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Author Ajay Kumar
Features
  • ISBN : 9789386054753
  • Language : Hindi
  • Publisher : Prabhat Prakashan
  • Edition : Ist
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  • Kindle Store

More Information

  • Ajay Kumar
  • 9789386054753
  • Hindi
  • Prabhat Prakashan
  • Ist
  • 2019
  • 160
  • Hard Cover

Description

नई तकनीक आती है तो पुरानी तकनीक उसके सामने टिक नहीं पाती। बाबर की सेना बंदूक लेकर आई तो भारत के सैनिक लाठी-भाला लेकर उनके सामने नहीं टिक सके। अंग्रेज तोप लेकर आए तो मुगलों की बंदूक उनके सामने नहीं टिक सकी। नई तकनीक के सामने पुरानी तकनीक पर आधारित रोजगार भी खतरे में पड़ जाते हैं।
प्रारंभ में भारत में कंप्यूटर का काफी विरोध हुआ। कहा गया कि इससे रोजगार घटेंगे, लेकिन कंप्यूटर तमाम नए तरह के रोजगार पैदा करने का साधन बना। यह सही है कि पुरानी तकनीक आधारित रोजगारों को बचाने की मुहिम दुनिया भर में चलती रहती है। अकसर सरकारें भी ऐसी कोशिशों में लगी रहती हैं लेकिन इसका नतीजा अकसर अर्थव्यवस्था पर बोझ बनकर सामने आता है।
डिजिटल दुनिया हर पल और हर दिन बदल रही है। इससे जुड़े संदर्भ, डाटा और सूचनाएँ कभी भी पुरानी पड़ सकती हैं। इसलिए पुस्तक में दिए गए संदर्भ, डाटा और सूचनाओं को बदलते संकेतक के रूप में देखा जाना चाहिए।
डिजिटल तकनीक आधारित कंप्यूटर और मोबाइल समाज, संस्कृति और अर्थव्यवस्था के साथ जीवनशैली को भी तेजी से बदल रहे हैं। इस बदलाव से आम और खास सभी प्रभावित हैं। बदलाव की इसी गति और प्रवृत्ति को इस पुस्तक में देखने की कोशिश की गई है, जो सुहृद पाठकों के लिए उपयोगी सिद्ध होगी।

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अनुक्रम

भूमिका—7

1. डिजिटल युग : ज्ञान का अर्थशास्त्र—13

2. डिजिटल बैंकिंग : कैश-लेस सोसाइटी का आगाज—22

3. ऑनलाइन शॉपिंग : खुदरा बाजार का नया स्वरूप—32

4. मोबाइल : डाक बाबू का गया जमाना—44

5. सोशल मीडिया : सूचना-संचार का बढ़ता दायरा—49

6. डिजिटल इंडिया : नए सपनों का भारत—59

7. डिजिटल विज्ञापन : वर्चुअल सुख का अनुभव—69

8. थ्री-एस : अश्लीलता का वाणिज्यीकरण—79

9. नेट-न्यूटे्रलिटी : डिजिटल अर्थशास्त्र का द्वंद्व—88

10. साइबर क्राइम : एक बड़ी चुनौती—95

11. रेडियो : मनोरंजन का कॉकटेल—108

12. डिजिटल संगीत : बंद होते म्यूजिक स्टोर—114

13. शादी डॉट कॉम : गया जमाना पंडितजी का—120

14. डिजिटल मीडिया : हिंदी का भविष्य—124

15. मनोरंजन इंडस्ट्री : तकनीकी कनवर्जेंस के दायरे में—130

16. टी.आर.पी. : मीडिया उद्योग का रिमोट—137

परिशिष्ट-1 : भारत में इंटरनेट —143

परिशिष्ट-2 : भारत में इंटरनेट सेवा महँगी—144

परिशिष्ट-3 : ब्रॉडबैंड—145

परिशिष्ट-4 : इंटरनेट ब्रॉडविड्थ की पहेली—147

परिशिष्ट-5 : लिमिटेड इंटरनेशनल ब्रॉडविड्थ—149

परिशिष्ट-6 : इंटरनेट सर्विस प्रोवाइडर्स (आई.एस.पी.)—151

परिशिष्ट-7 : मार्केट रिसर्च और सर्वे—153

परिशिष्ट-8 : इंटरनेट सेवा की हकीकत—154

परिशिष्ट-9 : आधार कार्ड डाटा पर सरकार की नजर—156

परिशिष्ट-10 : डिजिटल रिकॉर्ड के इतिहास होने की चेतावनी—157

परिशिष्ट-11 : डिजिटल इंडिया पर ट्राई के चेयरमैन

आर.एस. शर्मा की टिप्पणी—158

The Author

Ajay Kumar

जन्म : 26 जनवरी, 1967 को सीवान के जुड़कन गाँव में।
शिक्षा : बी.एच.यू., वाराणसी से बी.ए. (इतिहास ऑनर्स) और पत्रकारिता एवं जनसंचार में स्नातकोत्तर।
संप्रति : सहायक निदेशक (समाचार) दूरदर्शन केंद्र, पटना में कार्यरत।
संपर्क : ग्राम-जुड़कन, पो.-मड़कन, जिला-सीवान-841226
इ-मेल : ajaypatnadfp@gmail.com

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