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Deshbhakton Ki Amar Kahaniyan   

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Author Chitra Garg
Features
  • ISBN : 9789393113061
  • Language : Hindi
  • Publisher : Prabhat Prakashan
  • Edition : 1st
  • ...more

More Information

  • Chitra Garg
  • 9789393113061
  • Hindi
  • Prabhat Prakashan
  • 1st
  • 2022
  • 208
  • Soft Cover
  • 250 Grams

Description

"हमारे राष्ट्र के निर्माण में अनेक महान देशभक्तों व क्रांतिवीरों का योगदान रहा है। चाहे राष्ट्र का स्वावलंबन हो, स्वतंत्रता संग्राम हो या स्वाभिमान, सभी में देशभक्तों ने अमूल्य योगदान दिया है, जिससे नए भारत का निर्माण हो सका। अनेक क्रांतिकारियों ने देश की स्वाधीनता हेतु अपने प्राण न्योछावर कर दिए। उनकी जीवन-स्मृति व योगदान हमारी अमूल्य धरोहर है। उनके जीवन की कहानियाँ हमारे अंदर देशप्रेम की भावना जाग्रत करके हमें राष्ट्र-निर्माण में सहयोग देने के लिए प्रेरित करती हैं।

प्रस्तुत पुस्तक में माँ भारती के कुछ अमर सपूतों के जीवन से संबंधित प्रेरणाप्रद घटनाओं को कहानी के रूप में प्रस्तुत किया गया है। कुछ देशभक्तों के नाम जाने-पहचाने हैं और कुछ पूरी तरह अपरिचित हैं। दरअसल अनेक क्रांतिकारी वीरों को हमारे देश ने विस्मृत कर दिया है। एक ही पुस्तक में बहुत सारे क्रांतिवीरों और देशभक्तों की कहानियाँ पाठकों को रोचक अंदाज में प्रस्तुत करने का यह विनम्र प्रयास है।

वर्तमान और भावी पीढिय़ों को अपने हुतात्माओं, क्रांतिवीरों और देशभक्तों के त्याग, समर्पण तथा राष्ट्रभक्ति से परिचित करानेवाली पठनीय कृति।"

The Author

Chitra Garg

सुपरिचित लेखिका चित्रा गर्ग बरसों से लेखन से जुड़ी हैं। प्रारंभ में कुछ वर्षों तक पत्र-पत्रिकाओं में लेख तथा कहानियाँ लिखने के पश्चात् पुस्तक लेखन की ओर रुख किया। अब तक 600 लेखों के अतिरिक्‍त उनकी 72 पुस्तकें प्रकाशित हो चुकी हैं। वह विविध विषयों, जैसे बाल साहित्य, जीवनी, मार्शल आर्ट, विज्ञान, यात्रा, बाल मनोविज्ञान, कॅरियर तथा पारिवारिक विषयों पर पुस्तकें लिख चुकी हैं। वर्ष 1999 में हिंदी अकादमी, दिल्ली सरकार द्वारा उन्हें ‘बाल साहित्य सम्मान’ तथा वर्ष 2000 में सूचना व प्रसारण मंत्रालय, भारत सरकार द्वारा ‘भारतेंदु हरिश्‍चंद्र पुरस्कार’ प्रदान किया गया। उन्होंने बाल पत्रिका ‘बाल मंच’ का संपादन तथा पारिवारिक पत्रिका ‘जाह्नवी’ का सह संपादन किया है। दूरदर्शन के लिए लघु फिल्मों व कार्यक्रमों का निर्माण-निर्देशन व लेखन कर चुकी हैं।वह अमेरिका, कनाडा, चीन, फ्रांस, जर्मनी, ऑस्ट्रेलिया, न्यूजीलैंड तथा दक्षिण अफ्रीका सहित 30 देशों का भ्रमण कर चुका है। उन्हें फोटोग्राफी व बागवानी में रुचि है। वह ईश्‍वर में आस्था रखती हैं, पर पूजा-पाठ में नहीं। उनकी प्रेरणा उनके पिता श्री जीत प्रकाश अग्रवाल हैं, जिनका अल्पायु में निधन हो गया था।

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