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प्रत्येक माता-पिता की इच्छा होती है कि उनके घर भी झाँसी की रानी, महाराणा प्रताप, शिवाजी, स्वामी विवेकानंद, ध्रुव, प्रह्लाद, मीरा, श्रवण कुमार, अभिमन्यु आदि जैसी संतान हो, किंतु इसको साकार करने के पीछे जो वैज्ञानिक और वैदिक चिंतन था, उसके विषय में अधिकांश जन अनभिज्ञ हैं।
भारतीय ऋषियों ने अनेकानेक वर्षों तक शोध एवं आत्मज्ञान के आधार पर विभिन्न वैज्ञानिक एवं वैदिक चिंतनों को निश्चित सिद्धांतों के रूप में पिरोया, जिन्हें 'संस्कार' कहते हैं । इन्हीं संस्कारों और परंपराओं का आधार है-गर्भ संस्कार । यह दिव्य (दैवीय) विज्ञान है।
प्रस्तुत ग्रंथ 'दिव्य गर्भ संस्कार विज्ञान' नारी सशक्तिकरण और परिवार संस्था को सबल बनाने तथा प्रत्येक परिवार/व्यक्ति में दिव्य शक्तियों के आमंत्रण और आगमन का आधार है।
जब माता- पिता किसी दिव्य आत्मा का आह्वान करते हैं, तो उनको वही शारीरिक, मानसिक और आध्यात्मिक पात्रता भी स्वयं में विकसित करनी होती है। इसीलिए मनुष्य में देवत्व का उदय और धरती पर स्वर्ग के अवतरण के उद्घोष को साकारित कर भारत के विश्वगुरु के पुरातन वैभव और स्वर्णिम भविष्य की नींव इस 'दिव्य गर्भ संस्कार विज्ञान' ग्रंथ के माध्यम से रखकर हम देवकऋण- ऋषिऋण-पितूऋण-भूतऋण-मनुष्य/लोक ऋण-राष्ट्रऋण से उऋण हो सकते हैं।
डॉ. उषा राजेंद्र पैंसिया—भारतीय परंपरा और संस्कारों के सबसे रहस्यमय और आश्चर्यजनक विज्ञान गर्भ संस्कार पर प्रस्तुत ग्रंथ ' दिव्य गर्भ संस्कार विज्ञान' लिखने वाली डॉ. उषा राजेंद्र पैंसिया का जन्म 25 मार्च, 1991 को हुआ।
राजस्थान विश्वविद्यालय से 'परास्नातक (राजनीति विज्ञान में स्वर्ण पदक) करने के उपरांत इन्होंने 'भारत में धार्मिक स्वतंत्रता का अधिकार व पंथनिरपेक्षता : एक अध्ययन' पर शोध किया । इसके साथ ही राजस्थान सरकार में ही स्कूल व्याख्याता के रूप में कुछ समय तक कार्य करने के उपरांत त्यागपत्र दे दिया, ताकि अपने लेखन, शिक्षा, अध्यात्म एवं सामाजिक सरोकारों से संबंधित विभिन्न क्षेत्रों में संपूर्ण समय दे सकें।
'नित्य पूजा एवं चर्चा', 'माँ गीता दैनंदिनी' (गीता डायरी), 'मैं आगरा हूँ', 'उत्तिष्ठ शिक्षक-प्रतिष्ठ भारत ' इत्यादि पुस्तकें लिखने के साथ-साथ आपणो ट्रस्ट और श्री आपणो परिवार के माध्यम से भारतीय शिक्षा, संस्कार एवं संस्कृति से संबंधित विभिन्न सेवा-कार्यों को मूर्त रूप देने में संलग्न हैं।
उनके यूट्यूब चैनल हैं—Pathshala और Geeta Talks : श्री आपणो परिवार/Spiritual Club.