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शिव में जब गुण आते हैं तो मनुष्य बनता है। मनुष्य यदि निर्गुण हो जाए तो वह पुनः शिव हो सकता है। यह कोई सिद्धांत नहीं बल्कि विज्ञान है और शिव होना सभी के लिए संभव है।
दरअसल हर मनुष्य के जीवन में एक ऐसा कर्म जरूर होता है, जो उसके सभी गुणों को बाहर कर उसे निर्गुण कर दे, उसे पुनः शिव कर दे। इस कर्म की प्राप्ति बहुत कठिन भी नहीं। ऐसा भी नहीं कि इसके बदले हमें कुछ खोना पडे़गा, बल्कि सच तो यह है कि इस कर्म की खोज ही सबकुछ पाने का एक मात्र रास्ता है।
महादेश शिव की दया, कृपा और आशीर्वाद से इस पुस्तक में उसी रास्ते पर प्रकाश डालने का प्रयास किया गया है।
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अनुक्रमणिका
देव से महादेव
प्रसन्न महादेव
शिव धर्म
1. ज्ञान
2. कर्म
3. ध्यान
4. जप
5. तप
देव से महादेव वेलफेयर सोसायटी