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समसामयिक विषयों पर रचित इन आलेखों में समाज की विभिन्न गतिविधियों एवं परिस्थितियों का प्रतिबिंब बखूबी झलकता है। ये रचनाएँ विविध सांस्कृतिक, सामाजिक, राजनीतिक और पारिवारिक अभिव्यंजनाओं के मानदंड को अभिव्यक्त करती हैं। इन आलेखों को सारगर्भित परंतु सरल भाषा में सँजोया गया है। लेखक ने अपनी बात ‘धाकड़’ तरीके से कही है और सभी रचनाएँ बेमिसाल हैं। इस ‘धाकड़वाणी’ में वह सबकुछ है, जो एक आला दरजे की पुस्तक के लिए जरूरी होता है। यह पुस्तक पाठकों को चिंतन, संवेदना, कटाक्ष के साथ-साथ व्यंग्य की तीक्ष्ण धार एवं समाज की जीवन-झाँकी से अवश्य रूबरू कराएगी।
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अनुक्रम
धाकड़वाणी के पंचतत्त्व — Pgs. 5
धाकड़वाणी : साँच-साँच सो साँच! — Pgs. 11
सजग करती धाकड़वाणी — Pgs. 13
संजय उवाच : धाकड़वाणी — Pgs. 15
मेरी बात — Pgs. 17
आभार — Pgs. 19
1. दशावतार और जीवन-क्रम — Pgs. 23
2. जनांदोलनों का दौर — Pgs. 27
3. स्वच्छ भारत अभियान — Pgs. 31
4. रक्तबीज — Pgs. 36
5. भारत भाग्य विधाता — Pgs. 41
6. नर हो, न निराश करो मन को — Pgs. 46
7. न आना इस देश...एडीसन — Pgs. 51
8. प्रत्यक्षे प्रियवादिनम् — Pgs. 55
9. बेगानी शादी में अब्दुल्ला दीवाना — Pgs. 59
10. भाषाओं का मायाजाल — Pgs. 65
11. बिना धन्यवाद वापस — Pgs. 70
12. अब करूँगा गंदी बात — Pgs. 75
13. इक यह भी दीवाली है 78
14. परनिंदा परम सुखम् — Pgs. 85
15. अंधा बाँटे रेवड़ी — Pgs. 90
16. साथी, हाथ बढ़ाना 95
17. ...अब गोली खा — Pgs. 98
18. और अब पैट्रोल बम — Pgs. 103
19. मैं लडूँगा — Pgs. 108
20. रस्म अदायगी — Pgs. 112
21. कार्तिक कॉलिंग कार्तिक — Pgs. 116
22. जिन खोदा तिन पाइयाँ, गहरी धरती पैठ — Pgs. 119
23. मौसम गार्डेन — Pgs. 124
24. दाग अच्छे हैं — Pgs. 129
हेमन्त कुमार भारतीय रेल के वरिष्ठ अधिकारी हैं। उन्होंने महाराजा एक्सप्रेस तथा नए ईएमयू कोचों की डिजाइनिंग में अहम भूमिका निभाई है। वे पश्चिम रेलवे के महाप्रबंधक के महत्त्वपूर्ण पद पर रहे।
श्री कुमार को रेल के डिब्बों को आकार देने में ही महारथ हासिल नहीं है, बल्कि एहसास और भावनाओं को शब्दों में रँगकर सुलेखों में पिरोने का काम भी वे दक्षता से करते हैं। वे आम आदमी से जुड़े विषयों पर लिखने में रुचि रखते हैं तथा अपने विचारों को ‘धाकड़वाणी’ ब्लॉग के माध्यम से व्यक्त करते हैं। उनकी पहली पुस्तक कुंडलिया छंद पर आधारित ‘कह धाकड़ कविराय’ वर्ष 2014 में प्रकाशित हुई।
पाठक धाकड़ कविराज के विचारों तथा रचनाओं को 222.dhaakar.blogspot.in ब्लॉग परU भी पढ़U सकते हैंU।
संप्रतिः रेलवे बोर्ड में सदस्य यांत्रिक के पद पर कार्यरत हैं।