-1—19 | 62. एक नया मु़काम—99 |
4. मुझे पानी कर दे मौला—20 | 63. बदलता इंसान—100 |
5. ज़िंदगी के रंग-रूप—22 | 64. या ह़क है—102 |
6. ज़िंदादिली—23 | 65. आँखों देखा धोखा—103 |
7. मुझे कुबूल है—24 | 66. आस्तीन के साँप—104 |
8. आदाब अर्ज है—25 | 67. धरती की करवट—105 |
9. समझौता—26 | 68. साहिल और सेहरा—107 |
10. खुद का खुदा—27 | 69. वही का़फी है—108 |
11. मुति—28 | 70. लुका-छिपी—110 |
12. नई सुबह—30 | 71. काश का मोहपाश—111 |
13. हालात—31 | 72. आज का अ़खबार—112 |
14. जीने का नजरिया—32 | 73. जड़ों से जुड़ा हूँ मैं—113 |
15. सवाल—33 | 74. मेरा क़ातिल—114 |
16. ज़िंदगी यूँ गुज़री... 34 | 75. दिल का जुड़वाँ—115 |
17. ये कैसी ज़िंदगी—35 | 76. रब की आज़माइश—117 |
18. ज़िंदगी ही माँग ले—36 | 77. आईना—118 |
19. हम भी देखेंगे... भाग-2—37 | 78. ज़्यादा कभी ज़्यादा नहीं होता—119 |
20. स़फे ज़िंदगी के—38 | 79. पीने (जीने) का बहाना—120 |
ग़म | 80. सौवीं कविता—122 |
21. जान का ख़तरा—40 | 81. फूल की दास्तान—123 |
22. कुछ यूँ नहीं करते—41 | 82. माँगते हैं—124 |
23. ग़मे ज़िंदगी—43 | 83. उम्र—125 |
24. दिल का भँवर—44 | 84. असर... 126 |
25. दुनिया की चाह—45 | 85. सीख लिया—127 |
26. पिंजरे का पंछी—46 | 86. माऌ़फ कर दिया—128 |
27. अहमियत ग़म की—48 | 87. साँसें देखी हैं मैंने—129 |
28. एक अजीब सी बेचैनी—49 | 88. नहीं बनती—130 |
29. सितारे—51 | 89. एक हैं हम—132 |
30. एक भीगा खत... 52 | तनहाई— |
31. यूँ—53 | 90. तनहाई की ख़ामोशी—136 |
32. ग़मों की शि़कायत—54 | 91. तनहाई मेरा हमराज़—138 |
व़त का स़फर | 92. ख़ामोशी, कुछ कहती है—139 |
33. कुछ बात बने—56 | 93. तनहाई और मैं—141 |
34. व़त का इंत़काम—57 | 94. सब तनहा हैं... 142 |
35. व़त के मायने—58 | 95. ये अजनबी शहर—143 |
36. व़त का हिसाब—59 | 96. चाँद अकेला है... 145 |
37. सुन मेरे हमसऌ़फर—60 | 97. अकेला नहीं कोई—146 |
39. स़फरनामा—61 | जुदाई |
रिश्ते | 98. दिल रिसता है—148 |
40. पापा की पतंग—64 | 99. शुरुआत करते हैं—149 |
41. बात नहीं करते—66 | 100. चली गई वो—150 |
42. कुछ रिश्ते ऐसे भी—67 | 101. फासलों से नजदीकियाँ—152 |
43. स़फेद बाल—68 | 102. खुद की तलाश—154 |
44. य़कीन का रिश्ता—69 | 103. हूँ शायद... 155 |
45. य़कीन—70 | कशमकश |
46. रूठे रिश्ते—71 | 104. दिल की कशमकश—158 |
यादें | 105. उलझनों का सबब—159 |
47. पुरानी संदूक—74 | 106. दुआओं की दऱकार—160 |
48. जश्न—76 | 107. और कुछ भी नहीं—161 |
49. दिलजलों की मह़िफल—78 | 108. कशमकश... 163 |
50. यूँ लगी ठोकर—80 | ख़्वाहिश |
51. सूना छत—81 | 109. गु़तगू खुदा से—166 |
फलस़फे | 110. मैं या चाहता हूँ—169 |
52. क़फन—84 | 111. सोने दो—170 |
53. भगवान् को प्यारा—86 | 112. वो तजुर्बा—171 |
54. गाँव नहीं रहा—87 | 113. सिकंदर—172 |
55. नकाब के चेहरे—89 | 114. तो या हो—173 |
56. द़तर—91 | 115. सहारा—174 |
57. इंसान बदलता है—93 | 116. आ़गाज़ किया है—176 |